परिवहन से लेकर अंतरिक्ष और ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाएंगे ये प्रोजेक्ट | These projects will bring major changes in transportation, space and e | News 4 Social h3>
ई दिल्ली. देश में कई बड़े प्रोजेक्ट आकार ले रहे हैं, जो परिवहन, अंतरिक्ष और ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाले हैं। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से जहां परिवहन का नया युग शुरू होगा, वहीं कुछ दुर्गम बर्फीले सैन्य मोर्चों पर हमारी पहुंच सुगम बना देंगे। गगनयान मिशन के साथ देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में ऊंची उड़ान भरेगा तो धोलेरा का सौर ऊर्जा संयंत्र ग्रीन एनर्जी में हमें आत्मनिर्भर बनाएगा। यहा जानते हैं ऐसे मेगा प्रोजेक्ट के बारे में जो निकट भविष्य में पूरे होंगे, जबकि कुछ शुरू होने की उम्मीद है।
जोजिला सुरंग
-14.5 किलोमीटर लंबाई
-4 घंटे का सफर 15 मिनट में पूरा होगा
-11 हजार से ज्यादा ऊंचाई पर बन गई सुरंग
कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र के बीच हर मौसम में संपर्क कायम रखने वाली रणनीतिक जोजिला सुरंग पर कार्य जारी है। 14.5 किलोमीटर लंबी सुरंग दिसंबर, 2030 तक पूरा होने की संभावना है। घोड़े की नाल के आकार की शाफ्ट सिंगल ट्यूब और दो लेन वाली टनल है। जिस दूरी को पूरा करने में अभी तीन से चार घंटे लगते हैं, वह जोजिला सुरंग बनने के बाद 15 मिनट में पूरी होगी। सामरिक महत्व की इस सुरंग का निर्माण नई ऑस्ट्रेलियाई टनलिंग पद्धति से किया जा रहा है। यह सीसीटीवी, रेडियो नियंत्रण, निर्बाध बिजली आपूर्ति और वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं से लैस है। सुरंग परियोजना श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फीट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे के माध्यम से रणनीतिक महत्व की है, क्योंकि सर्दी के मौसम में भारी बर्फबारी के कारण राजमार्ग बंद रहता है, जिससे लद्दाख क्षेत्र कश्मीर से कट जाता है।
फ्रंटियर हाईवे
1748 किमी लंबाई
40 हजार करोड़ लागत
2027 में पूरा होने की उम्मीद
भूटान बॉर्डर के पास तवांग इलाके से शुरू होकर भारत-म्यांमार सीमा के पास विजयनगर तक 1748 किलोमीटर लंबा फ्रंटियर हाईवे का काम जारी है। 40 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले इस हाईवे के 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। चूंकि यह एलएसी से करीब 20 किमी नजदीक से गुजरेगा, इसलिए चीन इस पर आपत्ति जताता रहा है। हाईवे को इस तरह बनाया जा रहा है कि इसे 12 महीनों हर मौसम में इस्तेमाल किया जा सके। एक और जहां सेना पूर्वोत्तर के दुर्गम क्षेत्र में आसानी पहुंच होगी तो दूसरी ओर आसपास के गांव जुडऩे से लोगों का पलायन रुकेगा।
चिनाब ब्रिज
359 मीटर ऊंचाई
1315 मीटर लंबाई
120 वर्ष की होगी उम्र
जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज तैयार है। यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का हिस्सा है, जिस पर जल्द ही ट्रेन दौड़ेंगी। बस हरी झंडी का इंतजार है। इस ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर है, जो फ्रांस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ज्यादा है। पुल का निर्माण 2004 में शुरू हुआ था। पुल के निर्माण में उच्च क्वालिटी के स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जो माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना कर सकता है। 260 किमी प्रति घंटे की गति चलने वाली हवा और 8 तीव्रता के भूकंप में भी सुरक्षित रहेगा। पुल निर्माण में करीब 1500 करोड़ रुपए की लागत आई है।
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन
508 किमी लंबाई
2026 तक पूरा होगा पहला चरण
1.8 लाख करोड़ रुपए की लागत
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट तेजी से आकार ले रहा है। पहले चरण में 2026 तक गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन दौडऩे की उम्मीद है। हालांकि पहले इसकी डेडलाइन 2022 थी। 2017 में पीएम मोदी और जापानी पीएम शिंजो आब ने प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इस वर्ष इस प्रोजेक्ट के लिए 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण पूरा हो गया। 508 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट का 352 किमी गुजरात और 156 किमी महाराष्ट्र में होकर गुजरेगा। निर्माण पर 1.8 लाख करोड़ की लागत आएगी।
गगनयान मिशन
2025 में लॉन्च होने की संभावना
400 किमी ऊपर कक्षा में जाएंगे यात्री
03 दिन अंतरिक्ष में रहेंगे
चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन की सफलता के बाद इसरो अगले वर्ष देश का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ अंतरिक्ष में भेज रहा है। अगले वर्ष लॉन्च होने वाले तीन दिन के इस मिशन का उद्देश्य चार अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजना और सुरक्षित समुद्र पर उतारना है। मिशन सफल रहा तो अमरीका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। इस वर्ष इसकी सभी परीक्षण उड़ान पूरी कर ली जाएंगी।
इन परियोजनाओं के शुरू होने की उम्मीद
धोलेरा सौर ऊर्जा संयंत्र
700 मेगावाट क्षमता
25 हजार करोड़ की लागत
20 हजार से ज्यादा रोजगार मिलेंगे
गुजरात के धोलेरा दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र अभी शुरू नहीं हो पाया है। करीब 11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बनने वाले इस संयंत्र की क्षमता 700 मेगावाट है। 25 हजार करोड़ की यह परियोजना पूरी होने के बाद सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर होगा। 20 हजार से ज्यादा रोजगार मिलेंगे।
अंडरवाटर ट्रेन
2000 किमी लंबी
2018 में योजना सामने आई
01 घंटा कम लगेगा हवाई यात्रा के मुकाबले
दुबई के फजैरा से मुंबई के बीच अंडरवाटर ट्रेन प्रोजेक्ट अभी शुरू नहीं हो पाया है। यदि शुरू होता है तो यह दुनिया में अपनी तरह का पहला प्राजेक्ट होगा। करीब दो हजार किलोमीटर लंबी सुरंग में एक हजार प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। यानी जिस हवाई मार्ग से अभी तीन घंटे लगते हैं, इससे दो ही घंटे लगेंगे। यात्रा के साथ ही इससे एक तरफ से तेल आएगा और दूसरी तरफ पानी जाएगा। 2018 में यह योजना सामने आई, अभी इसके शुरू होने का इंतजार है।