नजफगढ़ में लू तो दिलशाद गार्डन कूल-कूल कैसे? दिल्ली में कहीं कम कहीं ज्यादा गर्मी की वजह जानिए h3>
राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में गर्मी कहीं ज्यादा तो कहीं कम पड़ रही है। 29 मार्च से 10 अप्रैल के बीच विभिन्न सिटी स्टेशंस से आए IMD डेटा का एनालिसिस तो यही बताता है। वेस्ट और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के कुछ इलाकों में 10-12 दिन लू चली जबकि इसी दौरान सफदरजंग और लोधी रोड में चार-पांच दिन ही लू के हालात रहे। कई लोगों ने कहा कि उन्हें कुछ इलाकों का मौसम अपने एरिया से ज्यादा सही मालूम होता है। IMD का डेटा भी इसकी तस्दीक करता है।
इसकी क्या वजह है? एक्सपर्ट के अनुसार, कहीं पर हरियाली कम है तो कहीं आबादी ज्यादा है। दिल्ली में कुछ जगहों पर कंक्रीट का ऐसा जंगल है कि गर्मी ज्यादा लगती है। एक्सपर्ट्स ने अर्बन हीट आइलैंड्स का कॉन्सेप्ट भी सामने रखा जिसकी वजह से तापमान कहीं कम तो कहीं ज्यादा लगता है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि दिल्ली में गर्मी की ऐसी चाल क्यों है।
कहीं कम, कहीं ज्यादा गर्मी… क्या कहते हैं दिल्ली वाले
- दिलशाद गार्डन के पॉकेट-ए RWA प्रेसिडेंट डीबी शर्मा ने हमारे सहयोगी द टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘अगर कोई शाहदरा फ्लाईओवर या प्रीत विहार की तरफ से आ रहा है तो उसे दिलशाद गार्डन में घुसते हुए अच्छा लगेगा क्योंकि वहां ज्यादा हरियाली है। गर्मी की प्रॉब्लम मोहल्ले से बाहर ज्यादा लगती है। 2 किलोमीटर की रेडियस से बाहर मौजूद इलाकों की तुलना में दिलशाद गार्डन में तापमान कम लगता है।’
- राणा प्रताप सिंह बाग के RWA प्रेसिडेंट सौरभ गांधी ने कहा, ‘ज्यादा घनी आबादी, कम हरी जगहों और GT करनाल रोड पर भारी ट्रैफिक की वजह से हमारे इलाके में ज्यादा दिक्कत होती है। कुल किलोमीटर दूर ही नॉर्दन रिज पर तापमान अलग होता है।’
- जनकपुरी C2 ब्लॉक के RWA प्रेसिडेंट राज कुमार के मुताबिक, वह रोज मायापुरी जाते हैं जो करीब 18 किलोमीटर दूर है। वहां पर तापमान ज्यादा लगता है और घर लौटकर ‘बेहतर महसूस करते हैं।’
- कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें आधे किलोमीटर दूर ही तापमान अलग मालूम होता है। पालम में रहने वाले गीता शर्मा हर शाम वॉक पर जाती हैं। उनके मुताबिक, ‘मेरे घर के बाहर वाली लेन में तीन मंजिला इमारतों की भरमार है तो गर्मी और उमस ज्यादा लगता है लेकिन जब मैं लेन के आखिर में पहुंचती हूं तो हवा लगती है क्योंकि वो एरिया खुला है।’
दिल्ली के कौन से इलाके ज्यादा गर्म रहते हैं?
IMD डेटा का एनालिसिस दिखाता है कि 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच पीतमपुरा, नजफगढ़, गुड़गांव, जफरपुर, मुंगेशपुर, रिज जैसे इलाकों में 10 से ज्यादा दिन लू चली। इसी दौरान नोएडा, मयूर विहार, सफदरजंग में लू वाले दिनों की संख्या 5 से कम रही।
एक्सपर्ट के हिसाब से ऐसा क्यों होता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अर्बन हीट आइलैंड्स की वजह से गर्मी से परेशानी अलग-अलग मालूम होती है। IIT दिल्ली में वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र की प्रफेसर मंजू मोहन के अनुसार, ‘बीते कुछ सालों में कंक्रीट स्ट्रक्चर्स में इजाफे और लैंड यूज में बदलाव की वजह से तापमान बढ़ा है। अर्बन हीट आइलैंड वह एरिया होता है जहां अगल-बगल के इलाकों से ज्यादा तापमान दर्ज होता है। कुछ जगहों पर ज्यादा गर्मी होने के पीछे अपर्याप्त हरियाली, ज्यादा आबादी, घने बसे घर और इंसानी गतिविधियां जैसे गाड़ियों और गैजेट्स से निकलने वाली हीट हो सकती है। कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें और कूड़ा जलाने से भी गर्मी बढ़ती है।’
दिल्ली में 60 से ज्यादा ऐसी जगहें जहां गर्मी ज्यादा
दिल्ली में ऐसे कम से कम 60 अर्बन हीट आइलैंड्स हैं। प्रफेसर मोहन ने बताया, ‘हमने 2009 में एक स्टडी की थी। पाया कि दिल्ली के प्रमुख अर्बन हीट आइलैंड्स में चांदनी चौक, भीकाजी कामा प्लेस और कनॉट प्लेस हैं। वहीं बुद्ध जयंती पार्क और संजय पार्क कोल्ड स्पॉट अपेक्षाकृत ठंडे मिले।’
यमुना से दूरी भी बनती है एक वजह : IMD
