पत्रकारिता का भारतीयकरण किया जाना चाहिए : प्रो.संजय द्विवेदी | Professor Sanjay Dwivedi said Journalism should be Indianised | Patrika News

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पत्रकारिता का भारतीयकरण किया जाना चाहिए : प्रो.संजय द्विवेदी | Professor Sanjay Dwivedi said Journalism should be Indianised | Patrika News

पत्रकारिता का भारतीयकरण किया जाना चाहिए : प्रो.संजय द्विवेदी | Professor Sanjay Dwivedi said Journalism should be Indianised | Patrika News

पत्रकारिता में विश्वसनीयता का संकट कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि नारद जी सतत प्रवास करते थे। पत्रकार अगर बैठ जायेगा तो समाज से संपर्क टूट जायेगा। आज पत्रकारिता में विश्वसनीयता व प्रमाणिकता का संकट है। खबरों में विचार नहीं आना चाहिए लेकिन खबरों में विचार परोसे जा रहे हैं। नारद जी देवता और राक्षस दोनों के बीच अपनी बात कहते थे।

हमारे नायकों के साथ न्यायपूर्ण लेखन नहीं हुआ उन्होंने कहा कि हमारे नायकों के साथ न्यायपूर्ण लेखन नहीं हुआ। समाज के हर वर्ग में गिरावट आयी है। समाज से अलग पत्रकारिता नहीं हो सकती। इसलिए सारी अपेक्षाएं पत्रकारों से ही क्यों।
प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारों के अंदर सामाजिक सरोकार व समाज के लिए कुछ करने की संवेदना होती है। धन कमाने के लिए पत्रकारिता नहीं होती है। पत्रकारिता कठिन मार्ग है। अपने जान को जोखिम में डालकर पत्रकार पत्रकारिता करते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के आन्दोलन में पत्रकारों ने अहम भूमिका निभाई लेकिन उस समय भी बड़े अंग्रेजी समाचार पत्र अंग्रेजी हुकूमत का पक्ष लेते थे। उस समय भी सरकार के पैसों पर पत्रकारिता होती थी।

ज्ञान का व्यापार ही पत्रकारिता है कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि ज्ञान का व्यापार ही पत्रकारिता है। उन्होंने कहा कि भारत को आगे जाना है तो विद्यार्थी परक शिक्षा होनी चाहिए। दूसरी परिवार मातृ सत्तात्मक होना चाहिए और समाज ज्ञान परक होना चाहिए। प्रो. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि देश के निर्माण में पत्रकारिता का बड़ा योगदान है लेकिन पत्रकारिता में नवाचार और विशलेषण परक होनी चाहिए।

कलंकित पत्रकारिता का तिरस्कार होना चाहिए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार नरेन्द्र भदौरिया ने कहा कि नारद जी पत्रकार ही नहीं वह ऋषि व मंत्रदृष्टा थें वेदों के र चयिता थे। वैदिक वांगमय से ही भारतीय संस्कृति समृद्धि हुई है।
नरेन्द्र भदौरिया ने कहा कि जिन्होंने हमारे इतिहास को कलंकित किया है उन्हें इतिहास से बाहर करना होगा। कलंकित पत्रकारिता का तिरस्कार होना चाहिए।

कार्यक्रम की प्रस्तावना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रचार प्रमुख डा. अशोक दुबे ने रखी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सर्वेश सिंह ने किया। आभार ज्ञापन वरिष्ठ पत्रकार पी.एन.द्विवेदी ने किया।
इस अवसर पर विधायक भूपेश चौबे,सिन्धी अकादमी के उपाध्यक्ष नानक चंद लखमानी,बाल आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी,विश्व संवाद केन्द्र के मनीष,अशोक सिन्हा,मनमोहन,विजय उपाध्याय,राजेन्द्र गौतम प्रमुख रूप से उपस्थित थे।



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