नालंदा का कलियाचक गांव, जहां के लोगों ने नहीं करायी अब तक एक भी एफआईआर h3>
नालंदा का कलियाचक गांव, जहां के लोगों ने नहीं करायी अब तक एक भी एफआईआर बड़े-छोटे की अदब व आपसी समन्वयक अनुकरणीय धनाढ्यों व भूमिहीनों के साथ ही रहते हैं कई जातियों के सीमांत किसान साक्षरता सौ फीसदी, तो बेरोजगारी नगण्य वाले गांव में ईर्ष्या-द्वेष, ऊंच-नीच व छुआछूत को कोई जगह नहीं रोज सुबह होता है रामायण पाठ, वृद्ध देते हैं देश-दुनिया की खबर और योजनाओं की जानकारी फोटो : कलियाचक 01, 02, 03 : नालंदा जिले के कलियाचक गांव में विवाद समाधान के लिए एकत्रित ग्रामीण। कलियाचक (नालंदा), कार्यालय संवाददाता/आशुतोष कुमार आर्य। करीब एक हजार की आबादी। छोटे-बड़ों के बीच गजब की अदब। बोलचाल में कमाल की तहजीब। सौ फीसदी साक्षरता। बेरोजगारी नगण्य। खुलेआम नशा से गुरेज। आपसी समन्वयक अनुकरणीय। और, सबसे खास, किसी मामले को लेकर लोग आज तक नहीं गये थाने। न हुई एक भी एफआईआर। ऐसा है महात्मा बुद्ध, वर्द्धमान महावीर, गुरुनानक देव, ईसा मसीह, बाबा शेख सर्फउद्दीन अहमद यहिया मनेरी रह. (बाबा मखदूम-ए-जहां), बाबा महतो साहब व अन्य महापुरुषों की कर्मभूमि रहे नालंदा जिले का गांव कलियाचक। यहां कई जातियों के धनाढ्यों व भूमिहीनों के साथ ही सीमांत किसान रहते हैं। ईर्ष्या-द्वेष, ऊंच-नीच व छुआछूत के लिए कोई जगह नहीं है। रोज अहले सुबह दर्जनों लोग दो घंटे के लिए एकत्रित होते हैं। रामचरितमानस का पाठ होता है। हनुमान चालीसा के साथ भजन-कीर्तन भी। कैसे सुलझते हैं मामले: लोगों ने बताया कि बड़ी घटना कभी नहीं हुई। लेकिन, छोटे-मोटे विवाद होते हैं। इनका निराकरण वर्ष 1971 से 2005 तक मुखिया रहे 81 वर्षीय साधुशरण सिंह करते हैं। कभी वे दोनों पक्षों द्वारा चुने गये पंचों का भी सहारा लेते हैं। सबसे बड़ी घटना करीब 1झ साल पहले हुई। किसी ने एक सुअर की हत्या कर दी। इस मामले के समाधान में पूरे गांव को पांच दिनों तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। अब उसका गिला-शिकवा भी शेष नहीं। देश-दुनिया की खबर : रामायण पाठ से उठने और अपने-अपने घर जाने के पहले सबसे वृद्ध साधुशरण सिंह अथवा कोई अन्य वृद्ध देश-दुनिया की खबर सुनाते हैं। अखबारों अथवा टेलीविजन में प्रकाशित या प्रसारित योजनाओं की पूरी जानकारी देते हैं। लोग अपने हिसाब से सवालों की बौछार भी करते हैं। हरसंभव उत्तर दिया जाता है। अक्षम होने पर संबंधित अधिकारी से तुरंत फोन कर जवाब मांगना दिनचर्या में शामिल है। कभी गोलीबारी नहीं : रामानंद सिंह, शंकर कुमार सिंह, पंचायत समिति सदस्य मदनजीत कुमार, वार्ड सदस्य कमलेश कुमार, शंभुशरण सिंह व अन्य ने बताया कि गांव में अब तक गोलीबारी की घटना नहीं हुई। योजनाओं की है पूरी जानकारी : महेश मांझी, फेकन मांझी, राजू मांझी, भूरा मांझी व अन्य ने बताया कि वे सभी लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी रखते हैं। देवेन्द्र राम, बिट्ठल राम, अन्नु कुमार, विष्णु राम ने बताया कि उनके गांव के सभी लोग योजनाओं का लाभ लेने के प्रति जागरूक हैं। जबकि, ललिता देवी, पुष्पा देवी व अन्य महिलाओं ने बताया कि महिला सशक्तीकरण की अधिकतर योजनाओं की उन्हें जानकारी है। अपराधमुक्त गांव घोषित: 20-25 साल पहले पटना हाईकोर्ट के जज रहे ओएन अस्थाना व तत्कालीन जिला जज श्याम किशोर शर्मा ने इस बात की बारीकी तहकीकात करायी थी कि क्या किसी की दबंगई के कारण तो एफआईआर नहीं करायी जाती है। लेकिन, सबकुछ सही पाने के बाद गांव पहुंचे और ‘अपराधमुक्त गांव का तमगा दिया। चुनाव में बेरोकटोक मतदान : रामानंद सिंह, प्रभात कुमार व अन्य ने बताया कि चुनाव के दौरान कभी विवाद के हालात नहीं बने। सभी लोग अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट करते हैं। किसी खास के पक्ष अथवा विरोध में मतदान का कभी दबाव नहीं दिया जाता है। बोले प्रतिनिधि व अधिकारी : अरपा पंचायत की मुखिया रूबी देवी ने बताया कि कलियाचक के लोगों का आपसी समन्वय का क्षेत्र में उदाहरण दिया जाता है। जबकि, हिलसा थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि उनके यहां एक भी केस दर्ज नहीं है।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
