पत्थरों से भरी ट्रॉली चढ़ाकर ली थी आईपीएस की जान: 13 साल पहले आज ही के दिन मुरैना के बामौर में खनन माफिया ने आईपीएस नरेंद्र कुमार की कर दी थी हत्या – Bhopal News

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पत्थरों से भरी ट्रॉली चढ़ाकर ली थी आईपीएस की जान:  13 साल पहले आज ही के दिन मुरैना के बामौर में खनन माफिया ने आईपीएस नरेंद्र कुमार की कर दी थी हत्या – Bhopal News

पत्थरों से भरी ट्रॉली चढ़ाकर ली थी आईपीएस की जान: 13 साल पहले आज ही के दिन मुरैना के बामौर में खनन माफिया ने आईपीएस नरेंद्र कुमार की कर दी थी हत्या – Bhopal News

आज से ठीक 13 साल पहले 8 मार्च 2012 का दिन। चारों तरफ रंगों की बौछार थी। ढोल की थाप पर थिरकते लोग, गुलाल से सराबोर चेहरे और फागुन के गीतों की गूंज। पूरा देश होली की खुशियों में सराबोर था। तभी मुरैना जिले से एक ऐसी खबर आई, जिसने पूरे प्रदेश को स्तब्ध क

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होली की उमंग मातम में ​बदल गई। खबर ये थे कि बामौर कस्बे में खनन माफिया ने आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार सिंह (30) को ट्रैक्टर से कुचलकर मार दिया है। नरेंद्र तेजतर्रार युवा अफसर थे। मामले ने तूल पकड़ा, विपक्ष हमलावर हुआ, सरकार बैकफुट पर आई, न्यायिक जांच के आदेश हुए, मामला सीबीआई को सौंपा गया। कोर्ट ने आरोपी ट्रैक्टर चालक को 10 साल की सजा सुनाई।

ड्राइवर नहीं रुका तो… नरेंद्र ने ट्रैक्टर पर लगा दी छलांग और एक ​हाथ से पकड़ लिया था स्टीयरिंग

अवैध खनन माफिया की कमर तोड़ दी थी... आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह को बामौर में पदस्थ हुए सिर्फ एक महीना ही हुआ था, लेकिन इतने कम समय में ही उन्होंने अवैध खनन माफिया की कमर तोड़ दी थी। उनकी दबंग कार्रवाई से माफिया बौखला चुके थे। होली के दिन शाम को उन्होंने अपने सरकारी आवास पर त्योहार का जश्न मनाने की तैयारी कर रखी थी, लेकिन किसे पता था कि यह दिन उनके जीवन का आखिरी दिन बन जाएगा।

ट्रैक्टर चालक को रुकने का इशारा किया तो उसने बढ़ा दी रफ्तार… 8 मार्च 2012 को दोपहर करीब 1 बजे नरेंद्र शहर में त्योहार का बंदोबस्त देखने निकले थे। एनएच-3 (आगरा-मुंबई हाईवे) के किनारे एक पेट्रोल पंप के पास उन्हें ट्रैक्टर-ट्रॉली में अवैध रूप से उत्खनित किए गए पत्थर भरे दिखाई दिए। नरेंद्र को शक हुआ, तो उन्होंने ट्रैक्टर चालक को रुकने का इशारा किया, लेकिन उसने भागने के लिए ट्रैक्टर की रफ्तार बढ़ा दी।

ड्राइवर ने नरेंद्र कुमार को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और ऊपर से ट्रैक्टर चढ़ा दिया… नरेंद्र ने तुरंत अपने स्टाफ को बैरिकेडिंग करने का आदेश दिया, लेकिन ट्रैक्टर चालक मनोज गुर्जर ने यू-टर्न ले लिया। नरेंद्र ने पीछा किया और ट्रैक्टर पर छलांग लगा दी, एक हाथ से स्टीयरिंग पकड़ी और दूसरे हाथ से चालक को रोकने की कोशिश करने लगे, लेकिन मनोज ने उन्हें धक्का दे दिया। नरेंद्र चलते ट्रैक्टर से नीचे गिर गए और ट्रैक्टर-ट्रॉली के पहिए उनके ऊपर से गुजर गए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मनोज को पकड़ लिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। नरेंद्र को गंभीर हालत में ग्वालियर के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला काला सच पोस्टमार्टम में उनके शरीर पर डेढ़ दर्जन घाव मिले। एक घाव ट्रैक्टर के टायर का था, जबकि बाकी अन्य पुर्जों के कारण हुए थे। इस रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि यह महज हादसा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी।

पिता ने लगाए थे गंभीर आरोप, पत्नी ने दी थी मुखाग्नि नरेंद्र कुमार का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव लालपुर (मथुरा) में हुआ था। मुखाग्नि उनकी पत्नी आईएएस अफसर डॉ. मधु रानी तेवतिया ने दी थी। उस वक्त वे गर्भवती थीं। पति की शहादत के 12 दिन बाद उन्होंने बेटे को जन्म दिया था। उनके पिता केशव देव ने तत्कालीन सरकार पर आरोप लगाए। उनका कहना था कि मेरा बेटा ईमानदार था, उसे इसकी सजा मिली। उसे अकेला छोड़ दिया गया था, स्थानीय पुलिस ने कोई मदद नहीं की।

विपक्ष ने सरकार को घेरा, तो पहले न्यायिक जांच, फिर सीबीआई जांच की घोषणा हुई… विपक्ष ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। तत्कालीन गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता को खुद मैदान में उतरना पड़ा था। विवाद बढ़ा तो तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पहले न्यायिक जांच, फिर सीबीआई जांच की घोषणा कर दी।

गैर-इरादतन हत्या बताया

जांच के बाद सीबीआई ने कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की, उसमें इसे हत्या नहीं, बल्कि एक हादसा बताया गया। आरोपी पर गैर-इरादतन हत्या और सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी मनोज को दस साल की सजा सुनाई।

नरेंद्र कुमार की पत्नी अब दिल्ली सीएम की सचिव…

पति की हत्या के बाद डॉ. मधु रानी तेवतिया ने कैडर चेंज करा लिया था। वे अरुणाचल प्रदेश में सेक्रेटरी रहीं। उन्होंने भारत सरकार में भी कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं और हाल ही में उन्हें दिल्ली मुख्यमंत्री की सचिव बनाया गया है।

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