दलित महिला को मंदिर में घुसने रोका, संविधान की दुहाई दे बोली- पुलिस बुलाउंगी; जवाब मिला- बुला लो; देखें वीडियो

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दलित महिला को मंदिर में घुसने रोका, संविधान की दुहाई दे बोली- पुलिस बुलाउंगी; जवाब मिला- बुला लो; देखें वीडियो

दलित महिला को मंदिर में घुसने रोका, संविधान की दुहाई दे बोली- पुलिस बुलाउंगी; जवाब मिला- बुला लो; देखें वीडियो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास की बात करते नजर आते हैं। तो वहीं भाजपा के बड़े नेता दलितों के घर जा कर भोजन भी करते हैं । लेकिन मध्यप्रदेश के खरगोन से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक दलित परिवार की महिला को शिव मंदिर में पूजा करने से रोका जा रहा है। यह वीडियो शिवरात्रि का बताया जा रहा है ।

जिसमें एक महिला पूजा की थाली लिए शिव मंदिर की चौखट पर खड़ी है । लेकिन उसे अंदर आने से मंदिर के पुजारी और वहां खड़ी महिलाएं रोक रही हैं। वीडियो सामने आने के बाद दलित समाज के लोग खरगोन में एसपी ऑफिस पहुंचे और पुजारी सहित अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे। पुलिस ने पुजारी सहित दो अन्य महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। 

खरगोन जिले के मेनगांव थाना क्षेत्र के ग्राम टेमला गांव में एक दलित युवती को शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करने से रोके जाने का विडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। टेमला गांव की दलित युवती  के साथ अनुसूचित जाति समाज के लोगों ने जिला मुख्यालय खरगोन पहुंचकर एसपी सिद्धार्थ चौधरी से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जिले में कई मंदिरो में जाने से रोका जाता है। इसके विरोध में एक ज्ञापन भी सौंपा। 

बताया जा रहा है की टेमला गांव में महाशिवरात्रि के पर्व पर दलित युवती पूजा खांडे को पुजारी सहित दो महिलाओं ने मंदिर में जाने से रोका था। यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद युवती सामने आई और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर दलितों के मंदिरो में जाने से रोकने का विरोध किया। वीडियो वायरल होने के बाद होने के बाद दलित समाज के लोग इस घटना विरोध में आ गए जिसके बाद मेनगांव थाने में पुजारी, दो महिलाओं सहित कुल तीन लोगो के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ है।  

क्या है वीडियो में?

वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि यह महिला मंदिर के चौखट पर खड़ी है। लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। महिला से कहा जा रहा है कि वो बाहर से ही पूजा कर ले। इसपर महिला कहती है कि वो बाहर से कैसे पूजा कर ले। लेकिन मंदिर के पुजारी उसे अंदर आने से बार-बार रोक रहे हैं। तब ही वहां पूजा कर रही एक अन्य महिला भी दलित महिला को मंदिर में ना जाने के लिए कहती है। इसपर दलित महिला कहती हैं कि वो पुलिस बुलाएंगी इसके जवाब में यह महिला कहती है कि हां, पुलिस बुला लो। काफी देर तक यह महिला पूजा की थाल हाथ में लिए मंदिर की चौखट पर खड़ी रहती हैं।

 

गणगौर पर्व पर भी बदल लेते हैं रास्ता

पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची दलित युवती ने आरोप लगाया कि निमाड़ के प्रसिद्ध पर्व गणगौर पर माता विराजी जाती है। लेकिन जब दलित समाज के लोग माता लेकर निकलते हैं तो उन्हें रास्ते में रोका जाता है और उन्हें दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहा जाता है। महिला ने कहा, ‘जिस रास्ते से हम होकर निकलते हैं उस रास्ते पर कंकर पत्थर और कांटे भरे पड़े होते हैं। हम लोगों को कांटे भरे रास्तों पर चलना पड़ता है।’ दलित युवती ने कहा कि आखिर कब तक यह सामाजिक असमानता बनी रहेगी । जबकि सरकार इस कुप्रथा को समाप्त करने की बात कहती है। 

वीडियो सामने आने पर प्रकरण किया दर्ज

एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने बताया की पुलिस को वीडियो वायरल होने की जानकारी मिली थी। गांव में पुलिस भेजी गई थी लेकिन समाजिक कारणों से पहले शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी। आज सुबह पुलिस ने गांव में पहुंचकर बयान के आधार पर धारा 505 आईपीसी 2 और एट्रोसिटी एक्ट के तहत तीन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस द्वारा उचित कार्यवाही की जाएगी।





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