नागौर में शीतला मंदिर में लगाया ठंडे व्यंजनों का भोग: लाखों श्रद्धालुओं ने धोक लगाकर मेले में खरीददारी की, बासनी चौराहे से जोधपुर बाईपास तक यातायात बंद रहा – Nagaur News h3>
शीतला माता मंदिर में दर्शन करने के लिए महिला श्रद्धालुओं की कतारें।
नागौर के शीतला माता मंदिर में शीतला अष्टमी का भव्य मेला भरा। भक्तों ने शीतला माता को भी पुए-पकोड़ी-पूड़ी-दही समेत ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया और खुद भी पूरे दिन वही ठंडा भोजन खाया। श्रद्धालुओं ने मंदिर में जिग-जैग से होकर शीतला माता के दर्शन किए। रंग-बि
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आज सुबह 4 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की कतारें लग गईं। इससे पहले शुक्रवार देर रात तक भजनों का दौर चला। पुलिस-प्रशासन की ओर से मेले को लेकर विशेष तैयारियां की गईं। बासनी चौराहे पर बैरिकेट्स लगाकर जोधपुर बाईपास तक नो व्हीकल जोन बनाया गया। विद्युत विभाग की जेईएन अनुराधा ने बताया कि मंदिर क्षेत्र में बिजली के तारों को ऊंचा किया गया और मेले के दौरा बिजली आपूर्ति चालू रही, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो।
शुक्रवार शाम से ही घरों में महिलाएं पकवान बनाने में जुटी रहीं। महिलाओं ने मिट्टी पर सांकेतिक खेती कर शगुन लिया। घरों में नए घड़े रखे गए। शीतला माता मंदिर परिसर में स्थित शिव परिवार मंदिर का भव्य श्रृंगार किया गया। नागौर में शीतला माता का मंदिर 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है। यहां शीतला अष्टमी पर्व पर माताजी को ठंडे भोजन का भोग लगता है।
नागौर धार्मिक उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष पुखराज सांखला ने बताया कि मंदिर की स्थापना तो प्राचीन है, मंदिर का प्रथम जीर्णोद्धार विक्रम संवत् 2006 में हुआ था। उस समय से ही शीतला माता की प्राचीन मूर्ति की शीतला अष्टमी को पूजा की जाती है। शीतला माता मंदिर में हनुमान जी व गणेश जी की मूर्ति भी स्थापित की हुई है। परिसर में ही शिव मंदिर का निर्माण भी करवाया गया।
ऐसी मान्यता है कि छोटे बच्चों को बोदरी, अचपड़ा जैसी बीमारियां नहीं हो इसलिए माता जी के धोक लगवाई जाती है। जिन बच्चों में यदि यह बीमारी हो जाती है, तो माता जी के धोक लगाने से यह बीमारी ठीक हो जाती है। शनिवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगना शुरु हो गई। आयोजन में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, धार्मिक उत्सव आयोजन समिति आदि संगठनों के कार्यकर्त्ताओं ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई। गर्मी को देखते हुए ठंडे पानी की विशेष व्यवस्था की गई। पुलिस के जवान भी मेले की व्यवस्थाओं में तैनात रहे।