नरोदा गाम नरसंहार केस पर फैसला कानून के राज और संविधान की हत्या… NCP चीफ शरद पवार ने बोला हमला

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नरोदा गाम नरसंहार केस पर फैसला कानून के राज और संविधान की हत्या… NCP चीफ शरद पवार ने बोला हमला

नरोदा गाम नरसंहार केस पर फैसला कानून के राज और संविधान की हत्या… NCP चीफ शरद पवार ने बोला हमला

मुंबई:राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने 2002 के नरोदा गाम दंगा मामले में आए फैसले को लेकर हमला बोला है। पवार ने सभी 67 आरोप‍ियों को बरी किए जाने को ‘कानून के शासन और संविधान की हत्या’ करार दिया। दरअसल गुजरात की एक अदालत ने 2002 में गोधरा ट्रेन आगजनी की घटना के बाद अहमदाबाद के नरोदा गाम इलाके में हुए दंगे के दौरान 11 मुसलमानों की हत्या के मामले में गुरुवार को सभी जीवित 67 आरोपियों को बरी कर दिया। पवार ने बीजेपी पर विपक्ष के खात्मे को लेकर सत्ता के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया।

घाटकोपर में एनसीपी के कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए पवार ने खारघर में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में ‘लू’ लगने से लोगों की मौत के लिए महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और न्यायिक जांच की मांग की।

‘कानून के शासन और संविधान की हत्या’
पवार ने कहा क‍ि कानून के शासन और संविधान की हत्या कर दी गई है। यह कल के फैसले से साबित हो गया है। उन्होंने कहा क‍ि देश में कट्टरवाद बढ़ रहा है और हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमें किसी भी कीमत पर इसके खिलाफ लड़ना होगा। एनसीपी प्रमुख ने खारघर में लू लगने से हुई मौतों के मामले में 16 अप्रैल के पुरस्कार सम्मान समारोह के आयोजन में एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार की अनदेखी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि र‍िटायर जज की जांच से मामले में जवाबदेही तय की जा सकती है।

सत्‍ता का दुरुपयोग कर रही सरकार
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने शुक्रवार को जम्‍मू-कश्‍मीर में हुए आतंकी हमलों को लेकर भी केंद्र सरकार पर न‍िशाना साधा। शरद पवार ने कहा क‍ि पुलवामा हमले की कोई जांच नहीं की गई। यहां तक की आज भी हमले की सच्‍चाई सामने नहीं आई। पवार ने आरोप लगाते हुए कहा क‍ि केंद्र सरकार सत्‍ता का दुरुपयोग कर रही है।

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गुरुवार को अहमदाबाद स्थित एसआईटी मामलों के स्पेशल जज एसके बक्सी की अदालत ने गोधरा मामले के बाद हुए इन दंगों के केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए विशेष जांच दल ने की थी। इस मामले में कुल 86 आरोपी थे, जिनमें से 18 की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी। एक आरोपी को अदालत ने पहले ही आरोपमुक्त कर दिया था। 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा गाम एरिया में सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी जिसमें 11 लोग मारे गए थे। इस मामले में ट्रायल 2010 में शुरू हुआ था जो 13 साल तक चला। इस मामले की सुनवाई छह जजों ने की।

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कानून हाथ में लेने को बढ़ावा दिया जा रहा, यह देशहित में नहीं: शरद पवार
दो द‍िन पहले भी शरद पवार ने कहा था कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि कानून को अपने हाथ में लेना सही है, लेकिन यह देश के लिए अच्छा नहीं है। पवार ने कहा कि उनकी पार्टी कानून व्यवस्था और संविधान के आदर्शों से कभी समझौता नहीं करेगी। वह जाहिर तौर पर, गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में हुई हत्या का जिक्र कर रहे थे।

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पवार ने कहा क‍ि जब समाज में कोई व्यक्ति कुछ गलत काम करता है, तो ऐसे व्यक्ति से निपटने के लिए कानून में प्रावधान हैं। लेकिन कानून और संविधान का पालन नहीं करके और कानून को अपने हाथ में लेकर… कुछ कदम उठाए जाते हैं। यह माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है कि ऐसा करना सही है, लेकिन यह देश के लिए अच्छा नहीं है।

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