दिल्ली की शकूरबस्ती में बनेगा वंदे भारत ट्रेनों का ‘अड्डा’, जानिए क्या होगा खास

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दिल्ली की शकूरबस्ती में बनेगा वंदे भारत ट्रेनों का ‘अड्डा’, जानिए क्या होगा खास

दिल्ली की शकूरबस्ती में बनेगा वंदे भारत ट्रेनों का ‘अड्डा’, जानिए क्या होगा खास

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः दिल्ली के शकूरबस्ती में वंदे भारत ट्रेनों की मेंटिनेंस के लिए शेड बनाने का रास्ता साफ हो गया है। शकूरबस्ती रेलवे शेड को वंदे भारत ट्रेनों की मरम्मत के लिए ग्लोबल हब के रूप में तैयार किया जा रहा है। यहां एक साथ 17 वंदे भारत ट्रेनसेट के रखरखाव और मरम्मत का काम किया जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट की आखिरी अड़चन दूर हो गई है। दिल्ली सरकार ने शकूरबस्ती में शेड बनाने के लिए पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर बनी गाइडलाइंस के अनुसार निर्माण एजेंसी को 78 पेड़ों को हटाने और ट्रांसप्लांट करने के बदले में 780 नए पौधे लगाने की शर्त के साथ इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

बता दें रेलवे शेड बनाने का काम रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन के सहयोग से तैयार किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत वंदे भारत ट्रेनों की मेंटिनेंस के लिए रेलवे को दिल्ली के शकूरबस्ती में एक नए मेंटिनेंस ट्रेन शेड का निर्माण करना है। इस शेड की खास बात यह है कि यहां एक साथ पूरी ट्रेन को ऊपर उठाकर मेंटेनेस किया जा सकेगा। अभी तक अलग-अलग कोच को लिफ्ट करके ऐसा किया जाता है।

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प्रोजेक्ट में रुकावट बन रहे थे पेड़
प्रस्तावित कंस्ट्रक्शन साइट के एक हिस्से में लगे पेड़ों की वजह से निर्माण कार्य में बाधा आ रही थी। इसे देखते हुए रेलवे के अधिकारियों ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था। इसके जरिए साइट को खाली करने के लिए 8 पेड़ों को हटाने और 70 पेड़ों के ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी मांगी गई थी। रेलवे के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रेलवे को आधुनिक बुनियादी ढांचे की सख्त जरूरत है। इस मंजूरी से देश को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके अलावा हम सक्रिय रूप से यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि आधुनिक विकास का दिल्ली पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसलिए प्रभावित होने वाले किसी भी पेड़ की भरपाई के लिए 10 गुना पौधे लगाने को अनिवार्य किया गया है। सीएम की मंजूरी के बाद अब इस प्रस्ताव को एलजी के समक्ष रखा जाएगा।

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दिल्ली सरकार ने कहा है कि पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन चिह्नित साइट के पास ही किया जाएगा। अगर अप्रूव किए गए पेड़ों के अलावा साइट पर किसी भी अन्य पेड़ को नुकसान पहुंचता है, तो दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत इसे एक अपराध माना जाएगा। पेड़ों को हटाने के बदले में जो 780 नए पौधे लगाए जाने हैं, उन्हें भी पेड़ों को ट्रांसफर करने की अनुमति जारी होने की तारीख से 3 महीने के अंदर चिह्नित स्थानों पर लगाने होंगे। दिल्ली सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार रेलवे अगले सात सालों तक इन पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी लेगा। दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे।

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