नगर निगम परिषद- अनुभवी पार्षद की बात हुई पुरानी, इस बार बदला-बदला होगा नजारा | councilor who wins election for third time will be called super senior | Patrika News h3>
लेकिन यह पहली बार होगा कि निगम परिषद अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष की सीट पर इस बार नए चेहरे ही नजर आएंगे। एक या दो बार चुनाव जीते पार्षद सबसे सीनियर कहे जाएंगे। जबकि, तीसरी बार की पार्षदी वाला तो सुपर सीनियर कहलाएगा। अब तक की निगम परिषद में पांच से छह बार यानि 25-30 साल से लगातार पार्षदी करने वाले नेता बड़ी संख्या में थे। यही, सब परिषद को चलाते थे। लेकिन, 2022 की नगर निगम परिषद में ऐसा नजर नहीं आएगा।
ये वरिष्ठ इस बार नजर नहीं आएंगे
: मोहम्मद सगीर-कांग्रेस की ओर से लगातार छह बार से लगातार पार्षद थे। तीन बार से लगातार नेता प्रतिपक्ष रहे। इस बार इन्हें टिकिट नहीं मिला, ये परिषद में नजर नहीं आएंगे।
: कृष्ण मोहन सोनी- भाजपा की ओर से ये लगातार पांच बार पार्षद चुने गए। महापौर परिषद में वरिष्ठ सदस्य के तौर पर पार्षदों के हर सवाल का जवाब देने में आगे रहते थे। 2014 में ये निगम परिषद अध्यक्ष बनते बनते रह गए थे।
: महेश मकवाना- भाजपा से छह बार से लगातार पार्षद रहे। 2014 में महापौर परिषद के वरिष्ठ सदस्य रहे। इस बार ये चुनावी मैदान से बाहर हैं। : अब्दुल शफीक- कांग्रेस से लगातार पांच बार चुने गए। परिषद में कांग्रेस की ओर से मुद्दे उठाने में हमेशा आगे रहे। अब चुनावी मैदान में नहीं हैं।
: सुरजीत सिंह चौहान- नगर निगम परिषद में लगातार चार बार पार्षद रहे। 2014 में भाजपा की ओर से निगम परिषद अध्यक्ष बने। ये वार्ड 51 से पार्षद थे। इसबार इन्हें टिकट नहीं मिला।
: गिरीश शर्मा- कांग्रेस से लगातार चार बार पार्षद बने। परिषद में कांग्रेस की ओर से हमेशा मुखर रहे। बाद में भाजपा ज्वाइन की। अब निगम पार्षद के चुनाव मैदान में नहीं हैं। : भूरालाल माली- ये भी 2014 में महापौर परिषद के सदस्य रहे। इनकी पत्नी 2009 में पार्षद रहीं। अप्रत्यक्ष तौर पर यही पार्षदी करते रहे। इससे पहले भी पार्षद रहे।
ये अब भी मैदान में
पूर्व एमआईसी सदस्य आशाराम शर्मा तीसरी बार पार्षदी की तैयारी कर रहे हैं। वार्ड 46 से कांग्रेस के योगेंद्र ङ्क्षसह चौहान भी दूसरी बार पार्षदी करने के लिए इनके सामने हैं। वार्ड 33 से कांग्रेस प्रत्याशी अमित शर्मा दो बार पार्षद रह चुके हैं। वार्ड 29 से संतोष कंसाना, वार्ड 24 से शबिस्ता सुल्तान ही पुराने पार्षदों की सूची में शामिल हैं।
इस बार कई नए चेहरे चुनकर आएंगे। समय के साथ बदलाव होता है और नए लोग सामने आने भी चाहिए।
– कृष्ण मोहन सोनी, पूर्व एमआईसी सदस्य
