नशेबाज दरोगा के खिलाफ पुलिस का नो-एक्शन: नशे में धुत दरोगा का मेडिकल नहीं कराया और थाने से छोड़ा, अब पीड़ित पर समझौते का दबाव बना रही पुलिस – Kanpur News

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नशेबाज दरोगा के खिलाफ पुलिस का नो-एक्शन:  नशे में धुत दरोगा का मेडिकल नहीं कराया और थाने से छोड़ा, अब पीड़ित पर समझौते का दबाव बना रही पुलिस – Kanpur News

नशेबाज दरोगा के खिलाफ पुलिस का नो-एक्शन: नशे में धुत दरोगा का मेडिकल नहीं कराया और थाने से छोड़ा, अब पीड़ित पर समझौते का दबाव बना रही पुलिस – Kanpur News

कानपुर के कल्याणपुर में कार सवार दरोगा नशे में धुत होकर एक महिला पर कार चढ़ा दी। महिला का पैर टूट गया और शरीर पर कई गंभीर चोटे आई हैं। इसके बाद भी पुलिस ने एफआईआर में खेल कर दिया। सिर्फ गाड़ी नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की। इतना ही नहीं आरोपी दरोगा का

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मूलरूप से हरदोई निवासी बलराम सिंह शिक्षक हैं। उनकी पत्नी पूनम भी माधौगंज स्थित कन्या पाठशाला में पढ़ाती हैं। पूनम 26 अप्रैल को कल्याणपुर स्थित अपने मायके गई थीं। दीपदान के लिए अपने पति के साथ रात 10 बजे पनकी रोड स्थित गायत्री मंदिर के पास फूल खरीद रही थीं। इस दौरान बाबूपुरवा थाने में तैनात दरोगा कमलेश ने कार से टक्कर मार दी। हादसे में पूनम का पैर टूट गया और शरीर पर गंभीर चोट आई। वहां मौजूद लोगों ने दरोगा का नशे की हालत में वीडियो बनाया और कल्याणपुर पुलिस के हवाले कर दिया। इसके साथ ही घायल शिक्षिका को एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया।

नशे में धुत दरोगा से लोगों ने बोला कि महिला पर कार क्यों चढ़ा दी…? दरोगा बोला कोई बात नहीं।

गंभीर रूप से घायल शिक्षिका के पति बलराम सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले में दरोगा के खिलाफ एक्शन लेने की बजाए उल्टा ही एफआईआर से लेकर पूरे मामले में खेल कर दिया। पहले तो एफआईआर में कहीं दरोगा का जिक्र नहीं किया और गाड़ी नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की है। इतना ही नहीं नशे में धुत दरोगा को बचाने के लिए कल्याणपुर थाना प्रभारी ने दरोगा का मेडिकल नहीं अराया और थाने से ही छोड़ दिया। इतना ही नहीं अब कल्याणपुर थाने की पुलिस दरोाग के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए पीड़ित परिवार पर ही समझौते का दबाव बना रही है।

पुलिस का खेल सामने आने पर कार्रवाई का आदेश

मामले में बात करने पर एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि थाना प्रभारी ने दरोगा का मेडिकल क्यों नहीं कराया, बगैर दाखिल किए क्यों छोड़ दिया गया। इन सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही आरोपी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक रिपोर्ट बनाकर पुलिस कमिश्नर को भेजी जाएगी। इससे कि आरोपी दरोगा के खिलाफ एक्शन हो सके। एसीपी ने यह भी कहा कि अगर पुलिस पूरे मामले में लापरवाही कर रही है तो पीड़ित परिवार को इसकी लिखित शिकायत देनी चाहिए। इससे कि वह केस में लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ एक्शन ले सकें।

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