दरभंगा ब्लास्ट केस में NIA को बड़ी कामयाबी, शामली पुलिस की मदद से पकड़े दो और आरोपी h3>
हाइलाइट्स:
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी और शामली पुलिस ने दरभंगा ब्लास्ट केस के दो और आरोपी पकड़े
- एसपी शामली ने बताया, दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर NIA के सुपुर्द किया गया
- 17 जून दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में हुआ था विस्फोट, NIA कर रही है जांच
- 30 जून को हैदराबाद से कैराना निवासी दो भाई नासिर और इमरान को गिरफ्तार किया गया
शामली
दरभंगा ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। 30 जून को हैदराबाद से दो भाइयों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को एजेंसी ने शामली के कैराना से दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तारी किया है। इस बेहद संवेदनशील ऑपरेशन में शामली पुलिस ने बखूबी साथ निभाया। आरोपियों को एनआईए ने अपनी हिरासत में ले लिया है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है।
शामली के एसपी सुकीर्ति माधव ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया, ’17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में विस्फोट हुआ था। रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एजेंसी ने 30 जून को हैदराबाद से कैराना निवासी दो भाइयों नासिर और इमरान को गिरफ्तार किया। इसके बाद एनआईए ने आगे की कार्रवाई के लिए हमसे सहयोग मांगा।’
शामली पुलिस और एनआईए ने दो और आरोपियों को पकड़ा
उन्होंने बताया, ‘शुक्रवार को शामली पुलिस ने NIA का सहयोग करते हुए घटना से जुड़े दो अभियुक्तों हाजी सलीम पुत्र मोहम्मद यासीन और कफील अहमद पुत्र शकील अहमद अंसारी को हिरासत में लेकर NIA के सुपुर्द किया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई केंद्रीय एजेंसी करेगी।’
हैदराबाद से गिरफ्तार हुए दोनों भाई रिटायर्ड फौजी के बेटे
30 जून को हैदराबाद से गिरफ्तार हुए दोनों सगे भाई मूल रूप से कैराना के रहने वाले हैं और रिटायर्ड फौजी के बेटे हैं। लोगों का कहना है कि दोनों भाई कई वर्षों से हैदराबाद में रहकर कपड़ा बेचने का काम कर रहे थे। पिता कैराना में अपने घर पर अकेले ही रहते हैं। बताया गया है कि दरभंगा रेलवे स्टेशन पर जिस पार्सल में ब्लास्ट हुआ था उस पार्सल को उतारते हुए दो संदिग्ध युवक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। इसके बाद बुधवार को कैराना के निवासी दो भाइयों को हैदराबाद में एनआईए-एटीएस की टीम ने हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
2012 में पाकिस्तान गया था नासिर, वहीं से ली थी ‘ट्रेनिंग’
नासिर 2012 में पाकिस्तान गया था। दोनों को इनके हैंडलर्स ने सोशल मीडिया के जरिए आईईडी बनाने के तरीके की जानकारी दी। इसके बाद स्थानीय तौर विस्फोटक और अन्य सामान लेकर एक पार्सल बनाया गया। उसके बाद पाकिस्तान से मिले निर्देश के मुताबिक लंबी दूरी की रेलगाड़ी को ‘बर्निंग ट्रेन’ बनाने के लिए दरभंगा की ट्रेन में बम रख दिया गया। हैदराबाद के सिकंदराबाद स्टेशन पर कपड़े के गट्ठर में छिपाकर रखा गया था, जो दरभंगा में फट गए।
एनआईए ने दोनों के घर की ली तलाशी, मिला काफी सारा सामान
एनआईए ने गुरुवार को दोनों आतकंवादियों के हैदराबाद स्थित घर पर छापेमारी कर आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाले डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए। एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने न्यू मेलापल्ली में उनके घर की तलाशी ली और अपराध में इस्तेमाल होने वाला काफी सामान और डिजिटल उपकरण बरामद किए। उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद, एनआईए ने कहा था कि गिरफ्तार आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादियों की ओर से पूरे भारत में आतंकवादी कारनामों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थे।