IMD के सीनियर साइंटिस्ट आरके जेनामणि के अनुसार, पश्चिमी दिल्ली के स्टेशंस पर लू ही स्थितियां ज्यादा दिन रहीं और पूर्वी दिल्ली के स्टेशंस पर कम। उन्होंने कहा कि तापमान में अंतर शहरीकरण, ग्रीन कवर और यमुना से करीबी के चलते आता है। राजस्थान और दक्षिणी हरियाणा में सबसे ज्यादा गर्मी देखी गई।
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इसकी क्या वजह है? एक्सपर्ट के अनुसार, कहीं पर हरियाली कम है तो कहीं आबादी ज्यादा है। दिल्ली में कुछ जगहों पर कंक्रीट का ऐसा जंगल है कि गर्मी ज्यादा लगती है। एक्सपर्ट्स ने अर्बन हीट आइलैंड्स का कॉन्सेप्ट भी सामने रखा जिसकी वजह से तापमान कहीं कम तो कहीं ज्यादा लगता है। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि दिल्ली में गर्मी की ऐसी चाल क्यों है।
कहीं कम, कहीं ज्यादा गर्मी… क्या कहते हैं दिल्ली वाले
- दिलशाद गार्डन के पॉकेट-ए RWA प्रेसिडेंट डीबी शर्मा ने हमारे सहयोगी द टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘अगर कोई शाहदरा फ्लाईओवर या प्रीत विहार की तरफ से आ रहा है तो उसे दिलशाद गार्डन में घुसते हुए अच्छा लगेगा क्योंकि वहां ज्यादा हरियाली है। गर्मी की प्रॉब्लम मोहल्ले से बाहर ज्यादा लगती है। 2 किलोमीटर की रेडियस से बाहर मौजूद इलाकों की तुलना में दिलशाद गार्डन में तापमान कम लगता है।’
- राणा प्रताप सिंह बाग के RWA प्रेसिडेंट सौरभ गांधी ने कहा, ‘ज्यादा घनी आबादी, कम हरी जगहों और GT करनाल रोड पर भारी ट्रैफिक की वजह से हमारे इलाके में ज्यादा दिक्कत होती है। कुल किलोमीटर दूर ही नॉर्दन रिज पर तापमान अलग होता है।’
- जनकपुरी C2 ब्लॉक के RWA प्रेसिडेंट राज कुमार के मुताबिक, वह रोज मायापुरी जाते हैं जो करीब 18 किलोमीटर दूर है। वहां पर तापमान ज्यादा लगता है और घर लौटकर ‘बेहतर महसूस करते हैं।’
- कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें आधे किलोमीटर दूर ही तापमान अलग मालूम होता है। पालम में रहने वाले गीता शर्मा हर शाम वॉक पर जाती हैं। उनके मुताबिक, ‘मेरे घर के बाहर वाली लेन में तीन मंजिला इमारतों की भरमार है तो गर्मी और उमस ज्यादा लगता है लेकिन जब मैं लेन के आखिर में पहुंचती हूं तो हवा लगती है क्योंकि वो एरिया खुला है।’
दिल्ली के कौन से इलाके ज्यादा गर्म रहते हैं?
IMD डेटा का एनालिसिस दिखाता है कि 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच पीतमपुरा, नजफगढ़, गुड़गांव, जफरपुर, मुंगेशपुर, रिज जैसे इलाकों में 10 से ज्यादा दिन लू चली। इसी दौरान नोएडा, मयूर विहार, सफदरजंग में लू वाले दिनों की संख्या 5 से कम रही।
एक्सपर्ट के हिसाब से ऐसा क्यों होता है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अर्बन हीट आइलैंड्स की वजह से गर्मी से परेशानी अलग-अलग मालूम होती है। IIT दिल्ली में वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र की प्रफेसर मंजू मोहन के अनुसार, ‘बीते कुछ सालों में कंक्रीट स्ट्रक्चर्स में इजाफे और लैंड यूज में बदलाव की वजह से तापमान बढ़ा है। अर्बन हीट आइलैंड वह एरिया होता है जहां अगल-बगल के इलाकों से ज्यादा तापमान दर्ज होता है। कुछ जगहों पर ज्यादा गर्मी होने के पीछे अपर्याप्त हरियाली, ज्यादा आबादी, घने बसे घर और इंसानी गतिविधियां जैसे गाड़ियों और गैजेट्स से निकलने वाली हीट हो सकती है। कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसें और कूड़ा जलाने से भी गर्मी बढ़ती है।’
दिल्ली में 60 से ज्यादा ऐसी जगहें जहां गर्मी ज्यादा
दिल्ली में ऐसे कम से कम 60 अर्बन हीट आइलैंड्स हैं। प्रफेसर मोहन ने बताया, ‘हमने 2009 में एक स्टडी की थी। पाया कि दिल्ली के प्रमुख अर्बन हीट आइलैंड्स में चांदनी चौक, भीकाजी कामा प्लेस और कनॉट प्लेस हैं। वहीं बुद्ध जयंती पार्क और संजय पार्क कोल्ड स्पॉट अपेक्षाकृत ठंडे मिले।’
यमुना से दूरी भी बनती है एक वजह : IMD
IMD के सीनियर साइंटिस्ट आरके जेनामणि के अनुसार, पश्चिमी दिल्ली के स्टेशंस पर लू ही स्थितियां ज्यादा दिन रहीं और पूर्वी दिल्ली के स्टेशंस पर कम। उन्होंने कहा कि तापमान में अंतर शहरीकरण, ग्रीन कवर और यमुना से करीबी के चलते आता है। राजस्थान और दक्षिणी हरियाणा में सबसे ज्यादा गर्मी देखी गई।