‘दोस्ती’ की आड़ में कर रहे थे ISI के लिए जासूसी, जयपुर कोर्ट ने 3 पाकिस्तानियों को सुनाई सजा, जेल में काटने होंगे इतने साल
Pakistani Spies: भारत ने पड़ोसी समझकर जिन तीन पाकिस्तानियों को विजा दिया वो ISI के एजेंड निकले। जयपुर की एककोर्ट ने अब इन तीनों पाकिस्तानी आरोपियों को सजा सुनाई है। सेना की जासूसी करके ये तीनों गोपनीय सूचना पाकिस्तान भेज रहे थे। इनकी इन करतूतों का पर्दाफाश हुआ तो गिरफ्तार कर लिया गया।
हाइलाइट्स
- 3 पाकिस्तानी नागरिकों को 8 साल के कठोर कारावास की सजा
- सेना की गोपनीय सूचना ISI को भेजते थे
- वीजा लेकर भारत आए थे तीनों आरोपी
- जोधपुर में रह रहे थे, सेना की गोपनीय सूचनाएं भेजते थे
लोंग टर्म वीजा पर भारत आए थे पाक नागरिक
एडीजी इंटेलीजेंस एस. सेंगथिर ने बताया कि पाकिस्तान में सांगड़ जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल उर्फ नंदू महाराज पुत्र नरसिंह वैध पासपोर्ट और वीजा पर जोधपुर आया था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर यह पाक नागरिक जैसलमेर पहुंच कर भारतीय सेना की गोपनीय जानकारियां पाक भेजने लगा। 20 अगस्त 2016 को इंटेलीजेंस पुलिस ने नंदलाल को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि गौरीशंकर और खेमचंद ने नंदलाल की मदद की थी। ऐसे में इन दोनों को भी गिरफ्तार किया गया था। तीन महीने में जांच पूरी करते हुए इंटेलीजेंस पुलिस ने तीनों पाक जासूसों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी थी। लगातार सुनवाई चलती रही। अब कोर्ट ने इन तीनों को सजा सुनाई है।
दो सह अभियुक्त हैं सगे भाई
एस. सेंगाथिर ने बताया कि पाक जासूस नंदलाल का सहयोग करने वाले दोनों सह अभियुक्त गौरीशंकर और खेमचंद दोनों सगे भाई हैं। ये दोनों भी पाकिस्तान के सांगड़ जिले में खिपरो क्षे्र के ही रहने वाले हैं। ये भी पाकिस्तान से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आए थे और जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के हरि नगर और शंकर नगर में अलग अलग मकानों में रह रहे थे। गिरफ्तार करने के बाद से ये तीनों आरोपी जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़
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