नेता प्रतिपक्ष ने शिक्षा-महिला सुरक्षा पर सरकार को घेरा: कोलारस में स्टूडेंट के ट्रेन से कटकर सुसाइड, महिला पुलिस की कमी पर उठाए सवाल – Bhopal News h3>
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कोलारस के बारहवीं कक्षा के एक विद्यार्थी द्वारा ट्रेन के सामने लेटकर आत्महत्या करने और थानों में महिला पुलिस बल को लेकर अलग-अलग ट्वीट के जरिए सरकार को घेरा है। सिंघार ने कहा है कि स्कूली शिक्षा की दुर्गति कि
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सिंघार ने एक्स पर किए गए ट्वीट में कोलारस के छात्र की आत्महत्या का जिक्र कर लिखा- इस छात्र की आत्महत्या MP सरकार के लिए सबक है। कोलारस के 12वीं के एक छात्र ने ट्रेन के आगे लेटकर आत्महत्या कर ली। उसने अपने आख़िरी वीडियो में सरकार को चेतावनी दी कि शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जाए, नहीं तो कई छात्र ऐसे ही आत्महत्या कर लेंगे। एमपी सरकार के सामने यह गंभीर सवाल है कि वह इस छात्र की चेतावनी को किस गंभीरता से लेती है। आत्महत्या करने वाले छात्र ने एक टीचर पर भी आरोप लगाए कि उसने उसे किस तरफ प्रताड़ित किया और ट्यूशन के लिए दबाव डाला। एमपी में स्कूली शिक्षा की दुर्गति किसी से छिपी नहीं है। इस छात्र की आत्महत्या ने उसकी कलई खोल दी।… अब क्या #मौन सरकार इस घटना से कोई सबक सीखेगी या ढर्रा इसी तरह चलता रहेगा।
महिला पुलिस बल की कमी पर सवाल
एक अन्य ट्वीट में सिंघार ने लिखा- मध्यप्रदेश में मोहन सरकार के महिला सुरक्षा के दावे सिर्फ प्रचार तक सीमित हैं। राज्य के महिला थानों में स्वीकृत बल का 60% अमला ही पदस्थ है। यह स्थिति बताती है कि सरकार महिला सुरक्षा को लेकर कितनी उदासीन है। भाजपा के राज में महिला अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। लेकिन महिला पुलिस बल की कमी दूर करने के प्रयास न के बराबर हैं। जिन थानों में महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने की बात थी, वहीं संसाधनों और नेतृत्व की कमी है। क्या यही है ‘महिला सशक्तिकरण’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का असली चेहरा? मोहन सरकार को जवाब देना होगा कि राज्य में महिलाएं कब सुरक्षित होंगी?
नर्सिंग काउंसिल करप्शन का मामला भी उठाया
सिंघार ने शनिवार को किए ट्वीट में नर्सिंग घोटाले को लेकर लिखा- मध्यप्रदेश का नर्सिंग घोटाला सिर्फ फर्जी कॉलेजों तक सीमित नहीं, अब नर्सिंग काउंसिल में भी भ्रष्टाचार के चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज गायब, फाइलें ग़ायब, बैकडेट में फर्जी नामांकन, जिन कॉलेजों में नहीं थे छात्र- उनके भी हो गए एनरोलमेंट, सीबीआई जांच में ये तमाम बातें सामने आई हैं। क्या यही है ‘भ्रष्टाचार मुक्त शासन’ का वादा? क्या मोहन सरकार सिर्फ घोटालों और फर्जीवाड़ों की सरकार बनकर रह गई है? जनता के स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ ऐसा खिलवाड़ कब तक चलेगा?