दिन में बुलडोजर रात में ओवैसी… दिल्ली में जहांगीरपुरी ऐसे बना सियासत का नया केंद्र

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दिन में बुलडोजर रात में ओवैसी… दिल्ली में जहांगीरपुरी ऐसे बना सियासत का नया केंद्र

दिन में बुलडोजर रात में ओवैसी… दिल्ली में जहांगीरपुरी ऐसे बना सियासत का नया केंद्र

Jahangirpuri becomes Political Hub: दिल्‍ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा के दौरान हुई झड़पों के बाद यह लगातार सुर्खियों में है। यह कहना गलत नहीं होगा कि जहांगीरपुरी सियासत का नया केंद्र बन गया है। बुधवार को यहां बुलडोजरों की गड़गड़ाहट के साथ सियासी शोर भी बढ़ गया। दिन में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चले तो रात में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने जहांगीरपुरी पहुंच एमसीडी की कार्रवाई पर सवाल उठाए। खुद को मुसलमानों के मसीहा के तौर पर पेश करने की कोशिश की। ओवैसी (Owaisi hits BJP-AAP) ने बीजेपी के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) को भी निशाने पर लिया। बुलडोजर एक्‍शन के बाद ओवैसी का इलाके के लोगों से मिलने पहुंचना बड़ा मैसेज देता है। मीडिया में इस मैसेज के मायने निकाले जाने लगे हैं। इसे दिल्‍ली की सियासत में ओवैसी के पैर जमाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। इन सभी पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं।

कैसे चर्चा में आया जहांगीरपुरी?
शनिवार 16 अप्रैल। दिल्‍ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी। इसी दौरान रास्‍ते में कहासुनी हुई। इसके बाद शोभायात्रा पर पथराव हुआ। फिर हिंसा भड़क गई। इस दौरान 8 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। एक एसआई के हाथ में गोली भी लगी। मामले में मुख्‍य आरोपी अंसार सहित कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हालांकि, पूरे मामले ने मजहबी रंग ले लिया है। यही इसके तूल पकड़ने की वजह है। हनुमान जयंती की घटना के बाद जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) के अतिक्रमण विरोधी अभियान ने सोने-पे-सुहागा का काम किया। इसे यूपी, एमपी और गुजरात के बुलडोजर एक्‍शन के साथ जोड़कर देखा गया। इन राज्‍यों में आरोपियों के मकानों को राज्‍य सरकारें जमींदोज करने का काम कर चुकी हैं। आज हर चौक-चौराहे पर बुलडोजर की चर्चा है।

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क्‍यों ओवैसी ने मार दी एंट्री?
जहांगीरपुरी में दिन में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलने के बाद रात में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी इलाके के लोगों से मिलने पहुंच गए। यह उनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्‍सा है। इसके जरिये ओवैसी दिल्ली की सियासत में पैर जमाना चाहते हैं। वह खुद को मुसलमानों का एकमात्र शुभचिंतक बताने और दिखाने की कोशिश करते हैं। इस लिहाज से जहांगीरपुरी की घटना उनकी पॉलिटिक्‍स के लिहाज से हर पैरामीटर में फिट बैठती है। बीजेपी पर आरोप लग रहे हैं कि बुलडोजरों के जरिये मुसलमानों को टारगेट कर रही है। ऐसे में समुदाय के लोगों के लिए फ्रंटफुट में आकर खेलने से ओवैसी को सीधा अडवांटेज मिलता है।

ओवैसी ने उठाया मजहबी एंगल?
दिल्‍ली पहुंचकर ओवेसी ने बीजेपी ही नहीं आप पर भी जमकर धावा बोला। उन्‍होंने बुलडोजर कार्रवाई की आलोचना की। मजहबी एंगल को यह कहकर हवा दी कि मस्जिद के सामने की दुकानों को तोड़ा गया, लेकिन मंदिर के सामने की दुकान को क्यों नहीं तोड़ा। आप को निशाने पर लेते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के घर हमला हुआ था तो उन्होंने आसमान सिर पर उठा लिया था।

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ओवैसी ने यह कहकर सहानुभूति की बंटोरने की कोशिश की कि पुलिस ने जामा मस्जिद पर उन्‍हें रोक लिया था। सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए वह यह भी बोले कि सरकार ने एक समुदाय को निशाना बनाकर उनकी दुकान और घर को नुकसान पहुंचाया है। कौन अपराधी है यह कोर्ट फैसला करेगा। 6-7 साल से बीजेपी की सरकार है तब अवैध निर्माण क्यों नहीं तोड़ा गया? पुलिस ने यात्रा की अनुमति नहीं दी तो यात्रा कैसे निकली? लोगों के पास हथियार कैसे आ गए? अगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया होता और हथियार जब्त कर लिए होते तो हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता।

एक-दूसरे पर हमलावर हैं बीजेपी-आप
जहांगीरपुरी में एक्‍शन के बाद बीजेपी और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे पर हमलावर हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि उसके हर काम को मजहबी रंग दे दिया जाता है। अवैध निर्माण कार्य को ध्‍वस्‍त करने मामले में भी ऐसा ही किया गया। वहीं, आप ने बीजेपी पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया। पार्टी के राज्‍यसभा सांसद राघव चड्ढा ने देश के कोने-कोने में हो रहे दंगों के लिए बीजेपी को कसूरवार ठहराया। साथ ही यह भी कहा कि इन्‍हें बीजेपी ही करवा रही है। देश में दंगे रोकने के लिए सबसे पहले बीजेपी मुख्‍यालय पर बुलडोजर चलना चाहिए। उन्‍होंने यह भी आरोप लगाया कि दंगा कराने में गृह मंत्री अमित शाह का भी हाथ है। दंगे रुकवाना है तो गृह मंत्री के घर पर बुलडोजर चलाना चाहिए।



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