दुकान पर नेम प्लेट के बाद भगवा झंडा: हाईवे पर लहरा रहे झंडे बने हिंदू होने की पहचान, लोग बोले- शुद्धता की मिलती है गारंटी – Muzaffarnagar News h3>
वरुण शर्मा, मुजफ्फरनगर3 मिनट पहले
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ग्राहकों का कहना है कि झंडा देखकर पता चलता है कि यह किसी सनातनी की दुकान है।
मुजफ्फरनगर के खादय प्रतिष्ठानों पर ‘नेम प्लेट’ के बाद अब ‘भगवा झंडे’ का नया ट्रेंड चल गया है। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर अब हिंदुओं ने अपने खादय संस्थानों पर अपनी पहचान बताने के लिए तिरंगा और भगवा झंडा लहराना शुरू कर दिया है। ये झंडे दुकानदारों ने अपनी मर्जी से लगाए हैं। इस ‘भगवा झंडा’ की वजह से इन दुकानदारों की बिक्री पर असर भी देखने को मिल रहा है। इन हिंदू दुकानदारों का दावा है कि इससे उनके कारोबार में वृद्धि हुई है।
भगवा झंडों का प्रभाव ‘दैनिक भास्कर’ ने इन दुकानदारों से बात की तो उन्होंने इसके पीछे चौंकाने वाले खुलासे किए। दुकानदारों का कहना है कि तिरंगे और भगवा झंडे लगाने से उनकी बिक्री बढ़ गई है। हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के लोग जिन्होंने पहले रुकना बंद कर दिया था, वो अब इनके संस्थानों पर रुकने लगे हैं और खरीदारी करते हैं।
वो कहते हैं कि ‘ये झंडे उनके हिंदू होने की निशानी हैं और बाहरी लोग उन्हें देखकर रुकते हैं और सामान लेते हैं। इससे उनके कारोबार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, क्योंकि बाहर के लोग मुस्लिम दुकानदारों से सामान खरीदना पसंद नहीं करते।
पहले दुकानों पर लगे झंडों की तीन तस्वीरें देखिए…
हिंदू दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर झंडे लगाए हैं।
झंडा लगा होने से भक्तों का भी विश्वास बढ़ा है।
दुकानदारों का दावा है कि झंडा लगाने से बिक्री बढ़ी है।
दुकानदारों का अनुभव एक दुकानदार के मुताबिक, ‘पहले जो भी टूरिस्ट आता था, वह नाम और जाति पूछने के बाद ही गुड़ खरीदता था। लेकिन जब से भगवा झंडा लगाया है, तब से कोई कुछ नहीं पूछता, आता है और सामान लेकर जाता है। झंडा उनके हिंदू होने की पहचान है।
क्या कहते हैं ग्राहक?
गुड़ ख़रीद रहे राजस्थान निवासी यात्री घनश्याम ने बताया कि यूपी में यह सुनने में आया था कि मुस्लिम समुदाय के लोग चीजों को अशुद्ध करके बेच रहे हैं। हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले लोग इन झंडों को देखकर विश्वास करते हैं कि यह दुकान किसी सनातनी और हिन्दू धर्म के व्यक्ति की ही है। उन्हें यह भी विश्वास है कि यहां से खरीदी गई चीजें शुद्धता से मिलेंगी।’
‘नेम प्लेट’ के बाद ‘भगवा झंडा’ आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का मामला सुर्खियों में रहा था। अब उत्तराखंड की सीमा पार कर यूपी की सीमा में आते ही नेशनल हाईवे 58 पर ठेलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लहराता दिखाई देता है, जोकि दुकानदारों के हिन्दू होने का प्रतीक है। लेकिन इस बार ये झंडे किसी हिन्दू संगठन द्वारा नहीं लगाए गए, बल्कि दुकानदारों ने खुद लगाए हैं।
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वरुण शर्मा, मुजफ्फरनगर3 मिनट पहले
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ग्राहकों का कहना है कि झंडा देखकर पता चलता है कि यह किसी सनातनी की दुकान है।
मुजफ्फरनगर के खादय प्रतिष्ठानों पर ‘नेम प्लेट’ के बाद अब ‘भगवा झंडे’ का नया ट्रेंड चल गया है। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर अब हिंदुओं ने अपने खादय संस्थानों पर अपनी पहचान बताने के लिए तिरंगा और भगवा झंडा लहराना शुरू कर दिया है। ये झंडे दुकानदारों ने अपनी मर्जी से लगाए हैं। इस ‘भगवा झंडा’ की वजह से इन दुकानदारों की बिक्री पर असर भी देखने को मिल रहा है। इन हिंदू दुकानदारों का दावा है कि इससे उनके कारोबार में वृद्धि हुई है।
भगवा झंडों का प्रभाव ‘दैनिक भास्कर’ ने इन दुकानदारों से बात की तो उन्होंने इसके पीछे चौंकाने वाले खुलासे किए। दुकानदारों का कहना है कि तिरंगे और भगवा झंडे लगाने से उनकी बिक्री बढ़ गई है। हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के लोग जिन्होंने पहले रुकना बंद कर दिया था, वो अब इनके संस्थानों पर रुकने लगे हैं और खरीदारी करते हैं।
वो कहते हैं कि ‘ये झंडे उनके हिंदू होने की निशानी हैं और बाहरी लोग उन्हें देखकर रुकते हैं और सामान लेते हैं। इससे उनके कारोबार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, क्योंकि बाहर के लोग मुस्लिम दुकानदारों से सामान खरीदना पसंद नहीं करते।
पहले दुकानों पर लगे झंडों की तीन तस्वीरें देखिए…
हिंदू दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर झंडे लगाए हैं।
झंडा लगा होने से भक्तों का भी विश्वास बढ़ा है।
दुकानदारों का दावा है कि झंडा लगाने से बिक्री बढ़ी है।
दुकानदारों का अनुभव एक दुकानदार के मुताबिक, ‘पहले जो भी टूरिस्ट आता था, वह नाम और जाति पूछने के बाद ही गुड़ खरीदता था। लेकिन जब से भगवा झंडा लगाया है, तब से कोई कुछ नहीं पूछता, आता है और सामान लेकर जाता है। झंडा उनके हिंदू होने की पहचान है।
क्या कहते हैं ग्राहक?
गुड़ ख़रीद रहे राजस्थान निवासी यात्री घनश्याम ने बताया कि यूपी में यह सुनने में आया था कि मुस्लिम समुदाय के लोग चीजों को अशुद्ध करके बेच रहे हैं। हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले लोग इन झंडों को देखकर विश्वास करते हैं कि यह दुकान किसी सनातनी और हिन्दू धर्म के व्यक्ति की ही है। उन्हें यह भी विश्वास है कि यहां से खरीदी गई चीजें शुद्धता से मिलेंगी।’
‘नेम प्लेट’ के बाद ‘भगवा झंडा’ आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का मामला सुर्खियों में रहा था। अब उत्तराखंड की सीमा पार कर यूपी की सीमा में आते ही नेशनल हाईवे 58 पर ठेलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लहराता दिखाई देता है, जोकि दुकानदारों के हिन्दू होने का प्रतीक है। लेकिन इस बार ये झंडे किसी हिन्दू संगठन द्वारा नहीं लगाए गए, बल्कि दुकानदारों ने खुद लगाए हैं।