हाइलाइट्स:
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी और शामली पुलिस ने दरभंगा ब्लास्ट केस के दो और आरोपी पकड़े
- एसपी शामली ने बताया, दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर NIA के सुपुर्द किया गया
- 17 जून दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में हुआ था विस्फोट, NIA कर रही है जांच
- 30 जून को हैदराबाद से कैराना निवासी दो भाई नासिर और इमरान को गिरफ्तार किया गया
दरभंगा ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। 30 जून को हैदराबाद से दो भाइयों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को एजेंसी ने शामली के कैराना से दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तारी किया है। इस बेहद संवेदनशील ऑपरेशन में शामली पुलिस ने बखूबी साथ निभाया। आरोपियों को एनआईए ने अपनी हिरासत में ले लिया है और उनसे आगे की पूछताछ की जा रही है।
शामली के एसपी सुकीर्ति माधव ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया, ’17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर एक पार्सल में विस्फोट हुआ था। रेलवे स्टेशन पर ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंपी गई थी। एजेंसी ने 30 जून को हैदराबाद से कैराना निवासी दो भाइयों नासिर और इमरान को गिरफ्तार किया। इसके बाद एनआईए ने आगे की कार्रवाई के लिए हमसे सहयोग मांगा।’
शामली पुलिस और एनआईए ने दो और आरोपियों को पकड़ा
उन्होंने बताया, ‘शुक्रवार को शामली पुलिस ने NIA का सहयोग करते हुए घटना से जुड़े दो अभियुक्तों हाजी सलीम पुत्र मोहम्मद यासीन और कफील अहमद पुत्र शकील अहमद अंसारी को हिरासत में लेकर NIA के सुपुर्द किया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई केंद्रीय एजेंसी करेगी।’
हैदराबाद से गिरफ्तार हुए दोनों भाई रिटायर्ड फौजी के बेटे
30 जून को हैदराबाद से गिरफ्तार हुए दोनों सगे भाई मूल रूप से कैराना के रहने वाले हैं और रिटायर्ड फौजी के बेटे हैं। लोगों का कहना है कि दोनों भाई कई वर्षों से हैदराबाद में रहकर कपड़ा बेचने का काम कर रहे थे। पिता कैराना में अपने घर पर अकेले ही रहते हैं। बताया गया है कि दरभंगा रेलवे स्टेशन पर जिस पार्सल में ब्लास्ट हुआ था उस पार्सल को उतारते हुए दो संदिग्ध युवक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। इसके बाद बुधवार को कैराना के निवासी दो भाइयों को हैदराबाद में एनआईए-एटीएस की टीम ने हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
2012 में पाकिस्तान गया था नासिर, वहीं से ली थी ‘ट्रेनिंग’
नासिर 2012 में पाकिस्तान गया था। दोनों को इनके हैंडलर्स ने सोशल मीडिया के जरिए आईईडी बनाने के तरीके की जानकारी दी। इसके बाद स्थानीय तौर विस्फोटक और अन्य सामान लेकर एक पार्सल बनाया गया। उसके बाद पाकिस्तान से मिले निर्देश के मुताबिक लंबी दूरी की रेलगाड़ी को ‘बर्निंग ट्रेन’ बनाने के लिए दरभंगा की ट्रेन में बम रख दिया गया। हैदराबाद के सिकंदराबाद स्टेशन पर कपड़े के गट्ठर में छिपाकर रखा गया था, जो दरभंगा में फट गए।
एनआईए ने दोनों के घर की ली तलाशी, मिला काफी सारा सामान
एनआईए ने गुरुवार को दोनों आतकंवादियों के हैदराबाद स्थित घर पर छापेमारी कर आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाले डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए। एनआईए प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए ने न्यू मेलापल्ली में उनके घर की तलाशी ली और अपराध में इस्तेमाल होने वाला काफी सामान और डिजिटल उपकरण बरामद किए। उनकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद, एनआईए ने कहा था कि गिरफ्तार आरोपी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकवादियों की ओर से पूरे भारत में आतंकवादी कारनामों को अंजाम देने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा थे।