पढ़ लीजिए अंदर की खबर: तेज प्रताप को पटना में कोई नहीं मनाने वाला, अब तो दिल्ली में लालू दरबार का ही आसरा h3>
पटना: बिहार की राजनीति में सोमवार की रात तेजप्रताप यादव के एक ट्वीट ने उथल-पुथल मचा दी। तेज प्रताप यादव ने खुल कर अपने पिता लालू यादव की ही बनाई पार्टी आरजेडी यानि राष्ट्रीय जनता दल में बगावत का बिगूल फूंक दिया। इसके बाद सूबे की सियासत में हलचल मच गई। तेज प्रताप ने ट्वीट कर ऐलान कर दिया कि वो पिता के हाथों में अपना इस्तीफा सौंप देंगे। तेज प्रताप पर इससे पहले आरजेडी (युवा) के पटना महानगर अध्यक्ष रामराज यादव ने गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि तेज प्रताप ने उन्हें दस सर्कुलर रोड में बंद करके पीटा। रामराज यादव ने यहां तक कह दिया था कि तेज प्रताप यादव को और किसी से नहीं बल्कि तेजस्वी यादव से दिक्कत है। अब तेज प्रताप के ट्वीट के 12 घंटे के बाद हाल ये है कि परिवार का कोई सदस्य उन्हें मनाने की पहल करता नहीं दिख रहा।
क्या फंस गए तेजप्रताप?
मनाना तो दूर की बात, छोटे भाई तेजस्वी यादव ने तो सवाल पूछे जाने पर यहां तक कह दिया कि‘अगर कोई काबू में न रहे तो क्या कर सकते हैं।’ कुल मिलाकर तेजस्वी ने एक तरह से तेज प्रताप यादव को खुद ही किनारे लगा दिया है। ऐसे समझिए कि तेज प्रताप यादव के इस्तीफे वाले ट्वीट पर तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘अगर कोई काबू में न रहे तो क्या कर सकते हैं। कोई आपका गुलाम हो जाता है क्या?’
इधर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी ने लिया तेज प्रताप का पक्ष
इसी बीच NDA के सहयोगी पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने तेज प्रताप के रुख का समर्थन कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ दानिश रिजवान ने कहा कि ‘ तेजस्वी यादव अपने सगे बड़े भाई तेज प्रताप यादव पर अत्याचार कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने बड़ी सफाई से एक साजिश रची और तेज प्रताप को घर और पार्टी दोनों ही जगह पर अलग-थलग कर दिया। अब तो तेजस्वी उन्हें विरासत से ही बेदखल करने में कामयाब होते दिख रहे हैं।’

तेजप्रताप को कौन मनाएगा?
अब सवाल ये है कि तेजस्वी की दो टूक के बाद तेज प्रताप यादव को कौन मनाएगा, क्या वो खुद अपना इस्तीफा देने का ऐलान कर फंस गए हैं? इन सवालों के जवाब तो तेजस्वी के जवाब से ही मिल रहे हैं। बात अगर राबड़ी देवी या मीसा भारती की करें तो सूत्रों ने बताया ये दोनों कभी नहीं चाहेंगे कि घर में इतनी बड़ी टूट हो। सूत्रों के मुताबिक अब सिर्फ लालू यादव ही हैं जो इस पूरे मामले को संभाल सकते हैं। और ये तभी मुमकिन होगा जब तेज प्रताप लालू से मिलेंगे और ये मुलाकात एक तरह से तय भी हो चुकी है। अब सवाल ये है कि दिल्ली के लालू दरबार में क्या होता है? इसके लिए तो इंतजार करना ही बेहतर होगा।
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क्या फंस गए तेजप्रताप?
मनाना तो दूर की बात, छोटे भाई तेजस्वी यादव ने तो सवाल पूछे जाने पर यहां तक कह दिया कि‘अगर कोई काबू में न रहे तो क्या कर सकते हैं।’ कुल मिलाकर तेजस्वी ने एक तरह से तेज प्रताप यादव को खुद ही किनारे लगा दिया है। ऐसे समझिए कि तेज प्रताप यादव के इस्तीफे वाले ट्वीट पर तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘अगर कोई काबू में न रहे तो क्या कर सकते हैं। कोई आपका गुलाम हो जाता है क्या?’
इधर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी ने लिया तेज प्रताप का पक्ष
इसी बीच NDA के सहयोगी पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने तेज प्रताप के रुख का समर्थन कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ दानिश रिजवान ने कहा कि ‘ तेजस्वी यादव अपने सगे बड़े भाई तेज प्रताप यादव पर अत्याचार कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने बड़ी सफाई से एक साजिश रची और तेज प्रताप को घर और पार्टी दोनों ही जगह पर अलग-थलग कर दिया। अब तो तेजस्वी उन्हें विरासत से ही बेदखल करने में कामयाब होते दिख रहे हैं।’
तेजप्रताप को कौन मनाएगा?
अब सवाल ये है कि तेजस्वी की दो टूक के बाद तेज प्रताप यादव को कौन मनाएगा, क्या वो खुद अपना इस्तीफा देने का ऐलान कर फंस गए हैं? इन सवालों के जवाब तो तेजस्वी के जवाब से ही मिल रहे हैं। बात अगर राबड़ी देवी या मीसा भारती की करें तो सूत्रों ने बताया ये दोनों कभी नहीं चाहेंगे कि घर में इतनी बड़ी टूट हो। सूत्रों के मुताबिक अब सिर्फ लालू यादव ही हैं जो इस पूरे मामले को संभाल सकते हैं। और ये तभी मुमकिन होगा जब तेज प्रताप लालू से मिलेंगे और ये मुलाकात एक तरह से तय भी हो चुकी है। अब सवाल ये है कि दिल्ली के लालू दरबार में क्या होता है? इसके लिए तो इंतजार करना ही बेहतर होगा।