जिन्हें टिकट मिला है, उनमें कई का राजनीतिक कॅरियर काफी अच्छा है। इसका उन्हें लाभ मिलेगा।
– महेश मकवाना, पूर्व एमआईसी सदस्य
लेकिन यह पहली बार होगा कि निगम परिषद अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष की सीट पर इस बार नए चेहरे ही नजर आएंगे। एक या दो बार चुनाव जीते पार्षद सबसे सीनियर कहे जाएंगे। जबकि, तीसरी बार की पार्षदी वाला तो सुपर सीनियर कहलाएगा। अब तक की निगम परिषद में पांच से छह बार यानि 25-30 साल से लगातार पार्षदी करने वाले नेता बड़ी संख्या में थे। यही, सब परिषद को चलाते थे। लेकिन, 2022 की नगर निगम परिषद में ऐसा नजर नहीं आएगा।
ये वरिष्ठ इस बार नजर नहीं आएंगे
: मोहम्मद सगीर-कांग्रेस की ओर से लगातार छह बार से लगातार पार्षद थे। तीन बार से लगातार नेता प्रतिपक्ष रहे। इस बार इन्हें टिकिट नहीं मिला, ये परिषद में नजर नहीं आएंगे।
: कृष्ण मोहन सोनी- भाजपा की ओर से ये लगातार पांच बार पार्षद चुने गए। महापौर परिषद में वरिष्ठ सदस्य के तौर पर पार्षदों के हर सवाल का जवाब देने में आगे रहते थे। 2014 में ये निगम परिषद अध्यक्ष बनते बनते रह गए थे।
: महेश मकवाना- भाजपा से छह बार से लगातार पार्षद रहे। 2014 में महापौर परिषद के वरिष्ठ सदस्य रहे। इस बार ये चुनावी मैदान से बाहर हैं। : अब्दुल शफीक- कांग्रेस से लगातार पांच बार चुने गए। परिषद में कांग्रेस की ओर से मुद्दे उठाने में हमेशा आगे रहे। अब चुनावी मैदान में नहीं हैं।
: सुरजीत सिंह चौहान- नगर निगम परिषद में लगातार चार बार पार्षद रहे। 2014 में भाजपा की ओर से निगम परिषद अध्यक्ष बने। ये वार्ड 51 से पार्षद थे। इसबार इन्हें टिकट नहीं मिला।
: गिरीश शर्मा- कांग्रेस से लगातार चार बार पार्षद बने। परिषद में कांग्रेस की ओर से हमेशा मुखर रहे। बाद में भाजपा ज्वाइन की। अब निगम पार्षद के चुनाव मैदान में नहीं हैं। : भूरालाल माली- ये भी 2014 में महापौर परिषद के सदस्य रहे। इनकी पत्नी 2009 में पार्षद रहीं। अप्रत्यक्ष तौर पर यही पार्षदी करते रहे। इससे पहले भी पार्षद रहे।
ये अब भी मैदान में
पूर्व एमआईसी सदस्य आशाराम शर्मा तीसरी बार पार्षदी की तैयारी कर रहे हैं। वार्ड 46 से कांग्रेस के योगेंद्र ङ्क्षसह चौहान भी दूसरी बार पार्षदी करने के लिए इनके सामने हैं। वार्ड 33 से कांग्रेस प्रत्याशी अमित शर्मा दो बार पार्षद रह चुके हैं। वार्ड 29 से संतोष कंसाना, वार्ड 24 से शबिस्ता सुल्तान ही पुराने पार्षदों की सूची में शामिल हैं।
इस बार कई नए चेहरे चुनकर आएंगे। समय के साथ बदलाव होता है और नए लोग सामने आने भी चाहिए।
– कृष्ण मोहन सोनी, पूर्व एमआईसी सदस्य
जिन्हें टिकट मिला है, उनमें कई का राजनीतिक कॅरियर काफी अच्छा है। इसका उन्हें लाभ मिलेगा।
– महेश मकवाना, पूर्व एमआईसी सदस्य