पंडितजी हो जाओ तैयार, पूजा-पाठ का तरीका भी सिखाएगी सरकार, यह है नई प्लानिंग | Government will give training to worship | Patrika News h3>
दरअसल, शासन संधारित देवस्थानों के पुजारियों को प्रदेश सरकार प्रशिक्षण देने जा रही हे। धर्मस्व विभाग द्वारा जून 2018 में लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में अब जिलेवार पुजारियों की जानकारी चाही गई है। सतना से कोठी तहसील के 6, रघुराजनगर तहसील के 20, मैहर तहसील के 7, कोटर के 1, बिरसिंहपुर के 1, रामपुर बाघेलान के 6, अमरपाटन के 6, मझगवां के 20, उचेहरा के 11, रामनगर के 3, नागौद के 21 मंदिरों के पुजारी शामिल हैं। कोठी तहसील के नरसिंहजी भगवान मंदिर ग्राम कोठी (कटरा) की महिला पुजारी सुनीता त्रिपाठी का नाम प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है।
धर्मस्व विभाग ने सात प्रशिक्षण केंद्रों का चयन किया था। इसमें सतना सहित इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, शिवपुरी, टीकमगढ़ और विदिशा शामिल रहे। इन केंद्रों में दो दिवसीय प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया था। प्रशिक्षण के बाद पुजारियों को प्रमाण-पत्र भी दिया जाना था। हालांकि बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब एक बार फिर से इस मामले की नस्ती निकाली गई है।
यह था निर्णय
2018 में निर्णय लिया गया था कि शासन संधारित देव स्थानों और मंदिरों के पुजारियों को विशेष पव व त्योहारों पर की जाने वाली पूजा विधि, अनुष्ठान और कर्मकांड सिखाया जाएगा। उन्हें पंचांग पढ़ना भी सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग मप्र तीर्थस्थान एवं मेला प्राधिकरण के जरिए देने का निर्णय लिया गया था।
प्रशिक्षण में क्या सिखाएंगे
- मंदिर में भगवान की प्रभात आरती, भोग आरती और शयन आरती कैसे की जाती है।
- शिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे विशेष पर्व पर अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा किस तरह की जाती है।
- अनुष्ठान जैसे दुर्गा सप्तशती पाठ, अभिषेक, भूमिपूजन, वास्तु पूजन, वाहन पूजन कैसे किया जाता है।
- कुछ पुजारियों को पंचांग देखना नहीं आता, इसलिए प्रशिक्षण में पंचांग देखना भी बताया जाना था।
सतना में यहां के पुजारियों को मिलना था प्रशिक्षण
सतना प्रशिक्षण केंद्र में सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट और डिंडौरी के पुजारियों को मैप किया गया था।
देवस्थानों सहित उनके पुजारियों की जानकारी चाही गई थी। तय प्रारूप में जानकारी भेज दी गई है। आगे का निर्णय शासन स्तर का है।
-सुरेश कुमार जाधव, संयुक्त कलेक्टर
दरअसल, शासन संधारित देवस्थानों के पुजारियों को प्रदेश सरकार प्रशिक्षण देने जा रही हे। धर्मस्व विभाग द्वारा जून 2018 में लिए गए निर्णय के परिप्रेक्ष्य में अब जिलेवार पुजारियों की जानकारी चाही गई है। सतना से कोठी तहसील के 6, रघुराजनगर तहसील के 20, मैहर तहसील के 7, कोटर के 1, बिरसिंहपुर के 1, रामपुर बाघेलान के 6, अमरपाटन के 6, मझगवां के 20, उचेहरा के 11, रामनगर के 3, नागौद के 21 मंदिरों के पुजारी शामिल हैं। कोठी तहसील के नरसिंहजी भगवान मंदिर ग्राम कोठी (कटरा) की महिला पुजारी सुनीता त्रिपाठी का नाम प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है।
धर्मस्व विभाग ने सात प्रशिक्षण केंद्रों का चयन किया था। इसमें सतना सहित इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, शिवपुरी, टीकमगढ़ और विदिशा शामिल रहे। इन केंद्रों में दो दिवसीय प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया था। प्रशिक्षण के बाद पुजारियों को प्रमाण-पत्र भी दिया जाना था। हालांकि बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब एक बार फिर से इस मामले की नस्ती निकाली गई है।
यह था निर्णय
2018 में निर्णय लिया गया था कि शासन संधारित देव स्थानों और मंदिरों के पुजारियों को विशेष पव व त्योहारों पर की जाने वाली पूजा विधि, अनुष्ठान और कर्मकांड सिखाया जाएगा। उन्हें पंचांग पढ़ना भी सिखाया जाएगा। प्रशिक्षण धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग मप्र तीर्थस्थान एवं मेला प्राधिकरण के जरिए देने का निर्णय लिया गया था।
प्रशिक्षण में क्या सिखाएंगे
- मंदिर में भगवान की प्रभात आरती, भोग आरती और शयन आरती कैसे की जाती है।
- शिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे विशेष पर्व पर अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा किस तरह की जाती है।
- अनुष्ठान जैसे दुर्गा सप्तशती पाठ, अभिषेक, भूमिपूजन, वास्तु पूजन, वाहन पूजन कैसे किया जाता है।
- कुछ पुजारियों को पंचांग देखना नहीं आता, इसलिए प्रशिक्षण में पंचांग देखना भी बताया जाना था।
सतना में यहां के पुजारियों को मिलना था प्रशिक्षण
सतना प्रशिक्षण केंद्र में सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट और डिंडौरी के पुजारियों को मैप किया गया था।
देवस्थानों सहित उनके पुजारियों की जानकारी चाही गई थी। तय प्रारूप में जानकारी भेज दी गई है। आगे का निर्णय शासन स्तर का है।
-सुरेश कुमार जाधव, संयुक्त कलेक्टर