नाबालिग से रेप केस में Pearl V Puri को फिर नहीं मिली जमानत, अब 15 जून को सुनवाई h3>
नाबालिग से रेप के आरोप में न्यायिक हिरासत में मौजूद ऐक्टर पर्ल वी पुरी (Pearl V Puri) को कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। पर्ल वी पुरी को 4 जून को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद 14 दिनों के लिए न्यायिक (Pearl V Puri judicial custody) हिरासत में भेज दिया गया था।
नाबालिग से रेप के आरोप में पर्ल वी पुरी के खिलाफ वसई विरार पुलिस स्टेशन में पोस्को के तहत केस दर्ज किया गया था। बता दें कि 4 जून को गिरफ्तारी के बाद 5 जून को पर्ल वी पुरी को वसई कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उनकी जमानत (Pearl V Puri denied bail) खारिज कर दी गई और ऐक्टर को जूडिशल कस्टडी में भेज दिया गया था। उसी दिन पर्ल वी पुरी ने दोबारा जमानत के लिए याचिका लगाई थी।
‘स्पॉटबॉय’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्ल वी पुरी की उस जमानत याचिका को एक बार फिर रद्द कर दिया गया है। अब अगली सुनवाई 15 जून को होगी। वहीं इस मामले में हाल ही पीड़िता की मां की (rape victim mother statement) तरफ से एक स्टेटमेंट जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि पर्ल वी पुरी निर्दोष हैं और उन्हें पीड़िता के पिता द्वारा झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। स्टेटमेंट में कहा गया था, ‘पीड़िता की मां अपनी बेटी की कस्टडी के लिए लंबे वक्त से लड़ाई लड़ रही है और ऐसे में अब पीड़िता के पिता ने ये सब साजिश के तौर पर किया है, ताकि वो पीड़िता की मां की छवि कोर्ट के आगे बुरी दिखा सकें और उनकी बेटी उनके पास ही रहे। पीड़िता की मां पर्ल वी पुरी का समर्थन कर रही हैं, क्योंकि वह निर्दोष है। उसे जबरदस्ती इन सब में फंसाया जा रहा है। यह सब कुछ पीड़िता के पिता के द्वारा किया गया है। हमें विश्वास है कि जल्दी ही सच सामने आएगा और जितना पर्ल को आपका समर्थन चाहिए, उतना ही पीड़िता की मां को भी।’
वहीं हाल ही पीड़िता के पिता ने इन आरोपों को खंडन किया और एक स्टेटमेंट जारी कर कहा कि पीड़िता ने खुद आरोपी की पहचान की है। पीड़िता के पिता के वकील की ओर से जारी स्टेटमेंट में लिखा था, ‘पीड़िता बच्ची ने आरोपी का खुलासा उसके ऑन-स्क्रीन नाम से किया जो ‘रघबीर’ है। चूंकि पीड़िता के पिता कोई टीवी सीरियल नहीं देखते हैं इसलिए वह रघबीर को नहीं पहचान पाए और न ही उन्हें यह पता था कि किसी ऐक्टर का ऑनस्क्रीन नाम रघबीर है। जांच जब आगे बढ़ी तो पता चला कि रघबीर एक ऑनस्क्रीन कैरेक्टर का नाम है और वो कैरेक्टर जिसने प्ले किया था उसका नाम पर्ल वी पुरी है। अगर शादी अच्छी है या बुरी तो इसका बच्चे के साथ जो हुआ उससे कोई लेना-देना नहीं है। बच्ची ने सच बोला, मेडिकल रिपोर्ट से पुष्टि हुई तो इस सब की चर्चा क्यों।’ पीड़िता के पिता ने आगे कहा कि वह हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि कानून को अपना फैसला करने दो और उनकी पीड़िता बच्ची पर झूठा होने के आरोप न लगाए जाएं।’
‘स्पॉटबॉय’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्ल वी पुरी की उस जमानत याचिका को एक बार फिर रद्द कर दिया गया है। अब अगली सुनवाई 15 जून को होगी। वहीं इस मामले में हाल ही पीड़िता की मां की (rape victim mother statement) तरफ से एक स्टेटमेंट जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि पर्ल वी पुरी निर्दोष हैं और उन्हें पीड़िता के पिता द्वारा झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। स्टेटमेंट में कहा गया था, ‘पीड़िता की मां अपनी बेटी की कस्टडी के लिए लंबे वक्त से लड़ाई लड़ रही है और ऐसे में अब पीड़िता के पिता ने ये सब साजिश के तौर पर किया है, ताकि वो पीड़िता की मां की छवि कोर्ट के आगे बुरी दिखा सकें और उनकी बेटी उनके पास ही रहे। पीड़िता की मां पर्ल वी पुरी का समर्थन कर रही हैं, क्योंकि वह निर्दोष है। उसे जबरदस्ती इन सब में फंसाया जा रहा है। यह सब कुछ पीड़िता के पिता के द्वारा किया गया है। हमें विश्वास है कि जल्दी ही सच सामने आएगा और जितना पर्ल को आपका समर्थन चाहिए, उतना ही पीड़िता की मां को भी।’
वहीं हाल ही पीड़िता के पिता ने इन आरोपों को खंडन किया और एक स्टेटमेंट जारी कर कहा कि पीड़िता ने खुद आरोपी की पहचान की है। पीड़िता के पिता के वकील की ओर से जारी स्टेटमेंट में लिखा था, ‘पीड़िता बच्ची ने आरोपी का खुलासा उसके ऑन-स्क्रीन नाम से किया जो ‘रघबीर’ है। चूंकि पीड़िता के पिता कोई टीवी सीरियल नहीं देखते हैं इसलिए वह रघबीर को नहीं पहचान पाए और न ही उन्हें यह पता था कि किसी ऐक्टर का ऑनस्क्रीन नाम रघबीर है। जांच जब आगे बढ़ी तो पता चला कि रघबीर एक ऑनस्क्रीन कैरेक्टर का नाम है और वो कैरेक्टर जिसने प्ले किया था उसका नाम पर्ल वी पुरी है। अगर शादी अच्छी है या बुरी तो इसका बच्चे के साथ जो हुआ उससे कोई लेना-देना नहीं है। बच्ची ने सच बोला, मेडिकल रिपोर्ट से पुष्टि हुई तो इस सब की चर्चा क्यों।’ पीड़िता के पिता ने आगे कहा कि वह हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि कानून को अपना फैसला करने दो और उनकी पीड़िता बच्ची पर झूठा होने के आरोप न लगाए जाएं।’