दिल्ली में PM मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने वाला था AAP कार्यकर्ता, छपवाने और लगवाने के लिए दिए थे 9000 रुपये

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दिल्ली में PM मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने वाला था AAP कार्यकर्ता, छपवाने और लगवाने के लिए दिए थे 9000 रुपये


दिल्ली में PM मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने वाला था AAP कार्यकर्ता, छपवाने और लगवाने के लिए दिए थे 9000 रुपये

राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में पीएम मोदी से सवाल करते हुए कुछ पोस्टर लगे घूम रहे थे, जिसको लेक दिल्ली पुलिस जांच में जुटी थी। पुलिस लगातार पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति को ढूढ रही थी और आखिरकार पुलिस ने आरोपी का पता लगा ही लिया। पुलिस ने कहा कि कुछ दिनों पहले दिल्ली के कुछ हिस्सों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड संकट से निपटने की आलोचना करने वाले पोस्टरों के पीछे आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य का दिमाग है। उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचान अरविंद गौतम के रूप में हुई है, जो अब फरार है।

काले रंग के पोस्टर पर सफेद टेक्स्ट से व्यंग्यात्मक रूप से हिंदी में पूछा गया: “मोदी जी, आपने हमारे बच्चों के लिए विदेशों में टीके क्यों भेजे?”

इसके समझने के लिए बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत टीको की कमी से जूझ रहा है जिसके जवाब में ऐसे पोस्टर लगा कर पीएम मोदी को निशाना बनाया गया था। फरवरी में जब देश में कोरोना का संकट नहीं था तो भारत ने कई देशों को वैक्सीन की सप्लाई की थी। अब कई विपक्षी दल और नेता इसको लेकर पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं।

 

इस मामले में कई आरोपी व्यक्तियों से पूछताछ के दौरान गौतम का नाम सामने आया, दिल्ली पुलिस ने मंगोलपुरी इलाके में वार्ड 47 के AAP अध्यक्ष का जिक्र करते हुए ट्वीट कर यह जानकारी दी है। पिछले कुछ दिनों में सामने आए पोस्टरों को लेकर अब तक कम से कम 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने एक बयान में कहा कि सार्वजनिक संपत्ति के विरूपण की रोकथाम अधिनियम, 2007 के तहत 12 मई की मध्यरात्रि के आसपास मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है।

दिल्ली पुलिस के बयान में कहा गया, “इन पोस्टरों पर प्रिंटिंग प्रेस/प्रकाशक के विवरण का उल्लेख नहीं किया गया था। आरोपी व्यक्तियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि अरविंद गौतम ने राहुल नाम के शख्स को को व्हाट्सएप पर इन्हें प्रिंट करने का आदेश भेजा था … और इन पोस्टरों/होर्डिंग को प्रिंट करने और चिपकाने के लिए 9,000 रुपये दिए थे।”





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