तेजस्वी यादव का दावा फेल? सरकारी अस्पतालों में दवा नहीं, जांच भी बंद; प्राइवेट लैब की चांदी

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तेजस्वी यादव का दावा फेल? सरकारी अस्पतालों में दवा नहीं, जांच भी बंद; प्राइवेट लैब की चांदी

तेजस्वी यादव का दावा फेल? सरकारी अस्पतालों में दवा नहीं, जांच भी बंद; प्राइवेट लैब की चांदी

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्यमंत्री तेजस्वी यादव बिहार में दावा करते नहीं थकते कि सरकारी अस्पतालों में सभी प्रकार की दवाएं और मुफ्त जांच की पूरी सुवधाएं मरीजों को दी जा रही हैं। लेकिन, सच्चाई ऐसी नहीं है। सदर अस्पताल से उप स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीजों को दी जाने वाली दवाएं स्टॉक से  गायब हैं और जांच भी बंद है। सरकार की एजेंसी बीएमएसआईसीएल से सभी दवाएं नहीं आने के कारण सरकारी अस्पतालों में मरीज परेशान हैं। उन्हें आधी दवाएं बाजार से खरीदनी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर सरकारी अस्पतालों में दवा उपलब्ध रखने के लिए एक सूची बनाई गई है, लेकिन, किसी भी अस्पताल में इसके अनुसार दवा मरीजों को नहीं मिल रही हैं।

मेडिकल कॉलेज में पूरी दवा नहीं

बिहार के बड़े अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में भी सरकारी सूची के अनुसार पूरी दवा नहीं है। मेडिकल कॉलेज में 611 तरह की दवा रखनी है, जिनमें 351 तरह की दवाएं ही है। सदर अस्पताल में 456 में 256 तरह की दवाएं मरीजों को दी हैं। पीएचसी में 294 में 213, सीएचसी में 309 में 215, एपीएचसी में 193 में 155, शहरी पीएचसी में 180 में 143 और उप स्वास्थ्य केंद्र में 32 में 27 तरह की दवाएं ही मौजूद हैं। ऐसे में जब डॉक्टर मरीजों को दवा लिखते हैं तो उन्हें प्राइवेट दुकानों से खरीद करना पड़ता है।

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सदर में अल्ट्रासाउंड बंद 

मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में छह महीने से अल्ट्रासांड जांच नहीं हो रही है। डॉक्टर नहीं होने से यहां जांच बंद है। वहीं मेडिकल कॉलेज में अल्ट्रसाउंड के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। अस्पताल में एक मरीज का नंबर एक महीने के बाद आ रहा है। दोनों सरकारी अस्पतालों में जांच नहीं होने से प्राइवेट लैब वालों की चांदी हैं। मरीज इलाज के लिए अपनी जेब ढीली करने पर मजबूर हैं।

सदर से लेकर मेडिकल तक सभी जांच सुविधा नहीं

 सरकारी अस्पतालों में दवा के साथ मरीजों की सभी तरह की जांच भी नहीं हो रही है। मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के पैथोलॉजी में यूरिन और कालाजार की जांच नहीं हो रही है। किट नहीं होने से ये जांच बंद हैं। मेडिकल कॉलेज में सीबीसी की जांच नहीं हो रही है। मेडिसिन विभाग में इको जांच की मशीन नहीं है। इसके अलावा सदर अस्पताल में बायोप्सी जांच बंद है। यह मशीन 15 दिनों से खराब है। मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. रामाकांत प्रसाद ने बताया कि इको जांच मशीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. महेश प्रसाद ने बताया कि सीबीसी जांच के लिए रीएजेंट नहीं है। डिमांड भेज दी गयी है।

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