नगर निगम इंदौर: रोक के बावजूद डाटा फॉर्म से नक्शे हो रहे स्वीकृत – Indore News

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नगर निगम इंदौर:  रोक के बावजूद डाटा फॉर्म से नक्शे हो रहे स्वीकृत – Indore News

नगर निगम इंदौर: रोक के बावजूद डाटा फॉर्म से नक्शे हो रहे स्वीकृत – Indore News

नगर निगम में मध्यक्षेत्र के आसपास भवन अधिकारी डाटा फॉर्म के आधार पर नक्शे पास कर रहे हैं। शहर में कई ऐसे रहवासी क्षेत्र हैं, जिनके नक्शे नगर व ग्राम निवेश विभाग द्वारा मंजूर किए जा सकते हैं, लेकिन स्वीकृति नहीं है। पूर्व निगमायुक्त ने ऐसे नक्शे पास

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इसके बाद आईटी सेल प्रभारी राजेश उदावत ने इस पर रोक लगाने के लिए नगर निगम आयुक्त को एक पत्र लिखा है। इसमें परदेशीपुरा, बाणगंगा, मनोरमागंज में पास किए गए नक्शों का प्रमाण के साथ उल्लेख करते हुए कहा है कि इन क्षेत्रों में भवन अधिकारी लगातार नक्शे पास कर रहे हैं। आयुक्त इसे संज्ञान में लेकर पूर्व निगमायुक्त हर्षिका सिंह के आदेश का पालन करवाएं या स्थिति स्पष्ट करें।

पूरा मामला 6 महीने पहले हुई बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष रखा गया था। तब सीएम ने इस संबंध में नीति नियम बनाकर दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा था। इसके बाद भी मामला विभाग में अटका हुआ है। सरकार की ओर से किसी तरह का स्पष्टीकरण नहीं मिला है।

जुलाई-2023 में लगाई गई थी रोक

पत्र में निगमायुक्त से आग्रह किया है कि सरकार से मार्गदर्शन नहीं मिलने तक उक्त आदेश के संबंध में स्थिति स्पष्ट की जाए। जिन क्षेत्रों में अफसर डाटा फॉर्म बनवा कर नक्शे पास कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई करें। बता दें, तत्कालीन निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने जुलाई-2023 में इस पर रोक लगाते हुए निर्देश दिए थे।

इसका पालन किए बिना ही नक्शे स्वीकृत हो रहे हैं। शहर में मुख्य रूप से परदेशीपुरा, बाणगंगा, भागीरथपुरा, न्यू देवास रोड, वायएन रोड, जनता क्वार्टर, मनोरमागंज, रेसकोर्स रोड, कुम्हारखाड़ी, साउथ तुकोगंज, आरएनटी मार्ग आदि इलाकों से जुड़े नक्शों में ऐसा हो रहा।

यह होता है डाटा फॉर्म दरअसल, मध्यक्षेत्र या मध्यक्षेत्र के बाहर ऐसी खसरा भूमियां या प्लॉट हैं, जिन पर टीएनसीपी द्वारा लेआउट पास कराया जा सकता है। वर्तमान में कई कॉलोनियां व रहवासी क्षेत्र ऐसे हैं, जिनके लेआउट प्लान नगर व ग्राम निवेश विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं हैं। इसके आसपास के क्षेत्रों में शाखा द्वारा डाटा फॉर्म के आधार पर प्लॉट बना कर सीधे खसरा भूमि व प्लॉट पर अनुमति जारी की जा रही है। यानी डाटा फॉर्म के आधार पर ही लेआउट तैयार कर अनुमति दी जा रही है। खास कर छोटे प्लॉट में ऐसा हो रहा है।

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