नालंदा का कलियाचक गांव, जहां के लोगों ने नहीं करायी अब तक एक भी एफआईआर बड़े-छोटे की अदब व आपसी समन्वयक अनुकरणीय धनाढ्यों व भूमिहीनों के साथ ही रहते हैं कई जातियों के सीमांत किसान साक्षरता सौ फीसदी, तो बेरोजगारी नगण्य वाले गांव में ईर्ष्या-द्वेष, ऊंच-नीच व छुआछूत को कोई जगह नहीं रोज सुबह होता है रामायण पाठ, वृद्ध देते हैं देश-दुनिया की खबर और योजनाओं की जानकारी फोटो : कलियाचक 01, 02, 03 : नालंदा जिले के कलियाचक गांव में विवाद समाधान के लिए एकत्रित ग्रामीण। कलियाचक (नालंदा), कार्यालय संवाददाता/आशुतोष कुमार आर्य। करीब एक हजार की आबादी। छोटे-बड़ों के बीच गजब की अदब। बोलचाल में कमाल की तहजीब। सौ फीसदी साक्षरता। बेरोजगारी नगण्य। खुलेआम नशा से गुरेज। आपसी समन्वयक अनुकरणीय। और, सबसे खास, किसी मामले को लेकर लोग आज तक नहीं गये थाने। न हुई एक भी एफआईआर। ऐसा है महात्मा बुद्ध, वर्द्धमान महावीर, गुरुनानक देव, ईसा मसीह, बाबा शेख सर्फउद्दीन अहमद यहिया मनेरी रह. (बाबा मखदूम-ए-जहां), बाबा महतो साहब व अन्य महापुरुषों की कर्मभूमि रहे नालंदा जिले का गांव कलियाचक। यहां कई जातियों के धनाढ्यों व भूमिहीनों के साथ ही सीमांत किसान रहते हैं। ईर्ष्या-द्वेष, ऊंच-नीच व छुआछूत के लिए कोई जगह नहीं है। रोज अहले सुबह दर्जनों लोग दो घंटे के लिए एकत्रित होते हैं। रामचरितमानस का पाठ होता है। हनुमान चालीसा के साथ भजन-कीर्तन भी। कैसे सुलझते हैं मामले: लोगों ने बताया कि बड़ी घटना कभी नहीं हुई। लेकिन, छोटे-मोटे विवाद होते हैं। इनका निराकरण वर्ष 1971 से 2005 तक मुखिया रहे 81 वर्षीय साधुशरण सिंह करते हैं। कभी वे दोनों पक्षों द्वारा चुने गये पंचों का भी सहारा लेते हैं। सबसे बड़ी घटना करीब 1झ साल पहले हुई। किसी ने एक सुअर की हत्या कर दी। इस मामले के समाधान में पूरे गांव को पांच दिनों तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। अब उसका गिला-शिकवा भी शेष नहीं। देश-दुनिया की खबर : रामायण पाठ से उठने और अपने-अपने घर जाने के पहले सबसे वृद्ध साधुशरण सिंह अथवा कोई अन्य वृद्ध देश-दुनिया की खबर सुनाते हैं। अखबारों अथवा टेलीविजन में प्रकाशित या प्रसारित योजनाओं की पूरी जानकारी देते हैं। लोग अपने हिसाब से सवालों की बौछार भी करते हैं। हरसंभव उत्तर दिया जाता है। अक्षम होने पर संबंधित अधिकारी से तुरंत फोन कर जवाब मांगना दिनचर्या में शामिल है। कभी गोलीबारी नहीं : रामानंद सिंह, शंकर कुमार सिंह, पंचायत समिति सदस्य मदनजीत कुमार, वार्ड सदस्य कमलेश कुमार, शंभुशरण सिंह व अन्य ने बताया कि गांव में अब तक गोलीबारी की घटना नहीं हुई। योजनाओं की है पूरी जानकारी : महेश मांझी, फेकन मांझी, राजू मांझी, भूरा मांझी व अन्य ने बताया कि वे सभी लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी रखते हैं। देवेन्द्र राम, बिट्ठल राम, अन्नु कुमार, विष्णु राम ने बताया कि उनके गांव के सभी लोग योजनाओं का लाभ लेने के प्रति जागरूक हैं। जबकि, ललिता देवी, पुष्पा देवी व अन्य महिलाओं ने बताया कि महिला सशक्तीकरण की अधिकतर योजनाओं की उन्हें जानकारी है। अपराधमुक्त गांव घोषित: 20-25 साल पहले पटना हाईकोर्ट के जज रहे ओएन अस्थाना व तत्कालीन जिला जज श्याम किशोर शर्मा ने इस बात की बारीकी तहकीकात करायी थी कि क्या किसी की दबंगई के कारण तो एफआईआर नहीं करायी जाती है। लेकिन, सबकुछ सही पाने के बाद गांव पहुंचे और ‘अपराधमुक्त गांव का तमगा दिया। चुनाव में बेरोकटोक मतदान : रामानंद सिंह, प्रभात कुमार व अन्य ने बताया कि चुनाव के दौरान कभी विवाद के हालात नहीं बने। सभी लोग अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट करते हैं। किसी खास के पक्ष अथवा विरोध में मतदान का कभी दबाव नहीं दिया जाता है। बोले प्रतिनिधि व अधिकारी : अरपा पंचायत की मुखिया रूबी देवी ने बताया कि कलियाचक के लोगों का आपसी समन्वय का क्षेत्र में उदाहरण दिया जाता है। जबकि, हिलसा थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार ने बताया कि उनके यहां एक भी केस दर्ज नहीं है।