थर्ड अंपायर के फैसले पर हो रही थू-थू, पोंटिंग से लेकर लैंगर तक सभी ने दिया शुभमन का साथ

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थर्ड अंपायर के फैसले पर हो रही थू-थू, पोंटिंग से लेकर लैंगर तक सभी ने दिया शुभमन का साथ


थर्ड अंपायर के फैसले पर हो रही थू-थू, पोंटिंग से लेकर लैंगर तक सभी ने दिया शुभमन का साथ

ओवल: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन के ओवल में जारी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में एक विवाद उठ खड़ा हुआ है। यह विवाद थर्ड अंपायर के फैसले को लेकर है। दरअसल खेल के चौथे दिन टी ब्रेक से ठीक पहले टीम इंडिया के शुभमन गिल ने स्कॉट ब्लॉन्ड की गेंद पर एक शॉट खेलने का प्रयास किया लेकिन गेंद उनके बैट को छूते हुए स्लिप में चली गई। वहां कैमरून ग्रीन ने अपने दाईं ओर डाइव लगाते हुए कैच को पकड़ा, लेकिन जब गेंद कैमरून ग्रीन की उंगली में जाकर फंसी तो ऐसा लगा कि वह ग्राउंड से टच हो गई है।वीडियो रीप्ले में कैच को कई बार अलग-अलग एंगल से कैच को देखा गया लेकिन पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया कि कैच सही पकड़ा गया है या फिर नहीं, लेकिन अंपायर इसके बावजूद शुभमन गिल को आउट करार दे दिया। थर्ड अंपायर के इस फैसले के बाद कमेंट्री बॉक्स में कई पूर्व क्रिकेटरों ने इस फैसले पर अपनी निराशा जाहिर की है।

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच जस्टिन लैंगर ने टी ब्रेक के दौरान कहा, ‘अगर इस कैच में बल्लेबाज स्टीव स्मिथ होते तो अंपायर निश्चित रूप से उन्हें नॉट आउट करार देते लेकिन शुभमन गिल के साथ ऐसा नहीं हुआ।’

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा, ‘गेंद कैमरून ग्रीन के हाथ में भले ही जमीन से 6-8 इंच ऊपर गई हो लेकिन मेरा सवाल यह है कि कैच पूरा करने के बाद क्या गेंद का कोई हिस्सा जमीन को छू गया था। मुझे यकीन है कि रोहित शर्मा अंपायरों के साथ यही बहस कर रहे थे। मुझे यकीन है कि शुभमन गिल इतने निराश क्यों हैं।’

रिकी पोंटिंग से कुमार संगाकारा भी सहमत नजर आए। उन्होंने कहा, ‘यह इस बारे में है कि आप इस कैच को कैसे देखते हैं। ग्रीन ने गेंद के नीचे उंगलियों से पकड़ा लेकिन अगर गेंद का कोई हिस्सा जमीन को छूता है तो इसे गेंद को हाथ में रहने में मदद करने के रूप में समझा जाता है और आमतौर पर अंपायर हमेशा नॉट आउट ही देता है।’

रवि शास्त्री का भी लगभग यही मानना है। उन्होंने कहा, ‘थर्ड अंपायर ने सोचा होगा कि उंगलियां गेंद के नीचे थी लेकिन सवाल यह है कि क्या कैच पूरा करने के बाद गेंद जमीन से तो टच नहीं कर गई।’

सुनील गावस्कर ने कहा, ‘अगर मैदान पर अंपायर बल्लेबाज को आउट देता है तो उस निर्णय को बदलने के लिए जरूरी है कि थर्ड अंपायर को पर्याप्त ऐसे सबूत देखने को जिससे की उसे नॉट दिया जा सके।’

भारत को मिला है 444 रनों का लक्ष्य

भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में जीत के लिए 444 रनों का विशाल लक्ष्य मिला है। मैच के पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 469 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में भारत 296 रन ही बना सकी थी। वहीं दूसरी पारी में कंगारू टीम ने 270 रन बनाकर पारी को घोषित करने का फैसला किया था। ऐसे में टीम इंडिया को मैच में जीतने के लिए 444 रनों का लक्ष्य मिला।

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