दोनों डोज लगवा चुकी ‘कोरोना पॉजिटिव’ महिला की मौत, CM ने बुलाई बैठक | Woman dies of covid after 65 days in Jabalpur | Patrika News h3>
-जबलपुर में 65 दिन बाद कोविड से मौत
-कोरोना संक्रमित 77 वर्षीय महिला ने दम तोड़ा
-वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे
जबलपुर
Updated: April 25, 2022 01:56:18 pm
जबलपुर। कोरोना ने फिर से लोगों को डराना शुरु कर दिया है। शहर में कोरोना संक्रमित 77 साल की महिला की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि महिला रीढ़ की हड्डी, हार्ट, ब्रेन स्टोक, लीवर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं। मौत की वजह कोविड की बजाए उसे हुई दूसरी गंभीर मौतों को माना जा रहा है। परिजनों के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक होने परउन्हें 18 अप्रैल को शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।
coronavirus
भर्ती के बाद 21 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज के कोविड वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। मेडिकल कॉलेज में कोविड प्रभारी रह चुके डॉ. संजय भारती के मुताबिक महिला को ब्रेन स्ट्रोक के चलते लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे। वहीं बढ़ते कोरोना के मामलों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दोपहर कोरोना समीक्षा बैठक बुलाई है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 206 सेम्पल की रिपोर्ट में एक भी संक्रमित नहीं मिले हैं। वहीं न ही कोई डिस्चार्ज हुआ है। जिले में 5 एक्टिव केस हैं और सभी घर पर रहकर इलाज करा रहे हैं। उनमें सामान्य लक्षण है। बता दें कि इससे पहले 17 फरवरी को जिले में कोविड से एक मौत हुई थी। तब 5080 सेम्पल की जांच में 50 संक्रमित मिले थे। उस समय एक्टिव केस जिले में 305 थे। अब 65 दिन बाद 77 वर्षीय वृद्धा की मौत हुई है। ये भी संक्रमित थी। हालांकि उसकी मौत की वजह दूसरी गंभीर बीमारी बताई जा रही है। जिले में अब तक कुल 797 लोगों की कोविड से मौत हो चुकी है।
ओमिक्रॉन के खिलाफ बूस्टर डोज को बताया जरूरी
दुनियाभर में फिर कहर बरपा रहे कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन के खिलाफ कोविशील्ड की दोनों खुराक उतनी असरदार नहीं है, जितनी डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ थीं । विशेषज्ञों ने लोगों ने बूस्टर डोज की सलाह दी है। इससे पहले कोवैक्सीन को लेकर भी इसी तरह की रिपोर्ट सामने आई थी ।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविशील्ड की खुराक लेने के बाद भी लोगों पर ओमिक्रॉन का असर दिखाई दे रहा है। ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट बीए. 1 एंटीबॉडी को प्रभावित कर रहा है । बूस्टर डोज के बाद काफी हद तक एंटीबॉडी इस वैरिएंट के खिलाफ असरदार हो सकती है। एक वैज्ञानिक का कहना है कि ओमिक्रॉन ने वैक्सीन की दोनों खुराकों के बाद भी प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित किया । डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन का स्पाइक बेहद ताकतवर है।
ये निकला नतीजा
विशेषज्ञों ने कोविशील्ड की दूसरी खुराक के 180 दिन बाद 24 कोरोना संक्रमितों के नमूने एकत्र किए। वहीं, 17 ऐसे लोगों के नमूने लिए, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था और जो कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके थे। कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने वालों में ओमिक्रॉन का संक्रमण पाया गया।
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-जबलपुर में 65 दिन बाद कोविड से मौत
-कोरोना संक्रमित 77 वर्षीय महिला ने दम तोड़ा
-वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे
जबलपुर
Updated: April 25, 2022 01:56:18 pm
जबलपुर। कोरोना ने फिर से लोगों को डराना शुरु कर दिया है। शहर में कोरोना संक्रमित 77 साल की महिला की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि महिला रीढ़ की हड्डी, हार्ट, ब्रेन स्टोक, लीवर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं। मौत की वजह कोविड की बजाए उसे हुई दूसरी गंभीर मौतों को माना जा रहा है। परिजनों के मुताबिक ब्रेन स्ट्रोक होने परउन्हें 18 अप्रैल को शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।
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भर्ती के बाद 21 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज के कोविड वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। मेडिकल कॉलेज में कोविड प्रभारी रह चुके डॉ. संजय भारती के मुताबिक महिला को ब्रेन स्ट्रोक के चलते लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके थे। वहीं बढ़ते कोरोना के मामलों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दोपहर कोरोना समीक्षा बैठक बुलाई है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 206 सेम्पल की रिपोर्ट में एक भी संक्रमित नहीं मिले हैं। वहीं न ही कोई डिस्चार्ज हुआ है। जिले में 5 एक्टिव केस हैं और सभी घर पर रहकर इलाज करा रहे हैं। उनमें सामान्य लक्षण है। बता दें कि इससे पहले 17 फरवरी को जिले में कोविड से एक मौत हुई थी। तब 5080 सेम्पल की जांच में 50 संक्रमित मिले थे। उस समय एक्टिव केस जिले में 305 थे। अब 65 दिन बाद 77 वर्षीय वृद्धा की मौत हुई है। ये भी संक्रमित थी। हालांकि उसकी मौत की वजह दूसरी गंभीर बीमारी बताई जा रही है। जिले में अब तक कुल 797 लोगों की कोविड से मौत हो चुकी है।
ओमिक्रॉन के खिलाफ बूस्टर डोज को बताया जरूरी
दुनियाभर में फिर कहर बरपा रहे कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन के खिलाफ कोविशील्ड की दोनों खुराक उतनी असरदार नहीं है, जितनी डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ थीं । विशेषज्ञों ने लोगों ने बूस्टर डोज की सलाह दी है। इससे पहले कोवैक्सीन को लेकर भी इसी तरह की रिपोर्ट सामने आई थी ।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविशील्ड की खुराक लेने के बाद भी लोगों पर ओमिक्रॉन का असर दिखाई दे रहा है। ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट बीए. 1 एंटीबॉडी को प्रभावित कर रहा है । बूस्टर डोज के बाद काफी हद तक एंटीबॉडी इस वैरिएंट के खिलाफ असरदार हो सकती है। एक वैज्ञानिक का कहना है कि ओमिक्रॉन ने वैक्सीन की दोनों खुराकों के बाद भी प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित किया । डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन का स्पाइक बेहद ताकतवर है।
ये निकला नतीजा
विशेषज्ञों ने कोविशील्ड की दूसरी खुराक के 180 दिन बाद 24 कोरोना संक्रमितों के नमूने एकत्र किए। वहीं, 17 ऐसे लोगों के नमूने लिए, जिन्हें कोरोना नहीं हुआ था और जो कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके थे। कोविशील्ड की दोनों खुराक लेने वालों में ओमिक्रॉन का संक्रमण पाया गया।
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