दिल्‍ली में H3N2 और कोविड का डबल खतरा, बच्‍चे-बुजुर्ग खास सावधानी बरतें

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दिल्‍ली में H3N2 और कोविड का डबल खतरा, बच्‍चे-बुजुर्ग खास सावधानी बरतें

दिल्‍ली में H3N2 और कोविड का डबल खतरा, बच्‍चे-बुजुर्ग खास सावधानी बरतें

नई दिल्‍ली: देश के कई हिस्‍सों में इन्फ्लूएंजा यानी H3N2 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्‍ली-एनसीआर में कोविड के केसेज में भी उछाल है। ऐसे में दिल्‍ली सरकार ने अस्‍पतालों को अलर्ट कर दिया है। आज डीडीएमए की बैठक में भी H3N2 और कोविड पर चर्चा हो सकती है। मौसम में बदलाव और इन्फ्लूएंजा H3N2 के फैलाव के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एडवाइजरी जारी कर बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। साथ ही, इस सीजनल इन्फ्लूएंजा के प्रसार को रोकने के लिए डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट, हेल्थ फैसिलिटी और सरकारी अस्पतालों को निगरानी रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री सौरभ ने कहा कि यह मौसम इन्फ्लूएंजा का है। इस तरीके का सीजनल इन्फ्लूएंजा पूरी दुनिया में चलता है। वर्तमान में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा के ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं, ऐसे में हमें घबराने और चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। हमें केवल सतर्क और जिम्मेदार रहना है।

दिल्ली के सभी जिलों के अस्पतालों की ओपीडी और आईपीडी में फ्लू जैसे लक्षण वाले मरीजों एवं गंभीर रूप से सांस संबंधी शिकायत वाले मरीजों पर नजर रखी जाएगी, ताकि बीमारी फैलने से पहले स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जा सके। यदि कहीं पर भी अर्ली राइजिंग के ट्रेंड्स नजर आते हैं तो उसे समय रहते डिटेक्ट किया जाएगा। इसको लेकर अखबारों और एफएम रेडियो के जरिए अलग-अलग भाषाओं में विज्ञापन के जरिए लोगों में जागरुकता फैलाई जाएगी।

बुजुर्गों और 5 साल से छोटे बच्चों को खतरा ज्यादा

सौरभ ने कहा कि वर्तमान में H1N1 और H3N2 इन्फ्लूएंजा काफी फैल रहा है। आमतौर पर इसका पहला पीक जनवरी से लेकर मार्च तक और दूसरा पीक मॉनसून खत्म होने पर आता है। ये वाला पीक मार्च के अंत तक घटता जाता है। इस बार इन्फ्लूएंजा के काफी मरीज आ रहे हैं। जिनकी मेडिकल हिस्ट्री में लंग्स से जुड़ी बीमारी, कोरोना के चलते गंभीर स्थिति और अस्थमा है, उन पर इसका ज्यादा असर हो रहा है।

लोगों में बुखार, लंबे समय तक खांसी, बलगम की परेशानी बढ़ना, नाक से पानी आना, सिरदर्द, शरीर में दर्द आदि लक्षण देखे जा रहे हैं। इन्फ्लूएंजा से 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 5 साल से छोटे उम्र के बच्चों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। वहीं, फेफड़ों की बीमारी की शिकायत वाले लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।

H3N2 वायरस क्या है? लक्षण और बचाव जानिए

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नए वायरस की स्थिति रोजाना मॉनिटर करने के दिए निर्देश

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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की तरफ से 6 राज्यों- केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र व गुजरात के लिए कोविड एडवाइजरी जारी हुई है। दिल्ली हालांकि इन राज्यों में शामिल नहीं है, लेकिन दिल्ली सरकार ने मौजूदा कोरोना वायरस के सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग करवाई है। यह वेरिएंट खतरनाक नहीं पाया गया। इसके बावजूद सरकार की तरफ से लोगों की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की जा रही है। इन्फ्लूएंजा के लक्षण कोरोना संक्रमण से मिलते-जुलते हैं और दोनों के बचाव भी बिल्कुल एक से हैं।

