नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा: संचालक सहित 10 गिरफ्तार, बंधक बना यूपी का युवक रिहा, भीम आर्मी के प्रयास से खुली पोल – Begusarai News h3>
बेगूसराय में देश के विभिन्न हिस्से के जरूरतमंद बेरोजगार लोगों को नौकरी के नाम पर बेगूसराय बुलाकर ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। सैकड़ों युवक इस गिरोह में फंस चुके हैं। ऐसे ही एक गिरोह का खुलासा बेगूसराय पुलिस ने किया है। पुलिस ने सरगना सहित 1
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ठगों के पास से बरामद मोबाइल।
घेराबंदी कर छापेमारी की गई
SP मनीष ने बताया कि नगर थाना ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के 10 आरोपियों को पुलिस टीम के द्वारा गिरफ्तार किया गया है, इनके पास से 9 मोबाइल बरामद किए गए हैं। SP ने बताया कि हेमरा स्थित एक रूम में नीलेश कुमार नाम के युवक को पकड़ कर रखने और नौकरी दिलाने के नाम पर जबरदस्ती पैसे मांगे जाने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही सदर-वन DSP के नेतृत्व में नगर थाना की पुलिस टीम ने जांच करते हुए हेमरा स्थित उस मकान की घेराबंदी करते हुए एक रूम में छापेमारी किया गया, जिसमें पीड़ित व्यक्ति उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिला स्थित कुरहरा निवासी राजेन्द्र प्रसाद के बेटे नीलेश कुमार को मुक्त कराया गया।
उसकी निशानदेही पर रोहतास के नोखा थाना क्षेत्र स्थित खटारी निवासी संदीप कुमार, दिनारा सुंदरवन निवासी अनुप कुमार, चेनारी थाना क्षेत्र के तेलाड़ी निवासी राकेश कुमार, करहगर निवासी प्रमोद कुमार, नटवार थाना क्षेत्र के विशंभपुर निवासी रविरंजन कुमार, करहगर थाना क्षेत्र के बड़की अकोढ़ी निवासी मन्नु कुमार और गया के इमामगंज थाना क्षेत्र स्थित नगमा निवासी हरेन्द्र कुमार, गोपालगंज के हथुवा थाना क्षेत्र स्थित महैचया निवासी पंकज कुमार एवं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित कोतवाली थाना क्षेत्र के घोरसर निवासी सुरज कुमार को गिरफ्तार किया गया।
छापेमारी के दौरान पकड़े गए आरोपी।
कंप्यूटर ऑपरेटर के जॉब के नाम पर बुलाया था
पूछताछ करने पर इन लोगों ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। इन लोगों से मिले इनपुट के आधार पर इस संगठित गिरोह के मुख्य संचालक बेगूसराय जिला के गढ़पुरा थाना क्षेत्र स्थित मालीपुर निवासी कमल किशोर महतो के पुत्र चंदन कुमार को पकड़ा गया। सभी से पूछताछ और आगे की कार्रवाई चल रही है। पीड़ित युवक निलेश कुमार ने बताया कि उसे नौकरी की जरूरत थी, तलाश कर रहा था।
इसी बीच उसके रिश्ते के मामा सूरज कुमार ने उससे संपर्क किया तथा कहा कि दवा कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर सहित कई अन्य तरह की अच्छी नौकरी मिल सकती है, इसके लिए बेगूसराय आना होगा। दो दिन पहले वह बेगूसराय आया और सूरज कुमार के पास पहुंचा तो इन लोगों ने नौकरी का दिखाना शुरू कर दिया, लेकिन उसे पसंद नहीं आ रहा था, उसने जब मना कर दिया और घर जाने की बात कही तो उन लोगों ने मोबाइल रख लिया, घर में किसी से बात करने नहीं दे रहे थे। उनका कहना था कि 20 हजार रुपए की व्यवस्था करो तभी नौकरी मिलेगी या वापस जा सकते हो। काफी रोने-गिड़गिराने पर भी जब छुटकारा नहीं मिला तो उसने किसी तरह से अपने जिला के भीम आर्मी से संपर्क किया। वहां से बिहार प्रदेश अध्यक्ष अमर ज्योति को जानकारी मिली। अमर ज्योति द्वारा इसकी जानकारी बेगूसराय के विजय पासवान और विकास कुमार को दी गई। इन ही लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और नीलेश को मुक्त कराने के साथ ही इस गिरोह में शामिल लोगों को भी पकड़ा गया। वहीं भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष विकास कुमार का भी इसमें योगदान रहा।
बंधक बनाकर युवकों के साथ मारपीट भी की जाती है
बेगूसराय में इस तरह का कई संगठित गिरोह काम कर रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम तक के भोले-भाले लोगों को दवा सहित अच्छी कंपनी में नौकरी का झांसा देकर बुलाते हैं। उन्हें रतनपुर थाना क्षेत्र, नगर थाना क्षेत्र और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाके में रखा जाता है। कपस्या चौक के आसपास के इलाके सहित अन्य जगहों पर सुबह 6:00 से 9:00 तक ट्रेनिंग दी जाती है।
उन्हें कहा जाता है की ट्रेनिंग पूरा करते ही नौकरी मिल जाएगी। 10 से 20 हजार तक खर्च कर 2 महीने का ट्रेनिंग पूरा होने के बाद इन लोगों को कहा जाता है कि नौकरी तभी मिलेगी जब अपने-अपने संपर्क के तीन-तीन युवकों को बुलाओगे, जो नहीं बुलाते हैं या नौकरी करने से मना कर देते हैं, उनसे पैसा वसूला जाता है। मारपीट की जाती है, बंधक बनाया जाता है। बाहर के रहने वाले यह लोग बगैर किसी कार्रवाई कराए बिना घर लौट जाते हैं।
लगातार सामने आते रहे हैं ऐसे मामले
नवंबर महीने में भी रतनपुर थाना क्षेत्र के पिपरा में धनबाद के रहने वाले चंदन नाम के युवक को नौकरी करने से मना करने पर बंधक बनाकर मारपीट की गई थी। उसने जब डायल- 112 को इसकी सूचना दी तो रतनपुर थाना से टीम भी पहुंची, लेकिन वह टीम एग्जैक्ट लोकेशन के बदले दूसरे जगह जांच-पड़ताल करती रही। इस बीच बंधक बनाने वाले इस गिरोह के लोगों ने युवक को वहां से ले जाकर हर-हर महादेव चौक पर छोड़ दिया। इसके अलावा भी कई मामले सामने आते रहते हैं। 2 साल पहले भी बेगूसराय में इस तरह की बड़ी कार्रवाई हुई। इसके बावजूद यह संगठित गिरोह चलने वाले का मकड़जाल कम नहीं हो रहा है। सिर्फ रतनपुर थाना क्षेत्र में 500 से अधिक युवक-युवती को नौकरी के नाम पर ट्रेनिंग देने के बहाने रखा गया है।