पटना में 50 लाख रुपए लेकर घूम रही स्कार्पियो: कड़क मिजाजी अफसर को आयोग ने किया तलब, नीतीश कुमार फिर म्यूट – Patna News

0
पटना में 50 लाख रुपए लेकर घूम रही स्कार्पियो:  कड़क मिजाजी अफसर को आयोग ने किया तलब, नीतीश कुमार फिर म्यूट – Patna News

पटना में 50 लाख रुपए लेकर घूम रही स्कार्पियो: कड़क मिजाजी अफसर को आयोग ने किया तलब, नीतीश कुमार फिर म्यूट – Patna News

बिहार सरकार के एक बड़े डिपार्टमेंट के सुपरिटेंडेंट इन दिनों परेशान हैं। अपनी इज्जत और नौकरी बचाने के लिए कभी राज्य के सबसे बड़े मुखिया के करीबियों से मिलने की कोशिश कर रहे हैं तो कभी किसी नेता जी से गुहार लगा रहे हैं।

.

5 दिन से ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो में 50 लाख रुपए लेकर राजधानी के VVIP इलाके में घूम रहे हैं। लोगों से कह रहे हैं सर.. .50 लाख रुपए आप ले लीजिए और हमको बचा लीजिए। बहुत मुसीबत में आ गए हैं।

दरअसल, बिहार पुलिस की एक इकाई ने हाल में सुपरिटेंडेंट साहब के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में FIR दर्ज कर उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई के बाद से ही वो खुद को बचाने की कोशिशों में जुटे हैं।

कड़क मिजाजी अफसर को मानवाधिकार आयोग खोज रहा

बिहार के कड़क अफसर को मानवाधिकार आयोग बुला रहा है, लेकिन वह नहीं जा रहे हैं। 2 बार बुलावा आ चुका है। आयोग उनकी आवाज का नमूना लेना चाहता है।

दरअसल, कड़क मिजाजी साहब ने पटना के बड़े डॉक्टर को फोन कर बहुत कुछ सुनाया। गाली दी। इस पर डॉक्टर साहब आयोग पहुंच गए हैं। आयोग ने पूछा तो चीफ सेक्रेट्री ने 4 दिसंबर को लिखकर दे दिया कि लगता है ऑडियो में छेड़छाड़ की गई है।

इस पर आयोग के जज साहब ने कहा-ठीक है। हम अपने स्तर से लैब से फोन वाले ऑडियो का मिलान करेंगे। हमें डॉक्टर को फोन पर हड़काने वाले अफसर की आवाज चाहिए। 23 जनवरी को भेजिए।

इस बुलावे पर भी अफसर नहीं गए। अगली तारीख 27 जनवरी तय की गई है।

नेताजी फिर से म्यूट कर दिए गए

CM नीतीश कुमार इन दिनों यात्रा पर हैं। राज्य भर में घूम रहे हैं। अपने काम को निहार रहे हैं। शिलान्यास और उद्घाटन भी खूब कर रहे हैं। इन सबके साथ उनकी यात्रा का हिस्सा दीदीयों के साथ संवाद भी है। यात्रा के शुरुआती दौर में तो सब सही चल रहा था।

समस्या ये हो रही है कि संवाद के दौरान काम गिनाते-गिनाते भावुक हो जा रहे हैं। भावुकतावश ऐसा कुछ बोल जा रहे हैं जिससे उनकी किरकिरी होने लग गई थी। कई बार तो उनके साथ चल रहे उनके डिप्टी ने संभाला, लेकिन नेताजी कहां मानने वाले थे।

चुनावी साल में छवि को धक्का न पहुंचे इसके लिए उनके सिपहसालारों ने नया तरकीब निकाला और एक बार फिर से नेताजी को म्यूट मोड में डाल दिया है। वे घूम तो रहे हैं लेकिन क्या बोलेंगे और कितना बोलेंगे ये सब उनके सिपहसालार तय करेंगे। बचाव में कहा जा रहा है कि कई यू ट्यूब पर रॉ फुटेज चला दिया जा रहा है, जिसमें गाली भी रहती है।

भीड़ नहीं जुटने के कारण मास्टर साहब की लगी क्लास

कांग्रेस के बड़का नेता पटना दौरे पर थे। पार्टी की तरफ से हालिया दिनों में इनके नाम के आगे जननेता, योद्धा आदि- आदि उपमाएं भी लगाई जाने लगी है। ऐसे में वह जिस भी राज्य में जाते हैं वहां किसी खास वर्ग से जरूर मिलते हैं। पटना में भी उनकी एक सरप्राइज मीटिंग आंदोलन स्थल पर तय की गई।

सबकुछ ऐसे हुआ मानों एकदम अचानक से नेता जी वहां पहुंच गए हो, लेकिन इसकी पूरी पटकथा पटना लैंड करने से पहले ही रच दी गई थी। नेता जी कब-कहां किनसे मिलेंगे। कितनी देर रुकेंगे। सबकुछ। इसके लिए राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ता के साथ उनके साया की तरह चलने वाली उनकी टीम भी पसीना बहाई थी। सबकुछ तय कार्यक्रम के तहत ही हुआ। होटल में मीटिंग से लेकर दफ्तर की मीटिंग तक सब सही था।

बस एक जगह मामला गड़बड़ा गया। तय ये हुआ था कि जब नेताजी धरना स्थल पर जाएंगे तो वहां कम से कम दो-ढाई हजार की भीड़ होनी चाहिए। लेकिन जब इनका काफिला वहां पहुंचा तो भीड़ से ज्यादा इनके सुरक्षा के जवान इनके साथ। नहीं कहने का मतलब ये हुआ कि जिनके साथ भीड़ जुटाने का करार हुआ था, वे इसमें बुरी तरह फेल हो गए। अब चर्चा है कि करार करने वाले मास्टर साहब को कांग्रेस लीडरशिप की तरफ से फटकार भी लगाई गई है।

नेताजी के पास वकील साहेब का कई लेयर

दबंग नेता की छवि से बाहर आने के लिए व्याकुल नेता की अजीब कहानी है। छोटे-बड़े हर मुद्दे पर सड़क पर उतरने वाले इस बड़का नेता पर पुलिस और कोर्ट केस की संख्या इतनी है कि उन्हें वकील के ऊपर वकील रखना पड़ रहा है। कोर्ट की तारीख छूट न जाए, इसलिए यह अलग से फीस चुकाते हैं।

वकीलों पर यह पानी की तरह पैसा बहाते हैं। कोर्ट का डर या फिर अंदर जाने की दहशत ऐसी है कि वकीलों के तीन से चार लेयर है। सिविल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में लेयर पर लेयर है। वकीलों के फीस भी अलग-अलग चुकाते हैं। नेता जी को केस की तारीख बताने वाले के लिए अलग वकील। प्रोसेस करने वाले अलग और जज साहब के सामने दलील रखने के लिए नेता जी सुप्रीम वकील रखते हैं। अरे…भाई. ऐसे करें क्यों नहीं। बेल जब टूटेगा तो जेल से निकलने में महीनों लग जाता है। अब नेताजी इसी डर से वकीलों का फ्लीट रखे हैं।

बतकही में पिछले सप्ताह भी कई किस्से थे, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

बाथरूम से भागे-भागे निकले मंत्री जी:बिहार में मंत्री बनने के लिए विधायक जी खोज रहे 5 पेट्टी खोखा, बिना खाए लौटे नीतीश

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Bihar News