नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा करने के लिए आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया.
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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक का मकसद दिल्ली सरकार के साथ मिलकर जनता को कोरोना से बचाने के लिए रणनीति बनाते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाना था. इस दौरान गहनता से चर्चा के बाद गृह मंत्रालय ने कई आगामी फैसलों पर मुहर लगाई, जिससे कोरोना को नियंत्रण करने में मदद मिलेगर. आइए जानते हैं किन-किन फैसलों पर लगी मुहर:-
1. बैठक में विभिन्न फैसलों पर मंथन हुआ. इसमें सर्वप्रथम फैसला दिल्ली में RT-PCR टेस्ट यानी कोरोना टेस्ट की संख्या को दोगुना करना है.
2. दिल्ली में लैबों की क्षमता का अधिक से अधिक उपयोग करके, जहां कोविड होने का खतरा ज्यादा है, वहां स्वास्थ्य मंत्रालय तथा ICMR की मोबाइल टेस्टिंग वैनों को तैनात किया जाएगा.
3. दिल्ली में अस्पतालों की क्षमता तथा अन्य मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता में वृद्धि करने के निर्देश दिए.
4. इसी दिशा में मई में बनाए गए धौला कुआं स्थित DRDO के कोविड अस्पताल में 250 से 300 ICU बेड और शामिल किए जाएंगे. इसे गंभीर कोविड रोगियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
5. ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेडों की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से छतरपुर के 10,000 बेड वाले कोविड सेंटर को और सशक्त किया जाएगा.
6. MCD के कुछ चिन्हित अस्पतालों को हल्के-फुल्के लक्षण वाले कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए डेडिकेटेड अस्पतालों के रूप में परिवर्तित किया जाएगा.
7. कोविड-19 संबंधी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता तथा मरीजों की भर्ती की स्थिति के इंस्पेक्शन तथा पहले लिए निर्णय के अनुसार, बेडों की उपलब्धता की सही स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाने के लिए, डेडिकेटेड बहु-विभागीय टीमें, दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में जाएंगी.
8. पहले शुरू किए गए सारे कंटेनमेंट उपायों की समीक्षा होगी. जैसे कंटेनमेंट जोन की स्थापना, कंटेक्ट ट्रेसिंग तथा क्वारंटीन और स्क्रीनिंग.
9. विशेषकर वह लोग जिन्हें कोविड होने का खतरा अधिक है उनकी लगातार समीक्षा की जानी चाहिए ताकि रोकथाम उपायों को लागू करने में कोई कमी ना रह जाएगी.
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