नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता को गति दी, सबसे बड़ी पार्टी ने…; आनंद मोहन INDIA गठबंधन पर क्या- क्या बोले? h3>
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बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा है कि केंद्र सरकार के खिलाफ बन रही विपक्षी एकता मैं ठहराव आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे काफी गति दी पूरी ताकत और लगन के साथ आगे बढ़ाया। लेकिन विपक्षी एकता में शामिल सबसे बड़ी पार्टी की वजह से इसकी गति धीमी हो रही है। आनंद मोहन ने नाम लिए बगैर कांग्रेस पार्टी पर नीतीश कुमार द्वारा दिए बयान का समर्थन किया है
पूर्व सांसद रविवार को फ्रेंड्स ऑफ आनंद के नेता अनिल सिंह के निजी कार्यक्रम में गए थे। वहां उन्होंने पत्रकारों से बात की। आनंद मोहन ने जहां नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की वही नाम लिए बगैर कांग्रेस के रवैया पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जो लोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के मुहिम को आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं, अगर वह ऐसा करते हैं तो खुद के लिए कुछ करेंगे। देश के लिए इसमें कुछ भी नहीं होगा। क्योंकि पांच राज्यों में अगर उन्हें कोई सफलता मिलती है उसके अनुसार अपनी रणनीति तय करेंगे।
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दूसरी और उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने देशभर का दौरा कर विपक्षी एकता के मुहिम को इंडिया गठबंधन तक पहुंचा दिया। अब उनको छोड़कर आगे का रास्ता तय नहीं किया जा सकता। नीतीश कुमार को पीछे नहीं रखा जा सकता। मैं उनकी मुहिम और उनके प्रयासों का प्रशंसक हूं। नीतीश कुमार एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं अगर विपक्षी एकता के मुहिम में कोई कमी आती है तो इसके लिए सबसे बड़ी पार्टी ही जिम्मेदार होगी।
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दरअसल 2 नवंबर को वामपंथी दलों की रैली में नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर सीट शेयरिंग में हो रही देरी पर भड़ास निकाली थी। उन्होंने कहा था कि पार्टी अभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं तो इंडिया अलाएंस पर ध्यान देने के लिए समय नहीं है। ऐसा भी मौका आएगा जब हम सब लोगों को खोजेंगे। उसके बाद लालू यादव तेजस्वी को लेकर नीतीश के घर पहुंच गए और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फोन करके नीतीश कुमार से बात की।
दरअसल इन दिनों नीतीश कुमार और आनंद मोहन के बीच करीबी बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों नीतीश कुमार आनंद मोहन के गांव गए थे और उनके दादाजी एवं चाचा की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री आनंद मोहन की मां से भी मिले। खुले मंच से उन्होंने आनंद मोहन को समर्थन करने की बात स्वीकार की।
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दरअसल 2 नवंबर को वामपंथी दलों की रैली में नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर सीट शेयरिंग में हो रही देरी पर भड़ास निकाली थी। उन्होंने कहा था कि पार्टी अभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं तो इंडिया अलाएंस पर ध्यान देने के लिए समय नहीं है। ऐसा भी मौका आएगा जब हम सब लोगों को खोजेंगे। उसके बाद लालू यादव तेजस्वी को लेकर नीतीश के घर पहुंच गए और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फोन करके नीतीश कुमार से बात की।
दरअसल इन दिनों नीतीश कुमार और आनंद मोहन के बीच करीबी बढ़ती जा रही है। पिछले दिनों नीतीश कुमार आनंद मोहन के गांव गए थे और उनके दादाजी एवं चाचा की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री आनंद मोहन की मां से भी मिले। खुले मंच से उन्होंने आनंद मोहन को समर्थन करने की बात स्वीकार की।