नेटबंदी से लेकर हाई सिक्योरिटी…सब हुए फेल, ढंग से पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा तक नहीं करा पाई राजस्थान सरकार h3>
रामस्वरूप लामरोड़,जयपुर:राजस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं (Rajasthan competitive exam) के आयोजन के दौरान तमाम तरह की सावधानियां बरती जाती है। इसके बावजूद प्रतियोगिता परीक्षाओं (Rajasthan exam recruitment) के पेपर आउट हो रहे हैं। 14 मई को पुलिस मुख्यालय की ओर से आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर (Rajasthan police constable exam paper leak) आउट हो गया। भर्ती परीक्षा रद्द करनी पड़ी। इससे पहले भी पिछले साल अध्यापक पात्रता परीक्षा (Rajasthan Reet exam) का पेपर आउट हुआ था। तीन महीने बाद राज्य सरकार (Ashok gehlot government) ने रीट की परीक्षा को निरस्त करना पड़ा। उससे पहले जेईएन भर्ती परीक्षा (Jen Exam Rajasthan) और आरएएस भर्ती 2013 (Ras Exam Rajasthan) की प्रारम्भिक परीक्षा को निरस्त करना पड़ा था। साथ ही कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी बैठने के मामले सामने आए ,लेकिन राज्य सरकार पेपर को आउट नहीं माना और परीक्षाओं को निरस्त नहीं किया।
इन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी, वह भी नहीं रोक सके पेपर लीक को
सभी तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं में सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के जिम्मे होती है, लेकिन पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को भी पुलिस सही तरीके से नहीं करवा पाई। खुद की ओर से आयोजित परीक्षा का पर्चा भी लीक हो गया। हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पेपर को निरस्त कर दिया, लेकिन पेपर लीक करने वालों ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को भी धत्ता बता दिया।
राजस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं का आयोजन आरपीएससी, कर्मचारी चयन बोर्ड या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा करवाया जाता है, लेकिन पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन खुद पुलिस मुख्यालय की ओर से करवाया गया। इसके बावजूद पेपर लीक होने से रोका नहीं जा सका।
26 सितम्बर 2021 को रीट परीक्षा का पेपर हुआ था आउट
गत वर्ष 26 सितम्बर को राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ। इस परीक्षा का पेपर दो दिन पहले ही आउट हो गया था। वाट्सअप पर पेपर सर्कुलेट हुआ, तो पुलिस को पेपर लीक होने की जानकारी मिली। इस पेपर लीक प्रकरण में कई पुलिसकर्मी भी शामिल पाए गए ,जिनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। पेपर लीक होने के बाद लाखों अभ्यर्थियों ने पेपर निरस्त करने की मांग करते हुए आंदोलन किए। करीब तीन महीने बाद राज्य सरकार ने रीट के पेपर को आउट माना । हालांकि रीट लेवल टू के प्रश्न पत्र को आउट मानते हुए पेपर को निरस्त किया।
जेईएन भर्ती परीक्षा का पेपर भी करना पड़ा निरस्त
6 दिसम्बर 2020 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित जेईएन भर्ती परीक्षा का पर्चा एग्जाम से पहले ही लीक हो गया था। पेपर की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने पेपर को आउट मानते हुए परीक्षा को निरस्त किया। इसके बाद में जेईएन भर्ती परीक्षा का दोबारा आयोजन कराना पड़ा था।
आरएएस भर्ती 2013 की प्रारम्भिक परीक्षा हुई थी निरस्त
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस भर्ती 2013 की प्रारम्भिक परीक्षा को भी पेपर लीक होने के चलते निरस्त करना पड़ा। पूर्व में जब पर्चा लीक होने की बात सामने आई तो सरकार यह मानने को तैयार ही नहीं थी कि पेपर लीक हुआ है। इसके बाद में कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट की दखल के बाद राज्य सरकार को आरएएस भर्ती 2013 की प्रारम्भिक परीक्षा को निरस्त करना पड़ा। लाखों अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देनी पड़ी।
कई प्रतियोगिता परीक्षाएं रही विवादों में
राजस्थान में अमूमन हर प्रतियोगिता परीक्षाओं में धांधली के प्रकरण सामने आते रहे हैं ,लेकिन सरकार ने परीक्षाओं को निरस्त करने का जिम्मा नहीं उठाया। सितम्बर 2021 में हुई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने का मामला सामने आया था। पुलिस ने कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी की, लेकिन पेपर को लीक नहीं माना गया। बेरोजगारों ने कई दिनों तक आंदोलन किए ,लेकिन सरकार ने परीक्षा के आयोजन को सही मानते हुए पेपर रद्द नहीं किया।
हर परीक्षा में पकड़े जाते रहे हैं फर्जी अभ्यर्थी
प्रदेश में आयोजित होने वाली लगभग हर प्रतियोगिता परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी पकड़े जाते रहे हैं। हाल ही में हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी जोधपुर में फर्जी केंडिडेट पकड़ा गया था। इससे पहले 23 और 24 अक्टूबर 2021 को हुई पटवार भर्ती परीक्षा में भी कई फर्जी अभ्यर्थी पकड़े जा चुके हैं। 18 सितम्बर 2021 को आयोजित कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा और 27-28 दिसम्बर को हुई वीडीओ भर्ती परीक्षा में भी डमी अभ्यर्थी गिरफ्तार हुए थे। कई फर्जी अभ्यर्थी तो दिल्ली और बिहार के रहने वाले थे। मोटी रकम लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में पास कराने की गारंटी लेकर ये फर्जी अभ्यर्थी परीक्षाएं देते रहे हैं।
नेटबंदी के बावजूद सुरक्षा को गच्चा
