पराली जलाने पर सब्सिडी तो जाएगी ही, शर्मिंदा भी होना पड़ेगा; AQI पर नीतीश सरकार ने लिया कड़ा फैसला

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पराली जलाने पर सब्सिडी तो जाएगी ही, शर्मिंदा भी होना पड़ेगा; AQI पर नीतीश सरकार ने लिया कड़ा फैसला

पराली जलाने पर सब्सिडी तो जाएगी ही, शर्मिंदा भी होना पड़ेगा; AQI पर नीतीश सरकार ने लिया कड़ा फैसला

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बढ़ता प्रदूषण और खतरनाक होता एक एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल चिंता का कारण बनता जा रहा है। बिहार के कई शहरों की स्थिति दिल्ली से भी खराब हो गई है। इसे देखते हुए नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। खासकर पराली जलाने वाले किसानों पर अब नई तरह की कार्रवाई की जाएगी। नीतीश सरकार उनसे अलग तरीके से निबटने की तैयारी में है।

पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ नीतीश कुमार की सरकार ने कार्रवाई तेज कर दिया है। पहले ही घोषणा की गई थी कि उनके फसल के उत्पाद की खरीद नहीं की जाएगी और सब्सिडी समेत अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब सरकार ने एक नया फैसला किया है। जिन किसानों के खिलाफ पराली जलाने के सबूत मिलेंगे उन पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी और उनके नाम की सूची संबंधित ब्लॉक पर प्रकाशित कर दिया जाएगा। ऐसा हुआ तो पराली जलाने वाले किसानों को लाभ से वंचित होने के साथ-साथ शर्मिंदा भी होना पड़ेगा।

कृषि विभाग की ओर से बताया गया है कि राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण रोकने और मिट्टी की उर्वरता की रक्षा के लिए पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। किसानों को सख्त चेतावनी जारी की गई है कि यदि वे पराली जलाते हैं, तो सरकारी योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता और सब्सिडी का लाभ नहीं दिया जाएगा। कृषि मंत्री ने कह दिया है कि किसानों को सस्ती दर पर बिजली और रियायती कीमतों पर डीजल उपलब्ध कराया जाता है। कहा गया है कि किसानों को लोगों और पर्यावरण की बेहतरी के लिए इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और पराली जलाने से परहेज करना चाहिए। जिन किसानों को चिन्हित किया जाएगा उन पर कार्रवाई होगी।

इससे पहले मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन किसानों पर पहले पराली जलाने के लिए मुकदमा चलाया गया। अब उनके नाम ब्लॉक कार्यालयों में लगाने की तैयारी की जा रही है।  बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने कहा कि किसानों को पराली जलाने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को पराली जलाने से हतोत्साहित करने के लिए कई तरह से उपाए पहले से  किए। राज्य सरकार की ओर से जागरूकता अभियान चलाया गया लेकिन इस पर रोक नहीं लगी। अब डंडात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।


 

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