नोएडा स्ट्रक्चर ऑडिट से पहले निजी एजेंसी परखेगी मजबूती: 10 कंपनियों का बनेगा पैनल, बोर्ड से अप्रूवल के बाद प्राधिकरण जारी करेगा RFP – Noida (Gautambudh Nagar) News h3>
नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में बैठक करते मुख्य सचिव मनोज सिंह।
नोएडा में सोसाइटियों में स्ट्रक्चरल ऑडिट से पहले निजी एजेंसियों का एक पैनल इमारत का निरीक्षण करेगा। वो अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को देगा। यदि इमारत कमजोर है तो ही प्राधिकरण के पैनल में शामिल आठ एजेंसियों में कोई भी सोसाइटी का स्ट्रक्चर ऑडिट करेगी।
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रेट्रो फिटिंग या अन्य रि-कंस्ट्रक्शन के लिए एओए या बिल्डर से कहेगी। निजी एजेंसियों के पैनल का गठन प्राधिकरण करेगा। इसके लिए प्राधिकरण इसी सप्ताह आरएफपी जारी कर रही है। इसमें कुल 10 एजेंसियों का चयन किया जाएगा। कोई भी एक एजेंसी सोसाइटी के आवेदन पर उसका निरीक्षण कर सकती है।
बतौर इसके लिए सोसाइटी एओए एजेंसियों को एक भुगतान करेगी। जोकि प्रति वर्ग फीट के हिसाब से लिया जाएगा। निजी एजेंसियों को शामिल करने की प्रक्रिया नोएडा प्राधिकरण ने शुरू कर दी है। बोर्ड में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया है।
नोएडा में बनी हुई हाइराइज इमारत।
स्ट्रक्चरल ऑडिट की पॉलिसी तैयार कर बोर्ड से मंजूरी लेने के बाद 15 मार्च 2023 को नोएडा प्राधिकरण में इसको लागू कर दिया गया था। पॉलिसी के तहत 1 अप्रैल 2023 से व्यवस्था लागू की गई थी कि अधिभोग प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) पाने के लिए जो भी बिल्डर की तरफ से आवेदन आएगा।
उसको पैनल में शामिल किसी एक सरकारी संस्थान से स्ट्रक्चरल ऑडिट का सर्टिफिकेट लाना होगा। वहीं पहले से बनी ग्रुप हाउसिंग के लिए भी नियम व जिम्मेदारी स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए तय कर दिए गए।
नियम बनाया गया कि ग्रुप हाउसिंग या कोई भी 15 मीटर से ऊंची इमारत का अधिभोग प्रमाण पत्र लेने से पहले स्ट्रक्चरल ऑडिट का सर्टिफिकेट लगाना होगा। अगर बिल्डर यह रिपोर्ट नहीं लगाता है और आवेदन करता है तो वह आवेदन निरस्त हो जाएगा।
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रैल 2023 से अब तक करीब नौ ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लिए प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट लेने के बाद ही अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया है।
क्यों निजी एजेंसियों की पड़ रही जरूरत नोएडा में आठ पुरानी सोसाइटी की तरफ से स्ट्रक्चर ऑडिट कराने की मांग प्राधिकरण से की गई है। इन सोसाइटी में सेक्टर-93 ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट और यूटोपिया रेजिडेंट, सेक्टर-121 होम्स, सेक्टर-107 ग्रेट वैल्यू शरणम, सेक्टर-78 सिक्का कार्मिक, सेक्टर-52 अंतरिक्ष नेचर आदि सोसाइटी शामिल है। खास बात यह है कि पुरानी सोसाइटी में ऑडिट की जरूरत है या नहीं, इसके लिए वर्ष 2023 में एक एसीईओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी।
सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड का कार्यालय
इस कमेटी ने एक भी जगह जाकर सर्वे नहीं किया। एसीईओ स्तर के अधिकारियों की व्यस्तता को देखते हुए उपमहाप्रबंधक जल-सीवर, सिविल और जनस्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाई गई थी। इस कमेटी को बने हुए भी करीब 8-10 महीने हो गए हैं लेकिन इस कमेटी ने भी एक भी जगह जाकर सर्वे करना उचित नहीं समझा। ऐसे में निरीक्षण का काम ही इन निजी एजेंसियों से कराया जाएगा।
वर्तमान में ये आठ एजेंसियां है शामिल प्राधिकरण ने नवंबर 2022 की 207वीं बोर्ड बैठक में बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा जांच के लिए एक स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी की नीति को प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और लागू किया गया। पॉलिसी में अनिवार्य किया गया कि सोसाइटी एओए के अनुरोध पर इन आठ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा ही ऑडिट किया जाएगा।
जिनमें IIT कानपुर, IIT दिल्ली, BITS पिलानी, दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय दिल्ली, MNNIT प्रयागराज, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, MNIT जयपुर और CBRI रुड़की है।
निजी एजेंसियों को शामिल करने का प्रोसेस प्राधिकरण ने बताया कि इसके लिए एक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी ) जारी की जा रही है। इसकी शर्तों को आसान बनाया गया है । ये आरएफपी एक सलाहकार कंपनी के जरिए बनाई गई है। इसे जारी किया जाएगा।
आरएफपी के तहत आने वाली एजेंसियों का ही चयन किया जाएगा। जिसे सरकारी एजेंसियों के साथ पैनल में शामिल किया जाएगा। बताया गया कि ऐसी करीब 10 एजेंसियों का चयन होगा। ताकि बायर्स के पास पर्याप्त आप्शन हो और वो रेट के अनुसार अपनी सोसाइटी का निरीक्षण करवा सके।