निजीकरण के विरोध में 10 मार्च को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन: बिजली कर्मियों ने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया – Lucknow News h3>
लखनऊ में बैठक कर रणनीति बनाते कर्मचारी
प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में 10 मार्च को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। संघर्ष समिति ने राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों एवं परियोजना मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
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बिजली कर्मियों ने ट्रांजेक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए की जा रही बिडिंग को रद्द करने की मांग की है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रदेश के 42 जनपदों की बिजली व्यवस्था के निजीकरण को निरस्त करने की अपील की है।
ग्रामीण उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव, निजीकरण पर सवाल
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजी कंपनियों की विफलता सरकार के लिए चेतावनी है। निजी कंपनियों द्वारा किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 10-12 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। इसी तरह आगरा में भी निजी क्षेत्र का प्रदर्शन सरकारी कंपनी केस्को से कमजोर है।
ऊर्जा मंत्री के बयान को बताया भ्रामक
संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के निजी कंपनियों की प्रशंसा करने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार खुद ग्रेटर नोएडा में निजी कंपनी का लाइसेंस निरस्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ रही है, फिर भी निजी कंपनियों की प्रशंसा करना भ्रामक और वास्तविकता से परे है।
संघर्ष समिति ने आंकड़ों के साथ दी ये जानकारी
- केस्को से पावर कॉरपोरेशन को प्रति यूनिट 07.96 रुपए की वसूली हो रही है जबकि आगरा की फ्रेंचाइजी से केवल 04.36 रुपए प्रति यूनिट ही मिल रहा है।
- ग्रेटर नोएडा में 84% भार औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं का होने के बावजूद निजी कंपनी सरकारी कंपनी से कमजोर प्रदर्शन कर रही है।
- आगरा में निजी कंपनी की एटी एंड सी हानियां केस्को से अधिक हैं जो निजी क्षेत्र की अक्षमता को दर्शाता है।
10 मार्च को शक्ति भवन मुख्यालय पर होगा मुख्य प्रदर्शन
संघर्ष समिति ने 10 मार्च को राजधानी लखनऊ स्थित शक्ति भवन मुख्यालय पर दोपहर 1 बजे से विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। इसी दिन दोपहर तीन बजे ट्रांजेक्शन कंसल्टेंट की बिडिंग खोली जाएगी। इसके विरोध में यह प्रदर्शन किया जाएगा। संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि यदि बिजली कर्मियों की मांगों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।