नीतीश ने फिर दिल्ली में बुलाई जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, 29 जून की मीटिंग में क्या होगा? h3>
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नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अगली बैठक तय हो गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से नीतीश कुमार ने आगामी 29 जून को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। मीटिंग में जनता दल यूनाइटेड के सभी सांसद, विधायक और प्रमुख नेता शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में लोकसभा चुनाव के परिणाम से लेकर बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी समेत संगठन को विस्तार देने और मजबूत बनाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों जदयू के नेता आपस में मंथन करेंगे। इससे पहले 29 दिसमंबर 2023 को जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी जिसका देश की राजनीति पर व्यापक असर पड़ा।
लोकसभा चुनाव 2024 में जिस तरीके के नतीजे सामने आए हैं उसमें नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू किंग मेकर की भूमिका में उभरी है। बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जनता दल यूनाइटेड के 12 सांसदों का सहयोग चाहिए होगा। लोकसभा चुनाव के बाद बुलाई गई जदयू कार्य करने की यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह से लेकर पार्टी के तमाम प्रमुख चेहरे शामिल होंगे।
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दरअसल लोक सभा चुनाव के बाद सभी दल परिणाम को लेकर समीक्षा कर रहे हैं। 2024 के चुनाव में देश भर में भाजपा को झटका लगा। वहीं कांग्रेस और आरजेडी फायदे में रही। राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को 60 सीटों का नुकसान हुआ। बिहार की बात करें तो एनडीए को 9 सीटों का नुकसान हुआ जिसमें बीजेपी को पांच और जदयू को चार सीटें गंवानी पड़ी। 2019 की तुलना में कांग्रेस एक सीट से तीन सीट पर पहुंच गई वहीं आरजेडी जीरो से चार पर पहुंच गई। गुरुवार को पटना में बीजेपी की प्रदेश इकाई की भी समीक्षा बैठक हुई। उसके बाद शुक्रवार को जदयू की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी मीटिंग की घोषणा की गई है जिसकी तारीख 29 जून बताई गई है। माना जा रहा है कि कार्यकारिणी में संगठन विस्तार, पार्टी को मजबूत करने, बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा या स्पेशल पैकेज और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़े प्रस्ताव लाए जा सकते हैं।
इसके पहले 29 दिसम्बर 2023 जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में बुलाई गई थी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वह मीटिंग भी नीतीश कुमार ने बगैर किसी पूर्व सूचना के ही बुलाई थी। उस मीटिंग में नीतीश कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया और ललन सिंह को पार्टी अपना पद को छोड़ना पड़ा था।
नीतीश कुमार के हाथ में पार्टी की कमान जाते ही बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर हो गया। नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन सरकार से जदयू को अलग कर दिया और फिर से बीजेपी के साथ एनडीए में में चलेगे। नीतीश कुमार के एक फैसले से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा। बिहार राजद कांग्रेस, वामदल सत्ता से बाहर हो गए। इस फेरबदल का असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी पड़ा।
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नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अगली बैठक तय हो गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से नीतीश कुमार ने आगामी 29 जून को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। मीटिंग में जनता दल यूनाइटेड के सभी सांसद, विधायक और प्रमुख नेता शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग में लोकसभा चुनाव के परिणाम से लेकर बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी समेत संगठन को विस्तार देने और मजबूत बनाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों जदयू के नेता आपस में मंथन करेंगे। इससे पहले 29 दिसमंबर 2023 को जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी जिसका देश की राजनीति पर व्यापक असर पड़ा।
लोकसभा चुनाव 2024 में जिस तरीके के नतीजे सामने आए हैं उसमें नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू किंग मेकर की भूमिका में उभरी है। बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जनता दल यूनाइटेड के 12 सांसदों का सहयोग चाहिए होगा। लोकसभा चुनाव के बाद बुलाई गई जदयू कार्य करने की यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसमें केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह से लेकर पार्टी के तमाम प्रमुख चेहरे शामिल होंगे।
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इसके पहले 29 दिसम्बर 2023 जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में बुलाई गई थी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वह मीटिंग भी नीतीश कुमार ने बगैर किसी पूर्व सूचना के ही बुलाई थी। उस मीटिंग में नीतीश कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया और ललन सिंह को पार्टी अपना पद को छोड़ना पड़ा था।
नीतीश कुमार के हाथ में पार्टी की कमान जाते ही बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर हो गया। नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन सरकार से जदयू को अलग कर दिया और फिर से बीजेपी के साथ एनडीए में में चलेगे। नीतीश कुमार के एक फैसले से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा। बिहार राजद कांग्रेस, वामदल सत्ता से बाहर हो गए। इस फेरबदल का असर 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी पड़ा।