पंच परिवर्तन को व्यवहार लें लेकर आए: अलीगढ़ में आरएसएस प्रमुख ने डॉ अंबेडकर को किया याद, पांचवें दिन स्वयं सेवकों को याद दिलाए बिंदु – Aligarh News

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पंच परिवर्तन को व्यवहार लें लेकर आए:  अलीगढ़ में आरएसएस प्रमुख ने डॉ अंबेडकर को किया याद, पांचवें दिन स्वयं सेवकों को याद दिलाए बिंदु – Aligarh News

पंच परिवर्तन को व्यवहार लें लेकर आए: अलीगढ़ में आरएसएस प्रमुख ने डॉ अंबेडकर को किया याद, पांचवें दिन स्वयं सेवकों को याद दिलाए बिंदु – Aligarh News

अलीगढ़ प्रवास के पांचवें दिन डॉ मोहन भागवत ने संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके उन्हें संबोधित किया।

पंच परिवर्तन भाषण का विषय नहीं है। पहले हम इसे अपने व्यवहार में लेकर आए। यह बात आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने अपने अलीगढ़ प्रवास के पांचवें दिन स्वयं सेवकों से कही। उन्होंने स्वयं सेवकों को पंच परिवर्तन के बिंदु याद दिलाते हुए इसे जीवन में उतारने का

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उन्होंने इन बिंदुओं को अपने जीवन में उतारने के बाद हम समाज से आग्रह करते हैं तो निश्चित इसका असर होगा। उन्होंने कहा कि संघ के प्रति समाज आशान्वित है।ऐसे में जो भी बात हम समाज में रखेंगे उसे समाज स्वीकार करने के लिए तैयार है।इसलिए हमें पूर्ण तैयारी के साथ समाज में जाने की जरूरत है।

सभी पदाधिकारी इसे शाखा तक पहुंचाएं

डॉ मोहन भागवत ने संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पांचों विषयों के एक एक बिंदुओं को प्रभावी ढंग से रखा और कहा कि बैठक से निकलने के बाद सभी पदाधिकारी इसे शाखा तक पहुंचाएं। जिससे कि समाज के लोग इसे जीवन में शामिल करके आगे बढ़ें।

यह हैं पंच परिवर्तन के पांच बिंदु

सामाजिक समरसता…

इसके माध्यम से समाज में भेदभाव को मिटाना है। हमें जाति भेद मिटाकर सर्व समाज के घरों तक जाना है, उन्हें अपने घर भोजन और जलपान पर बुलाना है।स्वयंसेवक ही सामाजिक समरसता का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं।

कुटुंब प्रबोधन…

हमें सबसे पहले परिवार में एक साथ बैठकर भोजन, पूजा पाठ और कीर्तन करने की जरूरत है।क्योंकि समाज में कुटुंब टूटता जा रहा है।ऐसे में परिवार को बनाए रखने के लिए स्वयंसेवकों को आगे आने की जरूरत है। उन्हें।समाज में बताना है कि परिवार हमारी मूल कड़ी है।

स्वदेशी…

हमें स्वदेशी की भावना घर घर तक पहुंचनी है। हम सभी को दैनिक जीवन में स्वदेशी लाना है।घर में स्वदेशी वस्तु का प्रयोग करना है। स्वदेशी के माध्यम से स्व. का बोध होना चाहिए।

पर्यावरण…

हम प्रकृति के पुजारी हैं। इसलिए इसमें हमारी बड़ी भूमिका है।स्वयंसेवकों को पर्यावरण को लेकर बड़ा कार्य करने की जरूरत है। अधिक से अधिक पौधे लगाएं।प्रदूषण फैलने से रोकें। नदी, तालाब, पोखर आदि को स्वच्छ बनाए रखने की जरूरत है।पक्षियों के लिए भोजन और पानी की भी व्यवस्था करें।

नागरिक कर्तव्य…

हम सभी को कर्तव्यों का पालन भी करना है।देश के प्रति हमारे नागरिक कर्तव्य क्या हैं उसे जाने और उसका पालन करें।फिर समाज तक उन बातों को लेकर जाएं, जिससे नागरिक कर्तव्यों का पालन करने वालों का एक जनमानस तैयार हो सके।

बाबा साहब सबके लिए पूजनीय

संघ प्रमुख ने पदाधिकारियों की बैठक के दौरान भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमरात अंबेडकर को भी याद किया। उन्होंने कहा कि समरसता के महान पुरोधा संविधान निर्माता डाक्टर भीमराव आंबेडकर हम सबके लिए पूजनीय हैं। उनके योगदान को भारत हमेशा याद रखेगा। सामाजिक समरसता में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है। जिसे भुलाया नहीं जा सकता है।

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