‘पटना से ज्यादा बेंगलुरु में जुटेंगी विपक्षी पार्टियां’, नेता कौन के सवाल पर क्यों उखड़े नीतीश के करीबी मंत्री

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‘पटना से ज्यादा बेंगलुरु में जुटेंगी विपक्षी पार्टियां’, नेता कौन के सवाल पर क्यों उखड़े नीतीश के करीबी मंत्री

‘पटना से ज्यादा बेंगलुरु में जुटेंगी विपक्षी पार्टियां’, नेता कौन के सवाल पर क्यों उखड़े नीतीश के करीबी मंत्री

Opposition Unity Meet: बेंगलुरु में विपक्षी एकता की अगली बैठक होने जा रही है। बिहार सरकार के वित्त मंत्री और जेडीयू के दिग्गज नेता विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी एकता की इस दूसरी बैठक में पटना से ज्यादा पार्टियों के जुटने का दावा किया है। हालांकि विपक्षी एकता का लीडर कौन होगा इस सवाल पर वो चिढ़ते नजर आए।

 

हाइलाइट्स

  • बेंगलुरु में बैठक से पहले उठे सवाल
  • विपक्षी एकता का लीडर कौन है?
  • नीतीश ने तैयार की विपक्षी एकता की जमीन
  • विजय चौधरी ने खुलकर दिया जवाब
पटना: विपक्षी एकता की दूसरी बैठक बेंगलुरु (Bengaluru Opposition Unity Meet) में होने वाली है। जिसमें पहली बैठक से ज्यादा पार्टियों के नेताओं के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। यह दावा बिहार सरकार में वित्त मंत्री और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के करीबी नेताओं में से एक विजय चौधरी ने किया है। उनका कहना है कि बेंगलुरु में होने वाली बैठक जो 17-18 जुलाई को होने वाली है उसमें पहले से ज्यादा पार्टियों के नेता शिरकत करने वाले हैं। विजय चौधरी (Vijay Choudhary) ने कहा कि यह हमारा लक्ष्य है कि बीजेपी को सत्ता से हटाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तमाम बीजेपी विरोधी पार्टियां अब एकजुट हो रही हैं।

‘नेता कौन होगा छटपटाहट क्यों?’

बेंगलुरु में होने वाली बैठक में ज्यादा विपक्षी पार्टियां शामिल होंगी। विजय चौधरी ये दावा जरूर करते नजर आ रहे हैं। मगर वो यह बताने से हिचकिचा रहे हैं कि विपक्षी एकता का नेता कौन होगा? दरअसल, विजय चौधरी पत्रकारों की ओर से पूछे गए इस सवाल पर चिढ़ते नजर आए। सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता का नेता कौन होगा इस बात को जानने की छटपटाहट आप में क्यों है? अभी देश भर की सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी को केंद्र से हटाने के लिए एक मंच पर इकट्ठा हो रही है। यह प्रक्रिया पूरी हो जाए और इस पर सहमति बन जाए तब नेता का भी चयन कर लिया जाएगा।
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इसलिए बिहार के लिए अहम है ये सवाल

हालांकि, पत्रकारों की तरफ से यह सवाल इसलिए बार-बार पूछा जा रहा क्योंकि इसी जवाब पर बिहार की राजनीतिक दिशा और दशा तय होगी। इसलिए यह सवाल बिहार की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है। माना जा रहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता के संयोजक बनाए जाएंगे। इसके बाद नीतीश कुमार बिहार की राजनीति से खुद को अलग कर केंद्र राजनीति में जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली होगी। जिस पर अगले सीएम के रूप में तेजस्वी यादव का दावा है। ऐसे में बिहार के लिए यह सवाल महत्वपूर्ण है कि विपक्षी एकता का झंडा बुलंद करने वाले नीतीश कुमार को क्या केंद्र की राजनीति में जगह मिलेगी?

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