दिल्ली में घर खरीदना होगा और भी महंगा, 35 % तक बढ़ सकता है सर्किल रेट, यहां चेक करें पूरी लिस्ट h3>
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा हमने सुझावों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने और अपने प्रस्ताव पर फिर से काम करने का फैसला किया है। मौजूदा सर्किल रेट और बाजार दर जिस पर संपत्तियों की बिक्री और खरीद होती है उसमें एक बड़ा अंतर है। हम 35% तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव करेंगे। साथ ही फीडबैक के आधार पर कुछ कॉलोनियों की श्रेणियों को मौजूदा बाजार दरों के आधार पर अपग्रेड करने पर भी विचार करेंगे।
सर्किल रेट राजधानी दिल्ली में भूमि और अचल संपत्ति के मूल्यांकन के लिए न्यूनतम दरें, सभी मौजूदा श्रेणियों में आवासीय क्षेत्रों के लिए आखिरी बार 2014 में बढ़ाई गई थीं। दिल्ली सरकार ने एग्रीकल्चर लैंड यानी कृषि योग्य भूमि के सर्किट को इसी महीने बढ़ाकर अधिकतम 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ कर दिया है। दिल्ली में इससे पहले प्रति एकड़ एग्रीकल्चर लैंड का अधिकतम सर्किल रेट 53 लाख रुपये था।
दिल्ली सरकार ने 2016 में एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया और दरों में संशोधन के लिए सिफारिश देने के लिए 2021 में चार कार्य समूहों का गठन किया, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मार्च 2022 में इस बात पर जोर दिया था कि जीएसटी के अलावा अन्य क्षेत्रों में सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए बाजार दरों के अनुसार सर्कल दरों को संशोधित करना जरूरी हो गया है और एलजी वीके सक्सेना ने भी पिछले साल सितंबर में राजस्व विभाग से कहा था।
अधिकारियों के मुताबिक, राजस्व विभाग द्वारा तैयार किया गया प्रस्ताव सब कैटेगरी के लिए उचित तर्क देने में विफल रहा। 2004 में दिल्ली को आठ श्रेणियों में विभाजित करते हुए सर्किल रेट तय किए गए थे। हालांकि इसको लेकर कई लोगों ने कहा कि जो पॉश कॉलोनियां हैं वह निचली कैटेगरी में है। और वहां सर्किल रेट कम है। इसके साथ ही यह कहा गया कि कुछ कॉलोनियां जो ए और बी कैटेगरी में है वह पॉश कॉलोनी नहीं है। इसके बाद सब कैटेगरी का सुझाव दिया गया।