दिल्लीः वकील की हत्या के विरोध में 5 और 6 को भी जारी रहेगी वकीलों की हड़ताल
पटियाला हाउस कोर्ट के वकील वीरेंद्र कुमार नरवाल की द्वारका इलाके में हत्या के बाद दिल्ली के वकीलों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने की मांग शुरू कर दी है। इसी मांग को पूरा करने के लिए आज दिल्ली की सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हड़ताल का फैसला लिया गया था। सूत्र ने बताया कि अमूमन जब दिल्ली की कोर्ट में हड़ताल रहती है तो भी कई वकील जरूरी मामले जैसे बेल, स्टे आदि का हवाला देकर अंदर जाने की जिद्द करते हैं। जिसके चलते झड़प भी हो जाती हैं। मगर इस बार जब एक वकील की निर्मम हत्या कर दी गई तो वकीलों ने खुद ही अंदर जाने का प्रयास नहीं किया। ऐसे में जिन लोगों की बेल पर सुनवाई होनी थी, वह नहीं हुई। जो जेल में था, उसे जेल में रहना होग। यही नहीं जिसे बेल मिल गई थी और आज बेल बोंड जमा होना था। उसे भी बोंड जमा न होने के चलते जेल में ही रहना होगा। इसके अलावा किसी को पेमेंट मिलनी थी या किसी मामले पर स्टे लेना था, उन्हें भी अगली तारीख दे दी गई।
इसे हड़ताल न कहें, वकील केवल अपने काम से दूर रहे। किसी को अंदर जाने से रोका नहीं गया, वकील इस बार खुद ही अंदर नहीं गए। आज शाम को मीटिंग में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
ओएन शर्मा, सेक्रेटरी, नई दिल्ली बार असोसिएशन, पटियाला हाउस कोर्ट
बता दें कि द्वारका सेक्टर 1 की रेड लाइट के पास मणिपाल हॉस्पिटल के ठीक सामने बाइक सवार दो बदमाशों ने एडवोकेट वीरेंद्र कुमार को उस समय गोली मार दी थी, जब वह अकेले गाड़ी से कहीं जा रहे थे। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि दोनों हमलावर काफी समय से बाइक से उनका पीछा कर रहे थे। मणिपाल हॉस्पिटल के सामने जैसे ही उनकी गाड़ी स्लो हुई, उन पर ताबड़तोड़ कई राउंड फायर करके फरार हो गए। वीरेंद्र पर लगभग 6 साल पहले भी रोहिणी कोर्ट के बाहर हमला हुआ था, जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। फिर वीरेंद्र को पुलिस की सुरक्षा मिली थी। कोविड के दौरान उनकी सुरक्षा हटा दी गई थी। इनका परिवार गुड़गांव में रहता है। वे आजकल द्वारका के एक अपार्टमेंट में अकेले रहते थे।
जरूरी मामलों में वकीलों को अंदर जाने की अनुमति थी। दिल्ली सरकार को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना ही होगा। अगर इसे लागू नहीं किया जाता है तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन भी हो सकती है। यही नहीं जरूरत पड़ी तो हम विधानसभा से लेकर संसद तक का घेराव भी करेंगे।
रमन शर्मा, सेक्रेटरी, शाहदरा बार असोसिएशन, कड़कड़डूमा कोर्ट