दिल्ली एयरपोर्ट पर तस्करों के लिए आफत बनी क्राइम एंड इंटेलिजेंस विंग, 70 दिन में 5 करोड़ की विदेशी करेंसी पकड़ी
- 21 जुलाई को 1.25 करोड़ रुपये की विदेशी करेंसी पकड़ी
- 29 जून को 59 लाख रुपये की विदेशी करेंसी बरामद
- 31 जुलाई को 60 लाख रुपये की विदेशी करेंसी पकड़ी
- 14 अगस्त को 40 लाख रुपये की विदेशी करेंसी पकड़ी
- 30 अगस्त को 41 लाख रुपये की विदेशी करेंसी पकड़ी गई
- 1 सितंबर को 45 लाख 50 हजार रुपये की विदेशी करेंसी पकड़ी
- 7 सितंबर को 52 लाख 50 हजार रुपये की विदेशी करेंसी पकड़ी
- 9 सितंबर को 35 लाख रुपये की विदेशी करेंसी पकड़ी गई
आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल 29 जून से 9 सितंबर तक ही सीआईएसएफ ने करीब 5 करोड़ रुपये की विदेशी करेंसी पकड़कर कस्टम के हवाले की। इसमें से अधिकतर मामलों में इसी विंग का हाथ रहा। जिन्होंने यात्रियों की बॉडी लैंग्वेज और अन्य तकनीक से उन्हें पकड़वाने में मदद की। इसमें संदिग्ध यात्री को सीआईएसएफ एकदम से नहीं पकड़ती है। बल्कि ऐसे संदिग्ध यात्री की टी-3 में एंट्री से लेकर इमिग्रेशन और जरूरत के मुताबिक कस्टम जांच होने के बाद इन्हें उस वक्त पकड़ती है।
जब यह लोग विदेश जाने के लिए फ्लाइट में बैठने वाले होते हैं। जब इनके हैंड बैग और रजिस्टर्ड लगेज की जांच की जाती है, तो अधिकतर मामलों में सीआईएसएफ का शक सही साबित होता है और ऐसे संदिग्ध यात्रियों के पास लाखों रूपये की विदेशी करेंसी मिलती है। यह करेंसी दिल्ली से अधिकतर दुबई और बैंकॉक ले जाई जा रही हैं। जहां से दिल्ली में लगातार गोल्ड और विदेशी सिगरेट समेत अन्य सामान स्मगलिंग करके लाया जा रहा है। पूछताछ में आरोपी यात्री यही बात बताते हैं कि विदेशों से स्मगलिंग करके लाए गए सामान की पेमेंट भी तो करनी होती है। इसलिए यहां से यह विदेशी करेंसी ले जाई जाती है।