नेताजी का प्रचार…AI है ना | Support of AI in election campaign | News 4 Social h3>
इंदौरPublished: Mar 09, 2024 07:11:56 pm
छवि चमकेगी, डीपफेक की भी होगी काट, निजी एजेंसियां टूल के साथ तैयार, राजनीतिक दलों की सोशल मीडिया सेल भी मुस्तैद
नेताजी का प्रचार…AI है ना
प्रमोद मिश्रा
विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए काम करने वाली डिजिटल मीडिया एजेंसियां अब लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के प्रचार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं। कई एजेंसियों ने खुद के एआइ टूल बना लिए हैं। नेताजी चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे और एजेंसी एआइ टूल के जरिए फोटो का इस्तेमाल कर उनका लुभावना वीडियो, ऑडियो तैयार कर वायरल करेगी। राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया सेल भी इसकी तैयारी में हैं। छवि खराब करने के लिए डीपफेक या फर्जी मैसेज के काउंटर की भी तैयारी हो गई है। भाजपा ने जिन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, उनमें से अधिकांश सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए निजी एजेंसी की मदद ले रहे हैं। जहां नाम बाकी हैं, वहां के दावेदार व कांग्रेस नेता भी इसी राह पर हैं। चुनाव की आहट बढ़ने के साथ भाजपा की सोशल मीडिया सेल भी एक्टिव हो गई है। उसने पांच स्तर पर काम शुरू कर दिया है। इस मामले में कांग्रेस की सेल अभी पीछे है। उम्मीदवार की घोषणा के साथ उनकी सक्रियता नजर आएगी। भाजपा सोशल मीडिया सेल प्रभारी अंकित परमार के मुताबिक, सोशल मीडिया टीम एआइ का इस्तेमाल करेगी। अगर कोई फर्जी वीडियो वायरल करता है तो तुरंत सच्चाई सामने लाकर लोगों तक पहुंचाने की तैयारी है। कांग्रेस सोशल मीडिया सेल प्रभारी विपिन गंगवाल के मुताबिक, उम्मीदवार की घोषणा के साथ ही विंग अपना काम शुरू कर देगी। मैदानी प्रचार उम्मीदवार के साथ पार्टी नेता, कार्यकर्ता करते हैं, लेकिन सोशल मीडिया का प्रचार इन निजी कंपनियों के हाथ में है। कंपनियों ने होम वर्क कर रखा है और सोशल वार शुरू होने को है। ————– ऐसे काम करेंगे एआइ टूल – उम्मीदवार प्रचार में व्यस्त रहेंगे और एआइ टूल की मदद से उनका वीडियो-ऑडियो वायरल हो जाएगा। – उम्मीदवार की आवाज का सैंपल एजेंसी ने सुरक्षित रखा है। किसी मुद्दे पर उम्मीदवार तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं होगी। कंपनी जवाब तैयार करेगी और आवाज के सैंपल के जरिए नेताजी की आवाज में संदेश तैयार हो जाएगा, जो हजारों लोगोंं तक तुरंत पहुंचेगा। – नेताजी के फोटो व ऑडियो सैंपल का इस्तेमाल कर वीडियो तैयार होगा और उसे वायरल किया जाएगा। – वर्तमान दौर में वाइस कॉल का जोर है। इसमें नेताजी की आवाज में संंदेश प्रसारित होता है। वे व्यस्त हुए तो उनकी आवाज के सैंपल से संदेश बनाकर लोगों तक पहुंचाएंगे। – नेताजी द्वारा इलाके में लोगों की सुविधा के लिए किए गए कार्य के आकर्षक पोस्टर व मीम्स बनाकर हजारों वाट्सऐप नंबरों पर एक साथ भेजे जाएंगे।
एआइ टूल से होगा प्रचार
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रील्स, मीम्स आदि से मतदाताओं तक बात पहुंचाई जाती है। हमने एआइ टूल बनाया है, जिसका इस्तेमाल कर वीडियो-ऑडियो संदेश तैयार कर प्रसारित किए जा सकते हैं। वाइस कॉल भी तैयार हो जाते हैं। उम्मीदवार कहीं व्यस्त हों तो भी उनकी आवाज के सैंपल व फोटो से वीडियो बनाकर जारी कर दिया जाएगा।
प्रशांत पटेल, संचालक, डिजिटल एजेंसी।
डीपफेक बड़ी परेशानी, नजर रखने की जरूरत
एआइ तकनीक का जमकर इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन दुरुपयोग के भी कई मामले आते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री सहित कुछ प्रभावी नेताओं के डीपफेक वीडियो सामने आए थे। तकनीक के दुरुपयोग से चुनाव प्रभावित करने का काम शरारती तत्व करते हैं। सोशल मीडिया पर इस तरह के फर्जीवाड़े पर नजर रखने की जरूरत है। चातक वाजपेयी, साइबर एक्सपर्ट