ऐसे में लोग भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। अगर आपको खांसी-जुकाम है तो पब्लिक प्लेस पर सार्वजनिक चीजों को न छुएं। समय-समय पर हाथों को धोतें रहें। अपने हाथों को नाक, आंख व मुंह आदि पर न लगाएं। इसे लेकर डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस यूनिट्स, हेल्थ फैसिलिटी और सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि इस स्थिति को रोजाना मॉनिटर करें।

DDMA की बैठक आज, कोविड और इन्फ्लूएंजा पर चर्चा है मुमकिन

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शनिवार को डीडीएमए की बैठक है। हालांकि बताया जा रहा है कि यह रूटीन बैठक होगी जिसमें कोविड के वर्तमान हालात, मरीजों की संख्या और वैक्सीनेशन की स्थिति पर चर्चा होगी। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में बढ़ रहे एच3एन2 के मामले पर भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है। जिला अधिकारियों से पिछले दो-तीन हफ्तों में आई कोविड के मामले की रिपोर्ट मांगी गई है, वैक्सीनेशन का स्टेटस पूछा गया है।

एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि जिस तेजी से इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं और साथ में कोविड के मरीजों की संख्या में भी तेजी आई है, इसको लेकर नए सिरे से गाइडलाइन जारी हो सकती है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एक फिर से मास्क अनिवार्य किया जा सकता है। हालांकि दिल्ली की जो स्थिति है, उसमें एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड की संख्या को लेकर न तो डरने की जरूरत है और न घबराने की। अब पहले वाली स्थिति नहीं होने वाली है। जो हालात अभी हैं, आगे भी इसी प्रकार मामले घटते-बढ़ते रहेंगे। इसको लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

दो दिन पहले केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल ने अपने यहां सभी स्टाफ और मरीजों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है।

अलर्ट: सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर होंगे तैनात

अलर्ट: सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर होंगे तैनात

दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में अब इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर मौजूद रहेंगे। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर सभी अस्पताल प्रशासन को अपने यहां इमरजेंसी में 24 घंटे एक सीनियर कंसलटेंट की ड्यूटी लगाना अनिवार्य कर दिया है। दरअसल, पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने जीटीबी, अरुणा आसफ अली और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था, तब उन्होंने पाया था कि इमरजेंसी में केवल रेजिडेंट डॉक्टरों ही तैनात थे। इस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद यह आदेश जारी हुआ है और आदेश सुनिश्चित कर सात दिनों के अंदर रिपोर्ट भी मांगी गई है।

आदेश में मंत्री के औचक निरीक्षण का भी जिक्र है, जिसमें बताया गया है कि निरीक्षण को दौरान अस्पतालों की इमरजेंसी की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। मरीजों को इमरजेंसी में शिफ्ट करने की अच्छी सुविधा नहीं थी। मरीज के तीमारदार खुद स्ट्रेचर खींच रहे थे। ड्यूटी पर सीनियर डॉक्टर नहीं, केवल रेजिडेंट डॉक्टर ही थे। अस्पताल के अंदर साफ सफाई पर भी मंत्री ने सवाल उठाए, वॉर्ड में बेड पर बिछी चादर गंदे मिले थे, जिस पर मंत्री असंतुष्ट दिखे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी अस्पताल को निर्देश जारी किया है कि इमरजेंसी वॉर्ड में मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी भी हों और साथ में स्ट्रेचर की सुविधा जरूरी है। रात में इमरजेंसी में गंभीर मरीजों के इलाज के लिए गाइडलाइंस बनाने को कहा गया है। इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर की तैनाती के लिए अस्पताल डॉक्टरों की ड्यूटी का रोस्टर तैयार करें। रात में भी कम से कम एक वरिष्ठ डॉक्टर ड्यूटी पर जरूर होना चाहिए।

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