नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित: सरकार ने कहा-भीड़ को उकसाया, याचिकाकर्ता ने कहा- घटना के समय हिरासत में था – Jaipur News h3>
समरावता में रात को हिंसा के बाद दूसरे दिन नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।
विधानसभा उप चुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा मामले में नरेश मीणा की जमानत याचिका पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया।
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि स्थानीय गांव वाले तहसील मुख्यालय बदलने के लिए कई दिनों से आंदोलन कर रहे थे और उन्होंने मतदान का बहिष्कार भी किया था। इस दौरान एसडीएम उनसे जबरन वोट डलवा रहे थे। इसके चलते याचिकाकर्ता की एसडीएम से धक्का-मुक्की हो गई।
पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। घटना के बाद जो भी आगजनी हुई। उसमे याचिकाकर्ता का कोई रोल नहीं है। याचिकाकर्ता उस समय पुलिस हिरासत में था।
फोटो थप्पड़ कांड के बाद हुए बवाल का है। इस दौरान लोगों ने हाईवे जाम कर दिया था।
पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि घटना के दौरान पुलिस ने आगजनी कर ग्रामीणों से मारपीट की। घटना में जितने भी वाहन जले उसमें अधिकतर ग्रामीणों के थे। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने भी पथराव किया था।
याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस ने हत्या के प्रयास की धाराओं में चालान पेश किया हैं। जबकि न तो उससे कोई हथियार मिला और ना ही किसी को प्राणघातक चोट आई हैं। घटना के बाद उसके खिलाफ राजनीतिक द्वेषता से एक के बाद एक मामले दर्ज किए गए।
घटना को लेकर नामजद लोगों को पूर्व में जमानत मिल चुकी है। इनमें से कई आरोपियों को तो अग्रिम जमानत का लाभ दिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट भी कहा चुका है कि बेल नियम है और जेल अपवाद है। ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए।
नरेश मीणा ने भीड़ को उकसाया इसका विरोध करते हुए एएजी राजेश चौधरी ने कहा कि आरोपी ने लोगों को उपद्रव के लिए उकसाया था। पूर्व में पेश वीडियो से साबित है कि वह लोगों को उकसा रहा था। घटना में 27 पुलिसकर्मियों को चोट आई है और 42 वाहन जले हैं।
ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे जमानत नहीं दी जाए। इस मामले में पुलिस ने घटना को लेकर नगर फोर्ट थाने में नरेश मीणा सहित दर्जनों अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
उप चुनाव के दौरान नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ भी मार दिया था।
उपचुनाव के दिन एसडीएम को मारा था थप्पड़ दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर आए और उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।
कई गाड़ियों में लगा दी थी आग एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा वापस जाकर धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की गाड़ी रोकने को लेकर विवाद हो गया था। पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए थे। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी और पुलिस के जवान आमने-सामने हो गए थे और नरेश मीणा को छुड़ाकर ले गए था। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। ग्रामीणों पर भी पथराव का आरोप लगाया था। घटना के दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी।