पंजाब सरकार ने हरियाणा का पानी रोका: CM सैनी बोले- 3 दिन पहले भरोसा देकर अब राजनीति कर रहे; मान बोले- एक बूंद एक्स्ट्रा नहीं – Haryana News

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पंजाब सरकार ने हरियाणा का पानी रोका:  CM सैनी बोले- 3 दिन पहले भरोसा देकर अब राजनीति कर रहे; मान बोले- एक बूंद एक्स्ट्रा नहीं – Haryana News

पंजाब सरकार ने हरियाणा का पानी रोका: CM सैनी बोले- 3 दिन पहले भरोसा देकर अब राजनीति कर रहे; मान बोले- एक बूंद एक्स्ट्रा नहीं – Haryana News

हरियाणा CM नायब सैनी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान।

हरियाणा और पंजाब सरकार में भाखड़ा नहर के पानी को लेकर टकराव बढ़ गया है। पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले पानी में कमी कर दी है। पहले हरियाणा को रोजाना साढ़े 9 हजार क्यूसिक पानी मिल रहा था। अब इसे घटाकर 4 हजार क्य

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इस फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी ज्यादा पानी नहीं है। हरियाणा सरकार 2 महीने पहले ही अपने कोटे का सारा पानी इस्तेमाल कर चुकी है। CM भगवंत मान ने आगे कहा-

अगर केंद्र सरकार को जरूरत है तो पाकिस्तान जाने से जो पानी रोका है, वह पंजाब के डैम में भर दें, हम उसे आगे हरियाणा को दे देंगे।

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वहीं, हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री के बयान को आश्चर्यजनक बताया। उन्होंने कहा है कि 3 दिन पहले इस मामले में उन्होंने CM मान से फोन पर बात की थी। तब CM मान ने मामला सुलझाने का आश्वासन दिया था। अब काम करने के बजाय वीडियो डालकर राजनीति चमका रहे हैं।

इधर, इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार केंद्र के पास पहुंची है। हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने आज दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने हरियाणा में जल संकट की स्थिति पर चर्चा की।

पंजाब की ओर से पानी बंद करने के मामले को लेकर हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की।

हरियाणा CM सैनी ने ये 3 बातें कहीं…

  1. मामले पर हरियाणा CM सैनी ने कहा- 26 अप्रैल को मैंने स्वयं भगवंत मान को फोन पर बताया था कि बीबीएमबी की टेक्निकल कमेटी ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का जो निर्णय 23 अप्रैल को लिया था, उसके क्रियान्वयन में पंजाब के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। उस दिन CM मान ने मुझे स्पष्ट आवश्वासन दिया था कि वह तुरंत अपने अधिकारियों को निर्देश देकर अगले दिन सुबह तक क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे।
  2. CM सैनी ने आगे कहा- अगले दिन 27 अप्रैल को दोपहर 2 बजे तक पंजाब के अधिकारियों ने कुछ नहीं किया। यहां तक कि हरियाणा के अधिकारियों के फोन भी नहीं उठाए तो मैंने भगवंत मान को पत्र लिखकर इन तथ्यों से अवगत भी कराया था।
  3. मुख्यमंत्री नायब सैनी का कहना है कि वह हैरान हैं कि 48 घंटे तक उनके पत्र का जवाब देने के बजाय CM मान ने एक वीडियो जारी कर पंजाब में अपनी राजनीति चमकाने के लिए तथ्यों को दरकिनार किया और देश की जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया।

हरियाणा CM की ओर से जारी लेटर, जो उन्होंने पंजाब CM को लिखा…

इस मामले से जुड़े 3 अहम सवाल-जवाब…

1. पंजाब सरकार ने क्या फैसला लिया? पंजाब और हरियाणा सरकार में 1981 में पानी का समझौता हुआ था। इसके तहत भाखड़ा नहर से पंजाब हरियाणा और राजस्थान को पानी देता है। अभी तक पंजाब हरियाणा को डेली साढ़े 9 हजार क्यूसिक पानी दे रहा था, जिसे 15 दिन पहले से घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया गया है।

2. पानी की कमी से हरियाणा पर क्या असर होगा? पंजाब सरकार की इस कटौती का असर हरियाणा में पेयजल और सिंचाई पर पड़ेगा। प्रदेश के 5 जिलों में पानी को लेकर संकट पैदा हो सकता है। इनमें हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक, महेंद्रगढ़ शामिल हैं। इन जिलों को पंजाब की भाखड़ा नहर से आने वाले पानी से ही आपूर्ति मिलती है।

