दिल्ली में आफत घर छोड़ने को मजबूर लोग, बाढ़ के डर से फ्लाईओवर पर पहुंची हजारों जिंदगी

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दिल्ली में आफत  घर छोड़ने को मजबूर लोग, बाढ़ के डर से फ्लाईओवर पर पहुंची हजारों जिंदगी

दिल्ली में आफत घर छोड़ने को मजबूर लोग, बाढ़ के डर से फ्लाईओवर पर पहुंची हजारों जिंदगी

फ्लाईओवर के नीचे हजारों लोग

मयूर विहार फ्लाईओवर के नीचे अपने परिवार के साथ शरण लेने वाले कृष्णा ने बताया कि पूरे फ्लाईओवर के नीचे एक हजार से अधिक लोग अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं। अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि खाना तो खुद बना लिया, लेकिन पीने के पानी की बहुत किल्लत है। यहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

रिक्शा में सामान भरकर निकले

रिक्शा में सामान भरकर निकले

चिल्ला बेला में सब्जियां उगाने वाले अजय पाल ने बताया कि उनके परिवार में 10-12 लोग हैं। सोमवार आधी रात 12 बजे के करीब जब यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा तो उन्होंने परिवार के साथ सामान समेटना शुरू कर दिया था। इसके बाद रिक्शा में सामान भरकर बाहर निकाल लाए थे। राजू नामक किसान ने बताया कि वह सोमवार रात 8 बजे ही परिवार के साथ झुग्गी से जरूरी और महंगे सामान समेटकर सुरक्षित बाहर निकल आए थे। प्रभावित लोगों ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से पीने के पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे खासकर महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

तेजी से चल रहा राहत और बचाव कार्य

तेजी से चल रहा राहत और बचाव कार्य

दूसरी ओर, मौके पर मिले जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है। जगह-जगह टेंट लगाने का काम चल रहा है। प्रभावितों के लिए एनजीओ ‘अक्षय पात्र’ के अलावा शीशगंज गुरुद्वारा भी खाने की व्यवस्था कर रहा है। वहीं एक एनजीओ ने यहीं पर खाना बनाने के लिए जगह मांगी थी, जो उन्हें उपलब्ध करा दी गई है।

अनाउसमेंट कर लोगों से सुरक्षित जगह पर पहुंचने की अपील

अनाउसमेंट कर लोगों से सुरक्षित जगह पर पहुंचने की अपील

अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन दिन से लगातार यमुना खादर में अनाउसमेंट कर लोगों से सुरक्षित जगह पर पहुंचने की अपील की जा रही थी, लेकिन ज्यादातर लोग अपनी झुग्गियां छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। कई लोगों को रात के समय जबरन बाहर निकाला गया, लेकिन सुबह फिर वे अपनी झुग्गी में ही मिले। खादर में पानी आते ही सांप भी बाहर निकल आते हैं। सोमवार को एक किशोर को सांप ने काट भी लिया। उसे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

रेहड़ी-रिक्शा चालाने वालों की बढ़ी परेशानी

रेहड़ी-रिक्शा चालाने वालों की बढ़ी परेशानी

सामान ढोने वाला ठेला चलाने वाले नीरू ने बताया कि वह खजूरी से सामान लोड कर चावड़ी बाजार जाने के लिए लोहे के पुराने पुल पर पहुंचे, लेकिन यमुना में आई बाढ़ की वजह से पुल को बंद कर दिया गया। अब उन्हें लंबा चक्कर काटकर वापस धर्मपुरा वाई-पॉइंट होते हुए शास्त्री पार्क फ्लाईओवर के ऊपर से जाना पड़ेगा। इसमें समय और मेहनत बहुत लगेगी। इसी तरह से सुधीर कुमार भी गांधी नगर से सामान लोड कर नया बाजार जाने के लिए निकले थे, लेकिन पुल बंद होने से उन्हें भी काफी लंबा चक्कर काटकर नया बाजार जाना पड़ेगा। सोमवार को गांधी नगर मार्केट बंद रहती है, इसलिए मंगलवार को आसपास की मार्केट के कारोबारियों से मिले ऑर्डर डिलिवर किए जाते है। इसलिए सुबह से लेकर शाम तक दर्जनों ठेले वालों को लोहे का पुल बंद होने से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।

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