नशे में धुत यात्री खोल रहा था फ्लाइट की इमरजेंसी डोर

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नशे में धुत यात्री खोल रहा था फ्लाइट की इमरजेंसी डोर

नशे में धुत यात्री खोल रहा था फ्लाइट की इमरजेंसी डोर


नई दिल्ली: भारतीय हवाई जहाज में यात्रा तो खूब करने लगे हैं। लेकिन, उनका व्यवहार अनियंत्रित होते जा रहा है। अब कल की ही घटना देखिए। शुक्रवार को दिल्ली से बेंगलुरु जाने वाली इंडिगो (Indigo) की फ्लाइट में नशे में धुत एक यात्री जो कर रहा था, उससे सभी यात्रियों की जान खतरे में आ सकता था। वह यात्री इमरजेंसी डोर का फ्लैप खोलने की कोशिश की। इसके बाद क्रू ने मामले को संभाला। यदि वह यात्री ऐसा करने में सफल हो जाता तो हवाई जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती।

सीआईएसएफ के हवाले किया गया यात्री को

इस मामले की सूचना संबंधित एजेंसियों को दी गई और उचित कार्रवाई शुरू की गई है। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली से बेंगलुरू जाने वाली फ्लाइट 6ई 308 में सवार यात्री ने नशे की हालत में आपातकालीन निकास के फ्लैप को खोलने की कोशिश की। यह देखने पर, बोर्ड पर मौजूद चालक दल ने कप्तान को सतर्क किया और यात्री को उचित चेतावनी दी गई। प्रवक्ता ने कहा, उक्त उड़ान के सुरक्षित संचालन पर कोई समझौता नहीं किया गया और अनियंत्रित यात्री को बेंगलुरु पहुंचने पर सीआईएसएफ को सौंप दिया गया।

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बढ़ रही है ऐसी घटना

फ्लाइट में यात्रियों का अनियंत्रित हो जाने की घटना बढ़ रही है। इससे पहले, बीते मार्च के अंत में, दुबई से मुंबई आने वाली इंडिगो की उड़ान में दो यात्रियों ने चालक दल की कई चेतावनियों के बावजूद शराब का सेवन जारी रखा। इसके बाद मौखिक रूप से चालक दल और सह-यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया। एयरलाइंस ने पिछले कुछ महीनों में कुछ हवाई यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार की ऐसी कई घटनाएं देखी हैं। ऑन-बोर्ड अनियंत्रित व्यवहार से निपटने के लिए, विमानन नियामक महानिदेशालय नागरिक उड्डयन (डीजीसीए) ने सीएआर, धारा 3- वायु परिवहन, श्रृंखला एम, और भाग 6 को अनियंत्रित/विघटनकारी यात्रियों की हैंडलिंग शीर्षक से जारी किया है।

ऐसे यात्रियों पर लग सकती है रोक

सीएआर में परिभाषित प्रक्रिया के अनुसार, अनियंत्रित यात्रियों को एयरलाइंस नो फ्लाई लिस्ट में डाल सकता है। फिर कुछ अवधि के लिए उस पर यात्रा का प्रतिबंध लग जाता है। हालांकि एयरलाइन द्वारा यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में रखे जाने से पहले यात्रियों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। एयरलाइंस द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर, डीजीसीए द्वारा नो फ्लाई लिस्ट का रखरखाव किया जाता है।

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