मध्यप्रदेश की और खबर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News
इंदौरPublished: Mar 09, 2024 07:11:56 pm
छवि चमकेगी, डीपफेक की भी होगी काट, निजी एजेंसियां टूल के साथ तैयार, राजनीतिक दलों की सोशल मीडिया सेल भी मुस्तैद
नेताजी का प्रचार…AI है ना
प्रमोद मिश्रा
विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए काम करने वाली डिजिटल मीडिया एजेंसियां अब लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के प्रचार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं। कई एजेंसियों ने खुद के एआइ टूल बना लिए हैं। नेताजी चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे और एजेंसी एआइ टूल के जरिए फोटो का इस्तेमाल कर उनका लुभावना वीडियो, ऑडियो तैयार कर वायरल करेगी। राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया सेल भी इसकी तैयारी में हैं। छवि खराब करने के लिए डीपफेक या फर्जी मैसेज के काउंटर की भी तैयारी हो गई है। भाजपा ने जिन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, उनमें से अधिकांश सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए निजी एजेंसी की मदद ले रहे हैं। जहां नाम बाकी हैं, वहां के दावेदार व कांग्रेस नेता भी इसी राह पर हैं। चुनाव की आहट बढ़ने के साथ भाजपा की सोशल मीडिया सेल भी एक्टिव हो गई है। उसने पांच स्तर पर काम शुरू कर दिया है। इस मामले में कांग्रेस की सेल अभी पीछे है। उम्मीदवार की घोषणा के साथ उनकी सक्रियता नजर आएगी। भाजपा सोशल मीडिया सेल प्रभारी अंकित परमार के मुताबिक, सोशल मीडिया टीम एआइ का इस्तेमाल करेगी। अगर कोई फर्जी वीडियो वायरल करता है तो तुरंत सच्चाई सामने लाकर लोगों तक पहुंचाने की तैयारी है। कांग्रेस सोशल मीडिया सेल प्रभारी विपिन गंगवाल के मुताबिक, उम्मीदवार की घोषणा के साथ ही विंग अपना काम शुरू कर देगी। मैदानी प्रचार उम्मीदवार के साथ पार्टी नेता, कार्यकर्ता करते हैं, लेकिन सोशल मीडिया का प्रचार इन निजी कंपनियों के हाथ में है। कंपनियों ने होम वर्क कर रखा है और सोशल वार शुरू होने को है। ————– ऐसे काम करेंगे एआइ टूल – उम्मीदवार प्रचार में व्यस्त रहेंगे और एआइ टूल की मदद से उनका वीडियो-ऑडियो वायरल हो जाएगा। – उम्मीदवार की आवाज का सैंपल एजेंसी ने सुरक्षित रखा है। किसी मुद्दे पर उम्मीदवार तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं होगी। कंपनी जवाब तैयार करेगी और आवाज के सैंपल के जरिए नेताजी की आवाज में संदेश तैयार हो जाएगा, जो हजारों लोगोंं तक तुरंत पहुंचेगा। – नेताजी के फोटो व ऑडियो सैंपल का इस्तेमाल कर वीडियो तैयार होगा और उसे वायरल किया जाएगा। – वर्तमान दौर में वाइस कॉल का जोर है। इसमें नेताजी की आवाज में संंदेश प्रसारित होता है। वे व्यस्त हुए तो उनकी आवाज के सैंपल से संदेश बनाकर लोगों तक पहुंचाएंगे। – नेताजी द्वारा इलाके में लोगों की सुविधा के लिए किए गए कार्य के आकर्षक पोस्टर व मीम्स बनाकर हजारों वाट्सऐप नंबरों पर एक साथ भेजे जाएंगे।
एआइ टूल से होगा प्रचार
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रील्स, मीम्स आदि से मतदाताओं तक बात पहुंचाई जाती है। हमने एआइ टूल बनाया है, जिसका इस्तेमाल कर वीडियो-ऑडियो संदेश तैयार कर प्रसारित किए जा सकते हैं। वाइस कॉल भी तैयार हो जाते हैं। उम्मीदवार कहीं व्यस्त हों तो भी उनकी आवाज के सैंपल व फोटो से वीडियो बनाकर जारी कर दिया जाएगा।
प्रशांत पटेल, संचालक, डिजिटल एजेंसी।
डीपफेक बड़ी परेशानी, नजर रखने की जरूरत
एआइ तकनीक का जमकर इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन दुरुपयोग के भी कई मामले आते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री सहित कुछ प्रभावी नेताओं के डीपफेक वीडियो सामने आए थे। तकनीक के दुरुपयोग से चुनाव प्रभावित करने का काम शरारती तत्व करते हैं। सोशल मीडिया पर इस तरह के फर्जीवाड़े पर नजर रखने की जरूरत है। चातक वाजपेयी, साइबर एक्सपर्ट