ना सिर पर छत, ना जेब में पैसे, खेसारी लाल यादव की जिंदगी में सुपरहीरो हैं उनके पिता मंगरू लाल h3>
भोजपुरी सिनेमा के हिट मशीन खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) का नाम आज पूरा देश जानता है। देश ही नहीं, दुनियाभर में उनके फैंस हैं। अपनी मेहनत से दौलत और शोहरत कमाने वाले खेसारी ने जीवन में खूब स्ट्रगल किया है। वह कई मौकों पर मिट्टी के घर में अपने जन्म से लेकर बारिश में टूटते छप्पर का दर्द बयान कर चुके हैं। लेकिन खेसारी जैसे बेटे को एक पिता ने स्टार बनाने के लिए कितना स्ट्रगल किया, 7 बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए मंगरू लाल यादव की कितनी रातें खाली पेट बिताए, इसे भी समझना जरूरी है। खेसारी लाल का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपने पिता के इसी संघर्ष को बयान करते हुए इमोशनल हो रहे हैं।
बिहार के सारण में मंगरू लाल यादव के घर खेसारी लाल यादव का जन्म हुआ। बचपन में नाम शत्रुघ्न था। पिता दिन में सड़क किनारे चना बेचते थे और रात में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी। परिवार में वैसे तो खेसारी के तीन भाई हैं, लेकिन चाचा के चार बच्चों की जिम्मेदारी भी उनके पैरेंट्स पर ही थी। मंगरू लाल दिल्ली में कमाते थे। परिवार बिहार के गांव में रहता था। पैसों की तंगी तो थी ही, ऐसे में सपनों की उड़ान भरने वाले खेसारी गांव के कीर्तन में मंजीरा बजाते थे।
खेसारी का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें अपने पुराने दिनों को याद करते हुए वह इमोशनल हो जाते हैं। नम आंख से खेसारी ने हर उस किस्से का जिक्र किया जो कभी उनके और उनके परिवार के लिए आफत हुआ करती थी। बात करते हुए खेसारी कई बार आंसू पोछते हैं। बताते हैं कि कैसे हर दिन सिर्फ 150 से 200 रुपये कमाने वाले पिता ने अपना सबकुछ खेसारी के सपनों पर लुटा दिया और कैसे 25,000 रुपये डूब जाने के बाद भी उनके पिता ने हिम्मत नहीं हारी। गले में सोने की चेन और हाथ में सोने की मोटी ब्रेसलेट पहनने वाले खेसारी के पास कभी पहनने के लिए पैंट तक नहीं थी। फटी पैंट में गुजारा करना मजबूरी थी।
वीडियो में खेसारी ने अपने गरीबी के दिनों को याद करते हुए कई सारी बातें शेयर कीं। खेसारी ने कहा, ‘मेरी मां बताती हैं कि मेरा जन्म किसी और के घर में हुआ, क्योंकि मेरा घर बारिश में ढह गया था। रहने की जगह छिन गई और पैसे की तंगी के आगे सिर्फ मजबूरी थी। मेरे पापा सुबह में चना बेचते थे और शाम में गार्ड की नौकरी करते थे। 150 से 200 तक रुपये कमाने वाले पिता ने मुझे 12,000 दिए, जिससे मैं अपना कैसेट रिकॉर्ड कर सकूं।’
आज करोड़ो की सम्पति के मालिक खेसारी कहते हैं कि तब कपड़े खरीदने के पैसे नहीं थे। तीनों भाई एक ही पैंट बारी- बारी पहनते थे और छोटा भाई होने की वजह से खेसारी का नंबर सबसे आखिर में आता था। तब तक वह पैंट फट चुकी होती थी। खेसारी लाल यह सब बताते हुए रो पड़ते हैं। आंखों से आंसू पोछते हुए कहते हैं, ‘मुझे गाने का शौक था। पापा ने दो बार पैसे दिए, लेकिन मेरे दोनों कैसेट फ्लॉप हो गए। उस वक्त 25,000 की अहमियत थी, लेकिन मेरे सारे पैसे डूब गए।’
खेसारी के इस पूरे इंटरव्यू में एक भी मौका ऐसा नहीं आया, जब खेसारी ने अपने पैरेंट्स का शुक्रिया अदा ना किया हो। खेसारी इंटरव्यू के आखिर में अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहते हैं, ‘पापा ने ही मुझे हिम्मत दी। फिर मैंने तीसरा कैसेट रिलीज किया। वह हिट हुआ। मेरी जिंदगी बदल गई। वो कैसेट सीवान, गोपालगंज और छपरा में खूब बजा।’
खेसारी का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें अपने पुराने दिनों को याद करते हुए वह इमोशनल हो जाते हैं। नम आंख से खेसारी ने हर उस किस्से का जिक्र किया जो कभी उनके और उनके परिवार के लिए आफत हुआ करती थी। बात करते हुए खेसारी कई बार आंसू पोछते हैं। बताते हैं कि कैसे हर दिन सिर्फ 150 से 200 रुपये कमाने वाले पिता ने अपना सबकुछ खेसारी के सपनों पर लुटा दिया और कैसे 25,000 रुपये डूब जाने के बाद भी उनके पिता ने हिम्मत नहीं हारी। गले में सोने की चेन और हाथ में सोने की मोटी ब्रेसलेट पहनने वाले खेसारी के पास कभी पहनने के लिए पैंट तक नहीं थी। फटी पैंट में गुजारा करना मजबूरी थी।
वीडियो में खेसारी ने अपने गरीबी के दिनों को याद करते हुए कई सारी बातें शेयर कीं। खेसारी ने कहा, ‘मेरी मां बताती हैं कि मेरा जन्म किसी और के घर में हुआ, क्योंकि मेरा घर बारिश में ढह गया था। रहने की जगह छिन गई और पैसे की तंगी के आगे सिर्फ मजबूरी थी। मेरे पापा सुबह में चना बेचते थे और शाम में गार्ड की नौकरी करते थे। 150 से 200 तक रुपये कमाने वाले पिता ने मुझे 12,000 दिए, जिससे मैं अपना कैसेट रिकॉर्ड कर सकूं।’
आज करोड़ो की सम्पति के मालिक खेसारी कहते हैं कि तब कपड़े खरीदने के पैसे नहीं थे। तीनों भाई एक ही पैंट बारी- बारी पहनते थे और छोटा भाई होने की वजह से खेसारी का नंबर सबसे आखिर में आता था। तब तक वह पैंट फट चुकी होती थी। खेसारी लाल यह सब बताते हुए रो पड़ते हैं। आंखों से आंसू पोछते हुए कहते हैं, ‘मुझे गाने का शौक था। पापा ने दो बार पैसे दिए, लेकिन मेरे दोनों कैसेट फ्लॉप हो गए। उस वक्त 25,000 की अहमियत थी, लेकिन मेरे सारे पैसे डूब गए।’
खेसारी के इस पूरे इंटरव्यू में एक भी मौका ऐसा नहीं आया, जब खेसारी ने अपने पैरेंट्स का शुक्रिया अदा ना किया हो। खेसारी इंटरव्यू के आखिर में अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहते हैं, ‘पापा ने ही मुझे हिम्मत दी। फिर मैंने तीसरा कैसेट रिलीज किया। वह हिट हुआ। मेरी जिंदगी बदल गई। वो कैसेट सीवान, गोपालगंज और छपरा में खूब बजा।’