दिल्ली में 'महा'डील फाइनल, क्या एकनाथ शिंदे की जगह लेंगे अजित पवार? क्यों छिड़ी चर्चा, जानिए

13
दिल्ली में 'महा'डील फाइनल, क्या एकनाथ शिंदे की जगह लेंगे अजित पवार? क्यों छिड़ी चर्चा, जानिए

दिल्ली में 'महा'डील फाइनल, क्या एकनाथ शिंदे की जगह लेंगे अजित पवार? क्यों छिड़ी चर्चा, जानिए

मुंबई:महाराष्ट्र की राजनीति में फ़िलहाल उथल-पुथल और अनिश्चितता के संकेत मिल रहे हैं। इसकी गवाही बीते दिनों में हुए घटनाक्रम दे रहे हैं। जिनपर अगर बारीकी से नजर दौड़ाएं तो लगता है कि महाराष्ट्र में कुछ बड़ा सियासी परिवर्तन देखने को मिल सकता है। बीते कुछ दिनों सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि आने वाले दिनों में अजित पवार बीजेपी में समर्थकों संग शामिल हो सकते हैं या फिर बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार स्थापित कर सकते हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे बनामउद्धव ठाकरेकी लड़ाई वाले मुक़दमे की सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसका फैसला भी अदालत ने सुरक्षित रख लिया है। बस अब यह किसी भी समय सुनाया जा सकता है। ऐसे में इस बात की संभावना है कि एकनाथ शिंदे के 16 विधायक अपात्र घोषित हो जाएं। ऐसा हुआ तो शिंदे फडणवीस सरकार गिर सकती है। अंग्रेजी अखबार न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इसी वजह से बीजेपी ने अब अजित पवार पर डोरे डालना शुरू किया है। अगर अजीत पवार बीजेपी के साथ जाते हैं तो उनका मुख्यमंत्री बनने का सपना भी पूरा हो जायेगा। फिलहाल उनके पास 35-40 एनसीपी विधायकों का समर्थन है। इसलिए दल बदल विरोधी कानून लागू नहीं होगा।

यह भी कहा जा रहा है कि 8 अप्रैल को अचानक अजित पवार का गायब हो जाना भी इसी कड़ी का हिस्सा था। इस बात की चर्चा है कि उस दिन अजित पवार चार्टेड फ्लाइट से दिल्ली गए थे। जहाँ उनकी मुलाकात अमित शाह से हुई थी। दरअसल अजित पवार दिल्ली में डील फाइनल करने के लिए गए थे। इस दौरान उनके साथ प्रफुल पटेल और सुनील तटकरे भी मौजूद थे। ताकि विभागों के बंटवारे पर भी चर्चा हो सके। चर्चा इस बात की भी है कि बीजेपी शिंदे से किनारा कर रही है। अजित पवार को लेकर यह कहा जाता है कि वह बीजेपी के आला नेताओं के खिलाफ कभी कड़ा रुख नहीं अपनाते हैं।

अजित पवार का साथ क्यों चाहती है बीजेपी?
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की बढ़ती हुई लोकप्रियता बीजेपी के लिए मुश्किल का सबब बनी हुई है। भले ही उद्धव गुट ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह खो दिया है बावजूद इसके उनकी लोकप्रियता में इजाफा दर्ज किया गया है। इसके अलावा बीजेपी के अंदरूनी सर्वे में महाविकास अघाड़ी को राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 33 पर जीत मिल सकती है। इस सर्वे ने भी बीजेपी नेताओं की नींद उड़ाई हुई है। बीजेपी किसी किसी भी सूरत में महाराष्ट्र को खोना नहीं चाहती है। इसलिए बीजेपी राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में एक मराठा चेहरा देना चाहती है। इसीलिए बीजेपी अजित पवार को रिझाने की कोशिश में जुटी हुई है। राज्य में 35 फीसदी मराठा हैं।

खुद फैसला करें अजित पवार
बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के मुद्दे शरद पवार ने अजित पवार से कहा है कि इस विषय पर वह खुद फैसला लें। पवार बीजेपी से साथ जाकर अपने कई दशक पुराने करियर पर दाग नहीं लगाना चाहते हैं। वहीं अजित पवार के समर्थक यह चाहते हैं अजित पवार पहले शरद पवार का आशीर्वाद लें. उसके बाद आगे बढ़ें। समर्थक इस बात से भी डर रहे हैं कि कहीं साल 2019 की तरह का वाकया न हो। उस समय अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस की सरकार महज 80 घंटों में ही गिर गयी थी। शरद पवार बीजेपी के साथ जाने से हिचक रहे हैं। अजित पवार के समर्थकों को पता है कि पार्टी के संरक्षक के खिलाफ जाने का मतलब राजनीतिक आत्महत्या हो सकती है। क्योंकि शरद पवार की जनता के मूड को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए, एनसीपी के विधायकों ने अजित पर किसी तरह शरद पवार का आशीर्वाद लेने का दबाव डाला है।

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News