निगम के सदन में बोला-पप्पू, एक थैली के चट्टे-बट्टे तो होगा कार्रवाई | There has been corruption, even words like loudspeaker banned | News 4 Social h3>
भोपालPublished: Oct 07, 2023 12:26:33 am
विधानसभा की तर्ज पर भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में अभद्र या अमर्यादित शब्दों पर पाबंदी लगा दी गयी है। बेईमान, एक थैली के चट्टे-बट्टे, पप्पू या फिर भोपाल के तालाब में आपको डूब जाना चाहिए…जैसे 838 शब्दों को प्रतिबंधित किया गया है।
भोपाल. विधानसभा की तर्ज पर भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में अभद्र या अमर्यादित शब्दों पर पाबंदी लगा दी गयी है। बेईमान, एक थैली के चट्टे-बट्टे, पप्पू या फिर भोपाल के तालाब में आपको डूब जाना चाहिए…जैसे 838 शब्दों को प्रतिबंधित किया गया है। सदन में पार्षद इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इस तरह की आचार संहिता बनाने वाली भोपाल देश की पहली नगर निगम है।
सामान्य शब्द भी शामिल
परिषद की बैठक में जिन 838 शब्दों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें भौंपू, धिक्कार, शेखी बघारना, शेम-शेम, यार, टांय टांय, लानत, अकल, औछी, बोगस, अनर्गल, गुलाम, मां कसम, यह नौटंकी है, पाप, चमचों-चमचे, शर्मनाक, माई का लाल, लाउडस्पीकर, मगरमच्छ अधिकारी, सूपड़ा साफ जैसे सामान्य बोलचाल में उपयोग किए जाने वाले शब्द भी शामिल हैं।
बोला तो क्या होगा
प्रतिबंधित शब्दों का उपयोग करने पर पार्षदों पर कार्रवाई हो सकती है। शब्द खुद ही विलोपित हो जाएंगे।
बुकलेट जारी
निगम परिषद अध्यक्ष किशन सूयज़्वंशी ने शुक्रवार को इसकी बुकलेट जारी की। उन्होंने कहा विधानसभा ने भी असंसदीय शब्दों को लेकर सूची तैयार की थी, इसके आधार पर ही नगर निगम भोपाल ने काम किया। देश में किसी निगम ने पहली बार इस तरह की सूची जारी की है।
झूठ-भ्रष्ट शब्द पर भी प्रतिबंध कैसे होगी बहस
बुकलेट में झूठ शब्द पर भी प्रतिबंध है। अन्याय भी नहीं कह सकेंगे। शर्म से लेकर दुष्ट, भ्रष्ट, गुंडागर्दी, तमीज नहीं है, झूठ प्रचार, भीड़, गलत, ढोंगी, बुजुर्ग, तमाशा जैसे शब्द भी प्रतिबंध की श्रेणी में हैं। सवाल है भ्रष्टाचार या गुंडागर्दी या किसी को बात करने की तमीज नहीं है तो इसके लिए किस तरह के शब्दों का प्रयोग होगा?
………..
सदन की गरिमा बनी रहे, सदन सामान्य व सौहार्द रूप से चले इसके लिए असंसदीय शब्द तय किए हैं, इनका पालन करना होगा।
किशन सूय्रवंशी, अध्यक्ष नगर निगम परिषद
—————————–
पार्षदों का कहना
ऐसे कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। ये गलत तरीका है। इसके लिए सदन सदस्यों से मंजूरी की प्रक्रिया करनी थी।
– योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान, पार्षद वार्ड 46
——————————
सदन में पार्षदों की आवाज दबाई जा रही है। इसके विरोध में नगरीय प्रशासन को शिकायत की जाएगी। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई कराएंगे।
शबिस्ता जकी, नेता प्रतिपक्ष
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भोपालPublished: Oct 07, 2023 12:26:33 am
विधानसभा की तर्ज पर भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में अभद्र या अमर्यादित शब्दों पर पाबंदी लगा दी गयी है। बेईमान, एक थैली के चट्टे-बट्टे, पप्पू या फिर भोपाल के तालाब में आपको डूब जाना चाहिए…जैसे 838 शब्दों को प्रतिबंधित किया गया है।
भोपाल. विधानसभा की तर्ज पर भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में अभद्र या अमर्यादित शब्दों पर पाबंदी लगा दी गयी है। बेईमान, एक थैली के चट्टे-बट्टे, पप्पू या फिर भोपाल के तालाब में आपको डूब जाना चाहिए…जैसे 838 शब्दों को प्रतिबंधित किया गया है। सदन में पार्षद इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इस तरह की आचार संहिता बनाने वाली भोपाल देश की पहली नगर निगम है।
सामान्य शब्द भी शामिल
परिषद की बैठक में जिन 838 शब्दों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें भौंपू, धिक्कार, शेखी बघारना, शेम-शेम, यार, टांय टांय, लानत, अकल, औछी, बोगस, अनर्गल, गुलाम, मां कसम, यह नौटंकी है, पाप, चमचों-चमचे, शर्मनाक, माई का लाल, लाउडस्पीकर, मगरमच्छ अधिकारी, सूपड़ा साफ जैसे सामान्य बोलचाल में उपयोग किए जाने वाले शब्द भी शामिल हैं।
बोला तो क्या होगा
प्रतिबंधित शब्दों का उपयोग करने पर पार्षदों पर कार्रवाई हो सकती है। शब्द खुद ही विलोपित हो जाएंगे।
बुकलेट जारी
निगम परिषद अध्यक्ष किशन सूयज़्वंशी ने शुक्रवार को इसकी बुकलेट जारी की। उन्होंने कहा विधानसभा ने भी असंसदीय शब्दों को लेकर सूची तैयार की थी, इसके आधार पर ही नगर निगम भोपाल ने काम किया। देश में किसी निगम ने पहली बार इस तरह की सूची जारी की है।
झूठ-भ्रष्ट शब्द पर भी प्रतिबंध कैसे होगी बहस
बुकलेट में झूठ शब्द पर भी प्रतिबंध है। अन्याय भी नहीं कह सकेंगे। शर्म से लेकर दुष्ट, भ्रष्ट, गुंडागर्दी, तमीज नहीं है, झूठ प्रचार, भीड़, गलत, ढोंगी, बुजुर्ग, तमाशा जैसे शब्द भी प्रतिबंध की श्रेणी में हैं। सवाल है भ्रष्टाचार या गुंडागर्दी या किसी को बात करने की तमीज नहीं है तो इसके लिए किस तरह के शब्दों का प्रयोग होगा?
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सदन की गरिमा बनी रहे, सदन सामान्य व सौहार्द रूप से चले इसके लिए असंसदीय शब्द तय किए हैं, इनका पालन करना होगा।
किशन सूय्रवंशी, अध्यक्ष नगर निगम परिषद
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पार्षदों का कहना
ऐसे कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। ये गलत तरीका है। इसके लिए सदन सदस्यों से मंजूरी की प्रक्रिया करनी थी।
– योगेंद्र सिंह गुड्डू चौहान, पार्षद वार्ड 46
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सदन में पार्षदों की आवाज दबाई जा रही है। इसके विरोध में नगरीय प्रशासन को शिकायत की जाएगी। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई कराएंगे।
शबिस्ता जकी, नेता प्रतिपक्ष