पता है! अतीक अहमद के बेटे असद का एनकाउंटर करने वाले अफसर हैं बिहार के h3>
पटना/लखनऊ:13 अप्रैल को झांसी में माफिया और बाहुबली अतीक अहमद के क्राइम की कुंडली के एक अध्याय का अंत हो गया। अतीक अहमद के बेटे असद, जिसने उमेश पाल को दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया था, उसका एनकाउंटर कर दिया गया। अतीक अहमद के बेटे असद की तस्वीर सीसीटीवी में उमेश पाल पर गोलियां चलाते हुए कैद हुई थीं। उसके बाद से ही वो फरार चल रहा था। 13 अप्रैल 2023 को यूपी पुलिस की एसटीएफ की उसके साथ झांसी में मुठभेड़ हुई और पुलिस की गोलियों के लोहे ने दिखा दिया कि उसमें कितना दम है। असद और उसका बमबाज साथी गुलाम मौके पर ही ढेर हो गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों के आतंक को खत्म करने वाले अफसर बिहार के हैं। जानिए इनके बारे में।
असद के ‘आतंक’ का खात्मा करने वाले अफसर हैं बिहारी
यूपी एसटीफ के एडीजी अमिताभ यश बिहार के रहने वाले
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर की जानकारी दी। उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही अमिताभ यश उस गिरफ्तार करने के लिए दिन रात एक किए हुए थे। आखिर में उनकी रणनीति रंग लाई। अमितभा यश वैसे तो बतौर आईपीएस यूपी कैडर में अपनी सेवा दे रहे हैं। लेकिन वो रहने वाले बिहार के हैं। बिहार भोजपुर में अमिताभ यश का पैतृक घर है। उनके पिता राम सिंह यश भी अपने जमाने के चर्चित आईपीएस थे। अमिताभ यश ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था और यूपीएसपी की परीक्षा में बैठे। उन्हें कामयाबी मिली और साथ में पहला जिला एसपी के तौर पर यूपी का संत कबीरनगर मिला। इसके बाद वो नोएडा और कानपुर समेत कई जिलों में एसपी रहे। 2007 में जब मायावती की सरकार थी तो उन्हें एसटीएफ की कमान बतौर सीनियर एसपी सौंपी गई।
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश
अमिताभ यश ने ही ददुआ और ठोकिया का किया था एनकाउंटर
उस वक्त चित्रकूट के जंगलों में कुख्यात डकैत ददुआ और ठोकिया की बादशाहत थी। अमिताभ यश ने चित्रकूट के जंगलों में डकैतों के सफाए का अभियान चलाया। 2007 में उनकी टीम ने ददुआ को मार गिराया। इसके बाद डकैत ठोकिया को भी अमिताभ यश की टीम ने ही एककाउंटर में ढेर कर दिया। 2017 में योगी सरकार के दौरान अमिताभ यश रकी जांबाजी को देखते हुए उन्हें प्रमोशन देते हुए यूपी एसटीएफ का आईजी बनाया गया। फिर दो साल पहले 2021 में वो एसटीएफ के एडीजी बना दिए गए।
असद का एनकाउंटर करने वाले डीएसपी नवेंदु भी बिहार के
नवेंदु सिंह उस टीम को लीड करने वाले अफसरों में शामिल थे जिसने झांसी में असद और गुलाम को ढेर कर दिया। नवेंदु के पिता भोलानाथ राय हैं और उनका पैतृक घर बिहार के सारण जिले में है, जहां तीन अगस्त 1967 को नवेंदु का जन्म हुआ। नवेंदु सिंह के करियर में अहम मोड़ तब आया जब 20187 में उन्हें एसटीएफ में लाया गया। नवेंदु सिंह ने कुछ साल पहले एक डकैत को घेर लिया था, इस एनकाउंटर में उनकी गर्दन और हाथ में गोली लग गई थी।
असद का एनकाउंटर करने वाले डीएसपी नवेंदु सिंह
पिछले साल यानि 2022 में ही नवेंदु ने दो कुख्यात और इनामी क्रिमिनल्स को ढेर कर दिया था। नवेंदु 2008 में राष्ट्रपति वीरता पदक, 2014 में वीरता पदक, 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। अब असद के एनकाउंटर के बाद यूपी में बिहार के इन दो अफसरों के खूब चर्चे हो रहे हैं।
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असद के ‘आतंक’ का खात्मा करने वाले अफसर हैं बिहारी
यूपी एसटीफ के एडीजी अमिताभ यश बिहार के रहने वाले
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर की जानकारी दी। उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही अमिताभ यश उस गिरफ्तार करने के लिए दिन रात एक किए हुए थे। आखिर में उनकी रणनीति रंग लाई। अमितभा यश वैसे तो बतौर आईपीएस यूपी कैडर में अपनी सेवा दे रहे हैं। लेकिन वो रहने वाले बिहार के हैं। बिहार भोजपुर में अमिताभ यश का पैतृक घर है। उनके पिता राम सिंह यश भी अपने जमाने के चर्चित आईपीएस थे। अमिताभ यश ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था और यूपीएसपी की परीक्षा में बैठे। उन्हें कामयाबी मिली और साथ में पहला जिला एसपी के तौर पर यूपी का संत कबीरनगर मिला। इसके बाद वो नोएडा और कानपुर समेत कई जिलों में एसपी रहे। 2007 में जब मायावती की सरकार थी तो उन्हें एसटीएफ की कमान बतौर सीनियर एसपी सौंपी गई।
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश
अमिताभ यश ने ही ददुआ और ठोकिया का किया था एनकाउंटर
उस वक्त चित्रकूट के जंगलों में कुख्यात डकैत ददुआ और ठोकिया की बादशाहत थी। अमिताभ यश ने चित्रकूट के जंगलों में डकैतों के सफाए का अभियान चलाया। 2007 में उनकी टीम ने ददुआ को मार गिराया। इसके बाद डकैत ठोकिया को भी अमिताभ यश की टीम ने ही एककाउंटर में ढेर कर दिया। 2017 में योगी सरकार के दौरान अमिताभ यश रकी जांबाजी को देखते हुए उन्हें प्रमोशन देते हुए यूपी एसटीएफ का आईजी बनाया गया। फिर दो साल पहले 2021 में वो एसटीएफ के एडीजी बना दिए गए।
असद का एनकाउंटर करने वाले डीएसपी नवेंदु भी बिहार के
नवेंदु सिंह उस टीम को लीड करने वाले अफसरों में शामिल थे जिसने झांसी में असद और गुलाम को ढेर कर दिया। नवेंदु के पिता भोलानाथ राय हैं और उनका पैतृक घर बिहार के सारण जिले में है, जहां तीन अगस्त 1967 को नवेंदु का जन्म हुआ। नवेंदु सिंह के करियर में अहम मोड़ तब आया जब 20187 में उन्हें एसटीएफ में लाया गया। नवेंदु सिंह ने कुछ साल पहले एक डकैत को घेर लिया था, इस एनकाउंटर में उनकी गर्दन और हाथ में गोली लग गई थी।
असद का एनकाउंटर करने वाले डीएसपी नवेंदु सिंह
पिछले साल यानि 2022 में ही नवेंदु ने दो कुख्यात और इनामी क्रिमिनल्स को ढेर कर दिया था। नवेंदु 2008 में राष्ट्रपति वीरता पदक, 2014 में वीरता पदक, 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। अब असद के एनकाउंटर के बाद यूपी में बिहार के इन दो अफसरों के खूब चर्चे हो रहे हैं।