दो वक्त की रोटी के लिए पांच महीने पहले गए थे आंध्र प्रदेश, चार लोगों की मौत के बाद नालंदा के इस गांव में मातम h3>
प्रणय राज, नालंदा: आंध्र प्रदेश के एलुरु जिले में अक्कीरेड्डीगुडेम स्थित केमिकल फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में मरने वालों में 4 मजदूर बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले थे। दो मजदूर कारू रविदास और सुभाष रविदास चण्डी प्रखण्ड के हबीबुल्लाह चक गांव के रहने हैं। जबकि हरनौत प्रखंड के रामसंग डिहरा के मनोज कुमार और वासनीमा गांव के अवधेश रविदास शामिल हैं। जबकि मुनारक पासवान और रवि रविदास गंभीर रूप से घायल हैं। अहले सुबह घर वालों को जब उनकी मौत की खबर मिली तो गांव में चीख पुकार मच गई। अन्य ग्रामीण अपने कमाऊ सदस्य की हाल जानने को व्याकुल दिखे।
सूचना मिलते ही चंडी के अंचलाधिकारी कुमारी आंचल और हरनौत के अंचलाधिकारी नीरज कुमार सिह गांव पहुंचकर परिवार मिलकर उन्हें सरकार के तरफ से मिलने वाली हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया। वहीं चंडी प्रखंड पूर्वी जिला परिषद सदस्य निरंजन कुमार ने मृतक के परिवार से सरकार से हर संभव सहायता प्रदान करने की मांग सरकार से की ही।
दो वक्त की रोटी के लिए पांच महीने पहले गए थे
लॉकडाउन की मार झेलने के बाद करीब पांच महीने पहले रोजी रोटी कमाने के लिए सभी आंध्र प्रदेश गए थे। वहां अक्कीरेड्डीगुडेम स्थित केमिकल फैक्ट्री में सभी काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। मजदूर मनोज के एक पुत्री है। जबकि अवधेश का 1 पुत्र और 2 छोटी छोटी पुत्री हैं। हादसे के बाद परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी और बच्चों के चीत्कार से पुरे गांव का माहौल गमगीन है। आस पास के घरों में चूल्हे नहीं जले। ग्रामीण बच्चों और परिवार के सदस्य को ढांढस बधा रहे हैं।
सीएम नीतीश के गृह जनपद में ही रोजगार के लिए पलायन?
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में रोजगार मिलने के कारण पलायन नहीं होने की बात लगातार करते हैं। मगर इस घटना के बाद पता चलता है कि मजदूर दो जून की रोजी रोटी के लिए किस तरह दूसरे प्रदेश में जाने को विवश हो रहे हैं, वो भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले और उनके प्रखंड के लोग।
जल्द ही सभी डेड बॉडी गांव लायी जाएंगी: डीएम
इधर नालंदा के जिलाधिकारी शंशांक शुभंकर ने कहा कि मरने वालों के पार्थिव शरीर को लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है। जल्द ही सभी डेड बॉडी गांव लायी जाएंगी। परिवार को हर संभव सहायता के लिए संबधित अधिकारी को भेजा गया है।
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सूचना मिलते ही चंडी के अंचलाधिकारी कुमारी आंचल और हरनौत के अंचलाधिकारी नीरज कुमार सिह गांव पहुंचकर परिवार मिलकर उन्हें सरकार के तरफ से मिलने वाली हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया। वहीं चंडी प्रखंड पूर्वी जिला परिषद सदस्य निरंजन कुमार ने मृतक के परिवार से सरकार से हर संभव सहायता प्रदान करने की मांग सरकार से की ही।
दो वक्त की रोटी के लिए पांच महीने पहले गए थे
लॉकडाउन की मार झेलने के बाद करीब पांच महीने पहले रोजी रोटी कमाने के लिए सभी आंध्र प्रदेश गए थे। वहां अक्कीरेड्डीगुडेम स्थित केमिकल फैक्ट्री में सभी काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। मजदूर मनोज के एक पुत्री है। जबकि अवधेश का 1 पुत्र और 2 छोटी छोटी पुत्री हैं। हादसे के बाद परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी और बच्चों के चीत्कार से पुरे गांव का माहौल गमगीन है। आस पास के घरों में चूल्हे नहीं जले। ग्रामीण बच्चों और परिवार के सदस्य को ढांढस बधा रहे हैं।
सीएम नीतीश के गृह जनपद में ही रोजगार के लिए पलायन?
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में रोजगार मिलने के कारण पलायन नहीं होने की बात लगातार करते हैं। मगर इस घटना के बाद पता चलता है कि मजदूर दो जून की रोजी रोटी के लिए किस तरह दूसरे प्रदेश में जाने को विवश हो रहे हैं, वो भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले और उनके प्रखंड के लोग।
जल्द ही सभी डेड बॉडी गांव लायी जाएंगी: डीएम
इधर नालंदा के जिलाधिकारी शंशांक शुभंकर ने कहा कि मरने वालों के पार्थिव शरीर को लाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है। जल्द ही सभी डेड बॉडी गांव लायी जाएंगी। परिवार को हर संभव सहायता के लिए संबधित अधिकारी को भेजा गया है।