प्रतियोगिता परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए मोबाइल नेटबंदी की जाती रही है। इसके बावजूद भी प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आउट हो जाते हैं। ऐसे में नेटबंदी का निर्णय भी पेपर लीक मामले में सही नहीं रहा। मोबाइल नेटबंदी के दौरान ब्रांडबैंड सेवाएं चालू रहती है। ऐसे में आपराधिक प्रवृति में लिप्त बदमाश ब्रांडबैंड के जरिए पेपर को दूसरे तक पहुंचा देते हैं। इसके साथ आजकल कई एप ऐसे आ गए हैं जिनसे नेटबंदी के बावजूद मोबाइल में इंटरनेट सेवा चालू रहती है। इस वजह से भी प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आउट होते रहे हैं।
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इन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी, वह भी नहीं रोक सके पेपर लीक को
सभी तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं में सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के जिम्मे होती है, लेकिन पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को भी पुलिस सही तरीके से नहीं करवा पाई। खुद की ओर से आयोजित परीक्षा का पर्चा भी लीक हो गया। हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पेपर को निरस्त कर दिया, लेकिन पेपर लीक करने वालों ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को भी धत्ता बता दिया।
राजस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं का आयोजन आरपीएससी, कर्मचारी चयन बोर्ड या माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा करवाया जाता है, लेकिन पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन खुद पुलिस मुख्यालय की ओर से करवाया गया। इसके बावजूद पेपर लीक होने से रोका नहीं जा सका।
26 सितम्बर 2021 को रीट परीक्षा का पेपर हुआ था आउट
गत वर्ष 26 सितम्बर को राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ। इस परीक्षा का पेपर दो दिन पहले ही आउट हो गया था। वाट्सअप पर पेपर सर्कुलेट हुआ, तो पुलिस को पेपर लीक होने की जानकारी मिली। इस पेपर लीक प्रकरण में कई पुलिसकर्मी भी शामिल पाए गए ,जिनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। पेपर लीक होने के बाद लाखों अभ्यर्थियों ने पेपर निरस्त करने की मांग करते हुए आंदोलन किए। करीब तीन महीने बाद राज्य सरकार ने रीट के पेपर को आउट माना । हालांकि रीट लेवल टू के प्रश्न पत्र को आउट मानते हुए पेपर को निरस्त किया।
जेईएन भर्ती परीक्षा का पेपर भी करना पड़ा निरस्त
6 दिसम्बर 2020 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित जेईएन भर्ती परीक्षा का पर्चा एग्जाम से पहले ही लीक हो गया था। पेपर की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने पेपर को आउट मानते हुए परीक्षा को निरस्त किया। इसके बाद में जेईएन भर्ती परीक्षा का दोबारा आयोजन कराना पड़ा था।
आरएएस भर्ती 2013 की प्रारम्भिक परीक्षा हुई थी निरस्त
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरएएस भर्ती 2013 की प्रारम्भिक परीक्षा को भी पेपर लीक होने के चलते निरस्त करना पड़ा। पूर्व में जब पर्चा लीक होने की बात सामने आई तो सरकार यह मानने को तैयार ही नहीं थी कि पेपर लीक हुआ है। इसके बाद में कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट की दखल के बाद राज्य सरकार को आरएएस भर्ती 2013 की प्रारम्भिक परीक्षा को निरस्त करना पड़ा। लाखों अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देनी पड़ी।
कई प्रतियोगिता परीक्षाएं रही विवादों में
राजस्थान में अमूमन हर प्रतियोगिता परीक्षाओं में धांधली के प्रकरण सामने आते रहे हैं ,लेकिन सरकार ने परीक्षाओं को निरस्त करने का जिम्मा नहीं उठाया। सितम्बर 2021 में हुई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने का मामला सामने आया था। पुलिस ने कई आरोपियों की गिरफ्तारी भी की, लेकिन पेपर को लीक नहीं माना गया। बेरोजगारों ने कई दिनों तक आंदोलन किए ,लेकिन सरकार ने परीक्षा के आयोजन को सही मानते हुए पेपर रद्द नहीं किया।
हर परीक्षा में पकड़े जाते रहे हैं फर्जी अभ्यर्थी
प्रदेश में आयोजित होने वाली लगभग हर प्रतियोगिता परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी पकड़े जाते रहे हैं। हाल ही में हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी जोधपुर में फर्जी केंडिडेट पकड़ा गया था। इससे पहले 23 और 24 अक्टूबर 2021 को हुई पटवार भर्ती परीक्षा में भी कई फर्जी अभ्यर्थी पकड़े जा चुके हैं। 18 सितम्बर 2021 को आयोजित कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा और 27-28 दिसम्बर को हुई वीडीओ भर्ती परीक्षा में भी डमी अभ्यर्थी गिरफ्तार हुए थे। कई फर्जी अभ्यर्थी तो दिल्ली और बिहार के रहने वाले थे। मोटी रकम लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में पास कराने की गारंटी लेकर ये फर्जी अभ्यर्थी परीक्षाएं देते रहे हैं।
नेटबंदी के बावजूद सुरक्षा को गच्चा
प्रतियोगिता परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए मोबाइल नेटबंदी की जाती रही है। इसके बावजूद भी प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आउट हो जाते हैं। ऐसे में नेटबंदी का निर्णय भी पेपर लीक मामले में सही नहीं रहा। मोबाइल नेटबंदी के दौरान ब्रांडबैंड सेवाएं चालू रहती है। ऐसे में आपराधिक प्रवृति में लिप्त बदमाश ब्रांडबैंड के जरिए पेपर को दूसरे तक पहुंचा देते हैं। इसके साथ आजकल कई एप ऐसे आ गए हैं जिनसे नेटबंदी के बावजूद मोबाइल में इंटरनेट सेवा चालू रहती है। इस वजह से भी प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर आउट होते रहे हैं।
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