3. हरियाणा CM ने इस मामले में क्या किया? हरियाणा के CM नायब सैनी ने इसे लेकर पंजाब CM भगवंत मान से बात की है। हरियाणा सरकार से जुड़े सोर्सेस के मुताबिक, CM सैनी ने पंजाब CM मान को कहा है कि यह फैसला ठीक नहीं है। जल्द ही उन्हें हरियाणा को शर्तों के हिसाब से पूरा पानी देना पड़ेगा।

पंजाब के CM भगवंत मान ने 7.17 मिनट का वीडियो जारी कर पानी कटौती और उसके पीछे की वजह के बारे में बताया।

हरियाणा का पानी कम करने पर पंजाब CM की 5 अहम बातें…

1. हरियाणा सारा पानी इस्तेमाल कर चुका पंजाब CM भगवंत मान ने कहा- भाजपा पंजाब के साथ एक और चाल चल रही है, जिसे हम कामयाब नहीं होने देंगे। भाजपा जबरन दबाव बना रही है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के जरिए हरियाणा को ज्यादा पानी दो। जबकि, हरियाणा अपने हिस्से का सारा पानी इस्तेमाल कर चुका है।

CM ने कहा कि पानी का जो हिसाब-किताब होता है, यह 21 मई से शुरू होकर अगले साल की 21 मई तक का होता है। इसमें कोटा फिक्स होता है कि पंजाब ने जो एग्रीमेंट किए हैं, उसके मुताबिक एक साल में कितना पानी हरियाणा और कितना राजस्थान को देना है।

2. बादल-कैप्टन के वक्त हिसाब-किताब नहीं रखा मुख्यमंत्री मान ने कहा- पहले कभी हिसाब-किताब रखा ही नहीं गया। पहले बादल (पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल) और कैप्टन (पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह) के समय कोई चक्कर नहीं था। वह ज्यादा पानी इस्तेमाल कर लेते थे। सब आपस में मिले हुए थे। अब हमने अपना नहरी सिस्टम ठीक कर लिया है। 30-40 साल बाद पानी पहुंच रहा है।

3. हरियाणा ने 2 महीने पहले कोटे का पानी यूज किया CM मान बोले- मैं यह क्लियर करना चाहता हूं कि हम हरियाणा को ज्यादा पानी नहीं दे सकते। पंजाब का CM होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि एक बूंद भी पानी हमारे पास फालतू नहीं है। हम अपने लिए अपना पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। हम हरियाणा को पहले ही उनके हिस्से का पानी दे चुके हैं, जिसे वह 2 महीने पहले ही इस्तेमाल कर चुके हैं।

4. किसी को प्यासा नहीं मारेंगे, इसलिए पानी सप्लाई नहीं रोकी मुख्यमंत्री मान ने कहा-

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अब भी हम मानवता के आधार पर 4 हजार क्यूसिक पीने लायक पानी दे रहे हैं। हम किसी को प्यासा नहीं मार सकते। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि जो वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान से पानी छीन लिया, वहां पानी नहीं जाने देंगे। वह पानी हमें दे दो, हमारे डैम भर दो, हम आगे दे देंगे। जो कह रहे हो कि चिनाब, झेलम, उज्ज और कश्मीर नदी का पानी रोकोगे, उसे हमारी तरफ डायवर्ट कर दो। भाजपा इस पर राजनीति न करे। यह हमारी जरूरत है।

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5. डैम में पानी कम, हम कहां से दें पंजाब के CM ने बताया कि पिछले साल आज की तारीख में रणजीत सागर डैम में जितना पानी था, उससे आज 39 फुट कम है। पौंग डैम में पिछले साल के मुकाबले 24 फुट कम है।

उन्होंने कहा- हम पानी कहां से दे दें? हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी फालतू पानी नहीं है। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि हम पर फालतू दबाव न डाले। हम दबाव में आने वाले नहीं हैं। हमसे एक बूंद भी फालतू पानी की उम्मीद न करो।

इस मामले में हरियाणा और पंजाब के नेता क्या बोले…

जानिए, किस समझौते के तहत हरियाणा को पंजाब से पानी मिल रहा केंद्र सरकार ने साल 1976 में पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी में से 3.5 एमएएफ पानी हरियाणा को देने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए सतलुज-यमुना को जोड़ने वाली SYL नहर परियोजना बनी।

मगर, इस नहर का विरोध होने पर SYL का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। इसके बाद साल 1981 में संबंधित राज्यों के बीच फिर जल समझौता हुआ। वर्तमान में हरियाणा को पंजाब से लगभग 1.8 एमएएफ पानी मिल रहा है। यह पानी कई जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

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