पहलगाम आतंकी हमले का करतारपुर कॉरिडोर पर असर नहीं: यहां से पाकिस्तान में करतारपुर साहिब आने-जाने की छूट, फिर भी 60% श्रद्धालु घटे – Amritsar News h3>
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच आने-जाने पर पाबंदी लग गई है। हालांकि पंजाब के गुरदासपुर स्थित करतारपुर कॉरिडोर में आने-जाने पर रोक नहीं है। दोनों देशों की सरकार की ओर से इस यात्रा पर कोई प्रतिबंध नह
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हालांकि आतंकी हमले का असर श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा पर भी पड़ा है। बीते एक हफ्ते से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 60% से ज्यादा की कमी आई है।
गौरतलब है कि करतारपुर साहिब वही पावन स्थल है, जहां सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष व्यतीत किए थे और यहीं उन्होंने अपने प्राण त्यागे थे। करतारपुर कॉरिडोर खुलने के बाद हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए जाते थे, लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं।
हमले के बाद से ही गिरावट आती गई यह गिरावट पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए उस आतंकी हमले के बाद आई है, जिसमें 26 टूरिस्टों की हत्या कर दी गई थी। इससे पूरे देश में आक्रोश है। आंकड़ों के मुताबिक 23 अप्रैल को जहां 408 श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान गए थे, वहीं 28 अप्रैल को यह संख्या घटकर महज 133 रह गई। यानी 6 दिन में यात्रा करने वालों की संख्या में लगभग 60% की गिरावट दर्ज की गई। श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार हो रही इस गिरावट को दोनों देशों की बीच बढ़ते तनाव को ही माना जा रहा है।
SGPC और स्थानीय नेताओं की अपील डेरा बाबा नानक के बाबा सुखदीप सिंह बेदी ने कहा कि डर का माहौल जरूर है, लेकिन यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। यहां दोनों देशों की ओर से तय प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है। SGPC के सचिव प्रताप सिंह ने कहा- “सिखों को डरने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं। यात्रा को रद्द न करें। यह हमारे आस्था का प्रश्न है।”
यहां जानिए श्री करतारपुर साहिब यात्रा के बारे में…
9 नवंबर 2019 को शुरू हुई थी यात्रा भारत-पाक सीमा पर स्थित यह कॉरिडोर 9 नवंबर 2019 को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर खोला गया था। पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तानी पंजाब के नारोवाल जिले में स्थित श्री दरबार साहिब गुरुद्वारे तक 4.5 किमी लंबा रास्ता है।
भारत और पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर समझौते को 2029 तक नवीनीकृत किया है, जिससे भारतीय तीर्थयात्री बिना वीजा के पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा कर सकते हैं। जब से ये यात्रा शुरू हुई है, अभी तक 1.10 लाख लोग भारत से श्री करतारपुर साहिब जाकर माथा टेक चुके हैं।
यात्रा की शर्तें:
वीजा-मुक्त यात्रा: भारतीय तीर्थयात्री इस कॉरिडोर के माध्यम से बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं।
ऑनलाइन पंजीकरण: यात्रा से पहले ऑनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक होता है।
ईटीए जरूरी: यात्रा के समय इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ETA) का प्रिंटआउट साथ रखना जरूरी होता है।
समय सीमा: यात्रा सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक होती है। तीर्थयात्रियों को सूर्यास्त से पहले 5 बजे तक वापस लौटना होता है।
अन्य शर्तें: तीर्थयात्रियों को केवल करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने की अनुमति होती है, अन्य किसी जगह जाने की नहीं।
यहां जानिए पहलगाम आतंकी हमले के बाद क्या हुआ…
भारत सरकार ने लिए थे 5 फैसले भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में कड़े कदम उठाए। सबसे पहले सिंधु जल संधि को रद्द किया गया, फिर पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को डाउनग्रेड किया गया और भारत में पाकिस्तानी राजनयिकों की संख्या भी घटाई गई। एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया। जो लोग वैध वीजा के साथ सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस लौटने की अनुमति दी गई थी।
पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत जारी किए गए वीजा रद्द कर दिए गए थे। ऐसे सभी लोगों को 30 अप्रैल तक समय दिया गया था। हालांकि करतारपुर कॉरिडोर को दोनों देशों ने खुला रखा है।
तस्वीर 29 अप्रैल की है। अटारी बॉर्डर से पाकिस्तानी नागरिकों को डिपार्ट किया गया था।
अटारी पर फंसे पाकिस्तानी नागरिक 22 अप्रैल के बाद हुए हमले से भारत में फंसे पाकिस्तानी नागरिक परेशान हो रहे हैं। 23 अप्रैल को भारत ने पाक नागरिकों के वीजे रद्द कर दिए। 24 अप्रैल से दोनों देशों में फंसे नागरिक अपने देश लौटने लगे। कई भारतीय महिलाएं, जो पाकिस्तान में विवाहित हैं, को अटारी पर रोका गया है। इनमें कई महिलाएं ऐसी हैं, जिनके बच्चे पाक नागरिक हैं, लेकिन उनके अपने पास भारतीय पासपोर्ट हैं। ऐसे में उन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी गई।
अटारी बॉर्डर पर अपनों से बिछड़ने के दर्द के बीच 2794 लोग अभी तक बॉर्डर क्रॉस कर अपने-अपने देश लौट चुके हैं।